31.12.18

9. न्याय के कार्य को करने के लिए देह-धारण किया हुआ परमेश्वर किस तरह मानव जाति के अस्पष्ट परमेश्वर में विश्वास को और शैतान के प्रभुत्व के अंधेरे युग को समाप्त करता है?(13)

       परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

      यह कार्य परमेश्वर द्वारा पृथ्वी पर विभिन्न आपदाओं को प्रकट करके किया जाना होगा। परन्तु परमेश्वर प्रकट नहीं होगा; क्योंकि, इस समय, बड़े लाल अजगर का राष्ट्र अभी भी मैली भूमि होगा, परमेश्वर प्रकट नहीं होगा, परंतु केवल ताड़ना के रूप में उभरकर आएगा। परमेश्वर का धर्मी स्वभाव ऐसा है, और कोई इससे बच नहीं सकता।

30.12.18

9. न्याय के कार्य को करने के लिए देह-धारण किया हुआ परमेश्वर किस तरह मानव जाति के अस्पष्ट परमेश्वर में विश्वास को और शैतान के प्रभुत्व के अंधेरे युग को समाप्त करता है?(12)

        परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:


      जब सभी लोग को पूर्ण बना लिया गया होगा और पृथ्वी के सभी राष्ट्र मसीह का राज्य बन गए होंगे, तब वह समय होगा जब सात बिजलियाँ गरजती हैं। वर्तमान दिन उस चरण की दिशा में आगे एक लंबा कदम है,आने वाले समय पर आवेश उन्मुक्त कर दिया गया है। यह परमेश्वर की योजना है—निकट भविष्य में इसका एहसास हो जाएगा।

29.12.18

9. न्याय के कार्य को करने के लिए देह-धारण किया हुआ परमेश्वर किस तरह मानव जाति के अस्पष्ट परमेश्वर में विश्वास को और शैतान के प्रभुत्व के अंधेरे युग को समाप्त करता है?(11)

       परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:


      मेरे वचनों के पूर्ण होने के बाद, राज्य धीरे-धीरे पृथ्वी पर आकार लेने लगता है और मनुष्य धीरे-धीरे सामान्य हो जाता, और इस प्रकार पृथ्वी पर मेरे हृदय में राज्य स्थापित हो जाता है। उस राज्य में, परमेश्वर के सभी लोगों को सामान्य मनुष्य का जीवन वापस मिल जाता है।

28.12.18

9. न्याय के कार्य को करने के लिए देह-धारण किया हुआ परमेश्वर किस तरह मानव जाति के अस्पष्ट परमेश्वर में विश्वास को और शैतान के प्रभुत्व के अंधेरे युग को समाप्त करता है?(10)

        परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:


      जब मनुष्य को परिष्कृत कर दिया जाता है उसके पश्चात् ही वह पापपूर्ण स्वभाव से रहित होगा, क्योंकि परमेश्वर ने शैतान को पराजित कर दिया होगा, जिसका अर्थ यह है कि विरोधी ताकतों के द्वारा कोई अतिक्रमण नहीं होगा, और कोई विरोधी ताकतें मनुष्य के शरीर पर आक्रमण नहीं कर सकती हैं। और इस प्रकार मनुष्य स्वतन्त्र एवं पवित्र होगा - वह अनन्तकाल में प्रवेश कर चुका होगा।

27.12.18

9. न्याय के कार्य को करने के लिए देह-धारण किया हुआ परमेश्वर किस तरह मानव जाति के अस्पष्ट परमेश्वर में विश्वास को और शैतान के प्रभुत्व के अंधेरे युग को समाप्त करता है?(9)

      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:


       परमेश्वर देह में मुख्यतः इसलिए आता है कि मनुष्य परमेश्वर के असली कार्यों को देख सके, निराकार आत्मा को देह में अहसास कर सके, और वह मनुष्य के द्वारा स्पर्श किया और देखा जा सके। इस तरह से, जिन्हें वह पूर्ण बनाता है वह ही उसे जी पाएँगे, उसके द्वारा लाभ हासिल कर पाएँगे, और वह उसके हृदय के अनुसार हो पाएँगे।

26.12.18

9. न्याय के कार्य को करने के लिए देह-धारण किया हुआ परमेश्वर किस तरह मानव जाति के अस्पष्ट परमेश्वर में विश्वास को और शैतान के प्रभुत्व के अंधेरे युग को समाप्त करता है?(8)

       परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:


       परमेश्वर आज मनुष्यों के विचारों और उनके आत्माओं को, और साथ ही उनके दिलों में हजारों सालों से रही परमेश्वर की छवि को, बदलने के उद्देश्य से उनके बीच आता है। इस अवसर के माध्यम से, वह मनुष्य को पूर्ण बनाएगा।

25.12.18

9. न्याय के कार्य को करने के लिए देह-धारण किया हुआ परमेश्वर किस तरह मानव जाति के अस्पष्ट परमेश्वर में विश्वास को और शैतान के प्रभुत्व के अंधेरे युग को समाप्त करता है?(7)

       परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:


       देह में किए गए उसके कार्य के विषय में सबसे अच्छी बात यह है कि वह सटीक वचनों एवं उपदेशों को, और मानवजाति के लिए अपनी सटीक इच्छा को उन लोगों के लिए छोड़ सकता है जो उसका अनुसरण करते हैं, ताकि बाद में उसके अनुयायी देह में किए गए उसके समस्त कार्य और समूची मानवजाति के लिए उसकी इच्छा को अत्यधिक सटीकता एवं अत्यंत ठोस रूप में उन लोगों तक पहुंचा सकते हैं जो इस मार्ग को स्वीकार करते हैं। केवल मनुष्य के बीच देह में प्रगट परमेश्वर का कार्य ही सचमुच में परमेश्वर के अस्तित्व और मनुष्य के साथ रहने के तथ्य को पूरा करता है।

24.12.18

9. न्याय के कार्य को करने के लिए देह-धारण किया हुआ परमेश्वर किस तरह मानव जाति के अस्पष्ट परमेश्वर में विश्वास को और शैतान के प्रभुत्व के अंधेरे युग को समाप्त करता है?(6)

       परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:


      जब मेरे कथनों को स्वीकार करने के बाद सभी लोगों को मेरे बारे में अधिक ज्ञान प्राप्त होता है, तो यह वह समय होता है जब मेरे लोग मुझे जीते हैं, यही वह समय होता है जब देह में मेरा कार्य पूरा हो जाता है, और यही वह समय होता है जब मेरी दिव्यता पूरी तरह से देह में जीवन व्यतीत कर लेती है।

23.12.18

9. न्याय के कार्य को करने के लिए देह-धारण किया हुआ परमेश्वर किस तरह मानव जाति के अस्पष्ट परमेश्वर में विश्वास को और शैतान के प्रभुत्व के अंधेरे युग को समाप्त करता है?(5)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

      जब परमेश्वर अपनी देह में कार्य करता है, तो ऐसे लोग जो उसका अनुसरण करते हैं वे आगे से उन अस्पष्ट एवं संदिग्ध चीज़ों को खोजते एवं टटोलते नहीं हैं, और अस्पष्ट परमेश्वर की इच्छा का अन्दाज़ा लगाना बन्द कर देते हैं। …आत्मा मनुष्य के लिए अस्पृश्य है, और मनुष्य के लिए अदृश्य है, और आत्मा का कार्य मनुष्य के लिए परमेश्वर के कार्य के विषय में और कोई प्रमाण एवं तथ्यों को छोड़ने में असमर्थ है।

22.12.18

9. न्याय के कार्य को करने के लिए देह-धारण किया हुआ परमेश्वर किस तरह मानव जाति के अस्पष्ट परमेश्वर में विश्वास को और शैतान के प्रभुत्व के अंधेरे युग को समाप्त करता है?(4)

      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:


    क्योंकि वे सभी जो देह में जीवन बिताते हैं, उन्हें अपने स्वभाव को परिवर्तित करने के लिए अनुसरण हेतु लक्ष्यों की आवश्यकता होती है, और परमेश्वर को जानने के लिए परमेश्वर के वास्तविक कार्यों एवं वास्तविक चेहरे को को देखने की आवश्यकता होती है। दोनों को सिर्फ परमेश्वर के देहधारी शरीर के द्वारा ही हासिल किया जा सकता है, और दोनों को सिर्फ साधारण एवं वास्तविक देह के द्वारा ही पूरा किया जा सकता है।

21.12.18

9. न्याय के कार्य को करने के लिए देह-धारण किया हुआ परमेश्वर किस तरह मानव जाति के अस्पष्ट परमेश्वर में विश्वास को और शैतान के प्रभुत्व के अंधेरे युग को समाप्त करता है?(3)

      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन: 

     राज्य के निर्माण में मैं प्रत्यक्ष रूप से अपनी दिव्यता में कार्य करता हूँ, और मेरे वचनों के ज्ञान के आधार पर सभी लोगों को वह जानने की अनुमति देता हूँ जो मेरे पास है और जो मैं हूँ, अंततः उन्हें मेरे बारे में जो कि देह में हूँ ज्ञान प्राप्त करने की अनुमति देता हूँ।

20.12.18

9. न्याय के कार्य को करने के लिए देह-धारण किया हुआ परमेश्वर किस तरह मानव जाति के अस्पष्ट परमेश्वर में विश्वास को और शैतान के प्रभुत्व के अंधेरे युग को समाप्त करता है?(2)

       परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

       यह केवल आज है, जब मैं व्यक्तिगत रूप से मनुष्यों के बीच में आकर अपने वचनों को कहता हूँ, कि मनुष्यों को मेरे बारे में अल्पज्ञान है, अपने विचारों में "मेरे" लिए स्थान को हटा रहे हैं, उसके बदले अपनी चेतना में व्यवहारिक परमेश्वर के लिए स्थान बना रहे हैं।

19.12.18

9. न्याय के कार्य को करने के लिए देह-धारण किया हुआ परमेश्वर किस तरह मानव जाति के अस्पष्ट परमेश्वर में विश्वास को और शैतान के प्रभुत्व के अंधेरे युग को समाप्त करता है?(1)

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाड़ियों से अधिक ऊँचा किया जाएगा; और हर जाति के लोग धारा के समान उसकी ओर चलेंगे। बहुत से देशों के लोग आएँगे, और आपस में कहेंगे: आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्‍वर के भवन में जाएँ; तब वह हमको अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे।

18.12.18

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?(13)

         (परमेश्वर के वचन का चुना गया अवतरण)

केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है
      जो मसीह के द्वारा कहे गए सत्य पर भरोसा किए बिना जीवन प्राप्त करने की अभिलाषा करते हैं, वे पृथ्वी पर सबसे हास्यास्पद मनुष्य हैं और जो मसीह के द्वारा लाए गए जीवन के मार्ग को स्वीकार नहीं करते हैं वे कल्पना में ही खोए हुए हैं। इसलिए मैं यह कहता हूं कि लोग जो अंतिम दिनों में मसीह को स्वीकार नहीं करते हैं वे हमेशा के लिए परमेश्वर के द्वारा तुच्छ समझे जाएंगे।अंतिम दिनों में मसीह मनुष्यों के लिए परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करने का माध्यम है, जिसकी अवहेलना कोई भी नहीं कर सकता।

17.12.18

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?(12)

        (परमेश्वर के वचन का चुना गया अवतरण)

केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है
      अंतिम दिनों का मसीह जीवन लेकर आता, और सत्य का स्थायी एवं अनन्त मार्ग प्रदान करता है। इसी सत्य के मार्ग के द्वारा मनुष्य जीवन को प्राप्त करेगा, और एक मात्र इसी मार्ग से मनुष्य परमेश्वर को जानेगा और परमेश्वर का अनुमोदन प्राप्त करेगा। यदि तुम अंतिम दिनों के मसीह के द्वारा प्रदान किए गए जीवन के मार्ग को नहीं खोजते हो, तो तुम कभी भी यीशु के अनुमोदन को प्राप्त नहीं कर पाओगे और कभी भी स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने के योग्य नहीं बन पाओगे क्योंकि तुम इतिहास के कठपुतली और कैदी दोनों हो।

16.12.18

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?(11)

(परमेश्वर के वचन का चुना गया अवतरण)

केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है
      परमेश्वर देहधारी हुआ और मसीह कहलाया, और इसलिए वह मसीह, जो लोगों को सत्य दे सकता है, परमेश्वर कहलाता है। इसमें कुछ भी अतिशयोक्ति नहीं है, क्योंकि वह परमेश्वर के तत्व को स्वयं में धारण किए रहता है, और अपने कार्य में परमेश्वर के स्वभाव और बुद्धि को धारण करता है, और ये चीजें मनुष्य के लिये अप्राप्य हैं।

15.12.18

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?(10)

       (परमेश्वर के वचन का चुना गया अवतरण)

केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है
      परमेश्वर स्वयं ही जीवन है, सत्य है, और उसका जीवन और सत्य साथ ही साथ रहते हैं। जो सत्य को प्राप्त करने में असफल रहते हैं वे कभी भी जीवन को प्राप्त नहीं कर सकते। बिना मार्गदर्शन, सहायता और सत्य के प्रावधान के तुम केवल संदेश, सिद्धांत और मृत्यु को ही प्राप्त करोगे। परमेश्वर का जीवन सतत विद्यमान है, और उसका सत्य और जीवन एक साथ उपस्थित रहते हैं।

14.12.18

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?(9)

      (परमेश्वर के वचन का चुना गया अवतरण)

केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है

     यदि तुम वास्तव में अनन्त जीवन के मार्ग को प्राप्त करने की इच्छा रखते हो, और यदि तुम इसको खोजने के लिए भूखे हो, तो पहले इस प्रश्न का उत्तर दो:आज परमेश्वर कहां है? हो सकता है कि तुम कहो कि परमेश्वर स्वर्ग में रहता है, बिल्कुल - वह तुम्हारे घर में तो रहेगा नहीं, हो सकता है कि तुम कहो कि परमेश्वर हर चीज़ में बसता है। या तुम कह सकते हो कि परमेश्वर प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में रहता है, या वह आत्मिक संसार में है।

12.12.18

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?(8)

(परमेश्वर के वचन का चुना गया अवतरण)

केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है
जीवन का मार्ग कोई साधारण चीज़ नहीं है जो चाहे कोई भी प्राप्त कर ले, न ही इसे सभी के द्वारा आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। यह इसलिए कि जीवन केवल परमेश्वर से ही आता है, कहने का अर्थ है कि केवल स्वयं परमेश्वर ही जीवन के तत्व का अधिकारी है, स्वयं परमेश्वर के बिना जीवन का मार्ग नहीं है, और इसलिए केवल परमेश्वर ही जीवन का स्रोत है, और जीवन के जल का सदा बहने वाला सोता है। जब से उसने संसार को रचा है, परमेश्वर ने बहुत सा कार्य जीवन को महत्वपूर्ण बनाने के लिये किया है, बहुत सारा कार्य मनुष्य को जीवन प्रदान करने के लिए किया है और बहुत अधिक मूल्य चुकाया है ताकि मनुष्य जीवन को प्राप्त करे, क्योंकि परमेश्वर स्वयं ही अनन्त जीवन है, और वह स्वयं ही वह मार्ग है जिससे मनुष्य नया जन्म लेता है।

11.12.18

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?(7)

(परमेश्वर के वचन का चुना गया अवतरण)

केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है
जीवन का मार्ग कोई साधारण चीज़ नहीं है जो चाहे कोई भी प्राप्त कर ले, न ही इसे सभी के द्वारा आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। यह इसलिए कि जीवन केवल परमेश्वर से ही आता है, कहने का अर्थ है कि केवल स्वयं परमेश्वर ही जीवन के तत्व का अधिकारी है, स्वयं परमेश्वर के बिना जीवन का मार्ग नहीं है, और इसलिए केवल परमेश्वर ही जीवन का स्रोत है, और जीवन के जल का सदा बहने वाला सोता है। जब से उसने संसार को रचा है, परमेश्वर ने बहुत सा कार्य जीवन को महत्वपूर्ण बनाने के लिये किया है, बहुत सारा कार्य मनुष्य को जीवन प्रदान करने के लिए किया है और बहुत अधिक मूल्य चुकाया है ताकि मनुष्य जीवन को प्राप्त करे, क्योंकि परमेश्वर स्वयं ही अनन्त जीवन है, और वह स्वयं ही वह मार्ग है जिससे मनुष्य नया जन्म लेता है।

10.12.18

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?(6)

      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

    महत्वपूर्ण यह है कि क्या तुम इस सामान्य मानवता से पता लगाने में सक्षम हो कि वचन देह बन गया है और सत्य का आत्मा देह में प्रत्यक्ष हुआ है-कि समस्त सत्य, जीवन और मार्ग देह में आ गया है, और पवित्रात्मा वास्तव में पृथ्वी पर और देह में आ गया है।

8.12.18

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?(5)

      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:


    मेरे वचन सदा-सर्वदा न बदलने वाली सच्चाइयां हैं। मैं मनुष्य के लिए जीवन की आपूर्ति हूँ और मानवजाति के लिए एकमात्र मार्गदर्शक हूँ। मेरे वचनों की कीमत और उसका अर्थ इसके द्वारा निर्धारित नहीं होता है कि उन्हें मानवजाति के द्वारा पहचाना और स्वीकारा गया है कि नहीं, परन्तु यह स्वयं वचनों के सार-तत्व के द्वारा होता है।

6.12.18

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?(4)

      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

      और तब भी यही वह साधारण मनुष्य है जो लोगों के बीच में छुपा हुआ है जो हमें बचाने के नये काम को कर रहा है। वह हमें कोई सफाई नहीं देता है, और न बताता है कि वह क्यों आया है। वह केवल उस काम को करता है जिसे वह चरणों में, और अपनी योजना के अनुसार, करने का इरादा रखता है। उनके वचन और कथन अब बार-बार सुनाई देते हैं।

5.12.18

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?(3)

     परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

      आज, परमेश्वर मुख्य रूप से "वचन का देह में प्रकट होना" के कार्य को पूरा करने, वचन को मनुष्यों को पूर्ण बनाने में उपयोग करने, और मनुष्य से वचन के व्यवहार और शुद्धिकरण को स्वीकार करवाने के लिए देह बना है। अपने वचनों में वह तुम्हें कृपा और जीवन प्राप्त करने का कारण बनता है; उसके वचनों में, तुम उसके कार्य और कर्मों को देखते हो।

4.12.18

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?(2)

         परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

        राज्य के युग में, परमेश्वर नए युग की शुरूआत करने, अपने कार्य के साधन बदलने, और संपूर्ण युग में काम करने के लिये अपने वचन का उपयोग करता है। वचन के युग में यही वह सिद्धांत है, जिसके द्वारा परमेश्वर कार्य करता है। वह देहधारी हुआ ताकि विभिन्न दृष्टिकोणों से बातचीत कर सके, मनुष्य वास्तव में परमेश्वर को देख सके, जो देह में प्रकट होने वाला वचन है, और उसकी बुद्धि और आश्चर्य को जान सके।

3.12.18

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?(1)

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"आदि में वचन था, और वचन परमेश्‍वर के साथ था, और वचन परमेश्‍वर था। यही आदि में परमेश्‍वर के साथ था" (युहन्ना 1:1-2)।
"और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा" (युहन्ना 1:14)।

2.12.18

7. यह क्यों कहा जाता है कि परमेश्वर का दो बार देहधारी होना देह-धारण की महत्ता को पूरा करता है?(13)

 (परमेश्वर के वचन का चुना गया अवतरण)

      देहधारण के महत्व को दो देहधारण पूरा करते हैं

     परमेश्वर न केवल एक आत्मा है बल्कि वह देहधारण भी कर सकता है; इसके अलावा, वह महिमा का एक शरीर है। यीशु को यद्यपि तुम लोगों ने नहीं देखा है उसकी गवाही इस्राएलियों के द्वारा, अर्थात्, उस समय के यहूदियों द्वारा दी गई थी। पहले वह एक देह था, परन्तु उसे सलीब पर चढ़ाए जाने के बाद, वह महिमावान शरीर बन गया।

1.12.18

7. यह क्यों कहा जाता है कि परमेश्वर का दो बार देहधारी होना देह-धारण की महत्ता को पूरा करता है?(12)

 (परमेश्वर के वचन का चुना गया अवतरण)

      देहधारण के महत्व को दो देहधारण पूरा करते हैं

     वर्तमान में किए गए कार्य ने अनुग्रह के युग के कार्य को आगे बढ़ाया है; अर्थात्, समस्त छह हजार सालों की प्रबन्धन योजना में कार्य आगे बढ़ाया है। यद्यपि अनुग्रह का युग समाप्त हो गया है, किन्तु परमेश्वर के कार्य ने आगे प्रगति की है। मैं क्यों बार-बार कहता हूँ कि कार्य का यह चरण अनुग्रह के युग और व्यवस्था के युग पर आधारित है? इसका अर्थ है कि आज के दिन का कार्य अनुग्रह के युग में किए गए कार्य की निरंतरता और व्यवस्था के युग में किए कार्य का उत्थान है।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...