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16.12.18

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?(11)

(परमेश्वर के वचन का चुना गया अवतरण)

केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है
      परमेश्वर देहधारी हुआ और मसीह कहलाया, और इसलिए वह मसीह, जो लोगों को सत्य दे सकता है, परमेश्वर कहलाता है। इसमें कुछ भी अतिशयोक्ति नहीं है, क्योंकि वह परमेश्वर के तत्व को स्वयं में धारण किए रहता है, और अपने कार्य में परमेश्वर के स्वभाव और बुद्धि को धारण करता है, और ये चीजें मनुष्य के लिये अप्राप्य हैं।

29.11.18

7. यह क्यों कहा जाता है कि परमेश्वर का दो बार देहधारी होना देह-धारण की महत्ता को पूरा करता है?(10)

     (परमेश्वर के वचन का चुना गया अवतरण)

      देहधारण के महत्व को दो देहधारण पूरा करते हैं

परमेश्वर के द्वारा किए गए कार्य के प्रत्येक चरण का एक वास्तविक महत्व है। जब यीशु का आगमन हुआ, वह पुरुष था, और इस बार वह स्त्री है। इससे, तुम देख सकते हो कि परमेश्वर ने अपने कार्य के लिए पुरुष और स्त्री दोनों का सृजन किया और वह लिंग के बारे में कोई भी भेदभाव नहीं करता है।

25.10.18

3. देह-धारी परमेश्वर के कार्य और आत्मा के कार्य के बीच क्या अंतर है?(7)

           परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

      यह परमेश्वर के देहधारण का लाभ थाः वह मानव जाति के ज्ञान का लाभ उठा सकता था और लोगों से बात करने, और अपनी इच्छा को प्रकट करने के लिए मानवीय भाषा का उपयोग कर सकता था। उसने मनुष्यों के लिए अपनी गहरी, और ईश्वरीय भाषा की व्याख्या की एवं अनुवाद किया जिसे मानवीय भाषा, और मानवीय तरीके से समझने में लोगों को संघर्ष करना पड़ता था।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...