28.12.18

9. न्याय के कार्य को करने के लिए देह-धारण किया हुआ परमेश्वर किस तरह मानव जाति के अस्पष्ट परमेश्वर में विश्वास को और शैतान के प्रभुत्व के अंधेरे युग को समाप्त करता है?(10)

        परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:


      जब मनुष्य को परिष्कृत कर दिया जाता है उसके पश्चात् ही वह पापपूर्ण स्वभाव से रहित होगा, क्योंकि परमेश्वर ने शैतान को पराजित कर दिया होगा, जिसका अर्थ यह है कि विरोधी ताकतों के द्वारा कोई अतिक्रमण नहीं होगा, और कोई विरोधी ताकतें मनुष्य के शरीर पर आक्रमण नहीं कर सकती हैं। और इस प्रकार मनुष्य स्वतन्त्र एवं पवित्र होगा - वह अनन्तकाल में प्रवेश कर चुका होगा। जब अन्धकार की विरोधी ताकतों को बांध दिया जाता है केवल तभी मनुष्य जहाँ कहीं जाता है वहाँ वह स्वतन्त्र होगा, और विद्रोहीपन या विरोध से रहित होगा। मनुष्य की सलामती के लिए शैतान को बस बांधना है; आज, वह सही सलामत नहीं है क्योंकि[क] शैतान पृथ्वी पर अभी भी हर जगह समस्याएं खड़ी करता है, और क्योंकि परमेश्वर के प्रबधंन का समूचा कार्य अभी तक समाप्ति पर नहीं पहुंचा है। जब एक बार शैतान को पराजित कर दिया जाता है, तो मनुष्य पूरी तरह से स्वतन्त्र हो जाएगा; जब मनुष्य परमेश्वर को प्राप्त करता है और शैतान के प्रभुत्व से बाहर निकल आता है, तब वह धार्मिकता के सूर्य को देखेगा। वह जीवन जिसे सामान्य मानव को प्राप्त करना है उसे पुनः प्राप्त कर लिया जाएगा; वह सब कुछ जिसे एक सामान्य मनुष्य के द्वारा धारण किया जाना चाहिए - जैसे भले एवं बुरे को परखने की योग्यता, और एक समझ कि किस प्रकार भोजन करना है और स्वयं को वस्त्र से ढंकना है, और सामान्य जीवन व्यतीत करने की क्षमता - यह सब कुछ पुनः प्राप्त कर लिया जाएगा। भले ही हव्वा को सांप के द्वारा प्रलोभन नहीं दिया गया होता, फिर भी शुरुआत में मनुष्य की सृष्टि के बाद उसके पास ऐसा ही सामान्य जीवन होना चाहिए था। उसे पृथ्वी पर भोजन करना, और कपड़े पहनना, और सामान्य मनुष्य का जीवन जीना चाहिए था। फिर भी जब मनुष्य भ्रष्ट हो गया उसके बाद, यह जीवन कभी साकार न होनेवाला एक स्वप्न बन गया था, और यहाँ तक कि आज भी मनुष्य ऐसी चीज़ों की कल्पना करने का साहस नहीं करता है। वास्तव में, यह सुन्दर जीवन जिसकी मनुष्य अभिलाषा करता है वह एक आवश्यकता हैः यदि मनुष्य ऐसे मंज़िल से रहित होता, तो पृथ्वी पर उसका भ्रष्ट जीवन कभी समाप्त नहीं होता, और यदि ऐसा कोई सुन्दर जीवन न होता, तो शैतान की नियति या उस युग का कोई अन्त नहीं होता जिसके अंतर्गत शैतान पृथ्वी पर अपने प्रभुत्व को कायम रखता है। मनुष्य को ऐसे आयाम में पहुंचना होगा जहाँ अंधकार की शक्तियों के द्वारा पहुंचा नहीं जा सकता है, और जब मनुष्य वहाँ पहुंच जाता है, तो यह प्रमाणित करेगा कि शैतान को पराजित कर दिया गया है। इस रीति से, जब एक बार शैतान के द्वारा कोई व्यवधान नहीं होता है, तो स्वयं परमेश्वर मानवजाति को नियन्त्रित करेगा, और वह मनुष्य के सम्पूर्ण जीवन के लिए आदेश देगा और उसे नियन्त्रित करेगा; केवल इसे ही शैतान की पराजय के रूप में गिना जाएगा।


"वचन देह में प्रकट होता है" से "मनुष्य के सामान्य जीवन को पुनःस्थापित करना और उसे एक बेहतरीन मंज़िल पर ले चलना" से
      Source From:सुसमाचार से सम्बन्धित सत्य,अंतिम दिनों के मसीह   के लिए गवाहियाँ,  I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए से

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