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9.6.19

Hindi Gospel Movie | भक्ति का भेद - भाग 2 | Preaching the Gospel of the Second Coming of Lord Jesus (Hindi Dubbed)


Hindi Gospel Movie | भक्ति का भेद - भाग 2 | Preaching the Gospel of the Second Coming of Lord Jesus (Hindi Dubbed)


लिन बोएन एक अनुभवी उपदेशक हैं जो कई दशकों से प्रभु में विश्वास करते रहे है। अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार करने के बाद से ही पादरियों, एल्डर्स और मसीह-विरोधी ताकतों द्वारा उन्‍हें दोषी ठहराया गया, उनका बहिष्कार किया गया और धार्मिक समुदाय द्वारा उन्‍हें निष्कासित कर दिया गया। लेकिन इस तरह के हमलों, दोषारोपणों और झूठे आरोपों का सामना करने के बावजूद उन्होंने भयवश अपने कदम पीछे नहीं हटाए।

8.6.19

Hindi Christian Movie Trailer | भक्ति का भेद - भाग 2 | Revealing the Mystery of God Incarnate


Hindi Christian Movie Trailer | भक्ति का भेद - भाग 2 | Revealing the Mystery of God Incarnate

लिन बोएन एक अनुभवी उपदेशक हैं जो कई दशकों से प्रभु में विश्वास करते रहे है। अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार करने के बाद से ही पादरियों, एल्डर्स और मसीह-विरोधी ताकतों द्वारा उन्‍हें दोषी ठहराया गया, उनका बहिष्कार किया गया और धार्मिक समुदाय द्वारा उन्‍हें निष्कासित कर दिया गया। लेकिन इस तरह के हमलों, दोषारोपणों और झूठे आरोपों का सामना करने के बावजूद उन्होंने भयवश अपने कदम पीछे नहीं हटाए।

11.4.19

2. परमेश्वर के कार्य के हर चरण और उसके नाम के बीच क्या संबंध है?(14)

 परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
राज्य के युग के दौरान, देहधारी परमेश्वर ने उन सभी लोगों को जीतने के लिए वचन बोले जिन्होंने उस पर विश्वास किया। यह "वचन का देह में प्रकट होना" है; परमेश्वर इस कार्य को करने के लिए अंत के दिनों में आया है, जिसका अर्थ है कि वह वचन का देह में प्रकट होना के वास्तविक महत्व को कार्यान्वित करने के लिए आया। वह केवल वचन बोलता है, और तथ्यों का आगमन शायद ही कभी होता है। वचन का देह में प्रकट होने का यही मूल सार है, और जब देहधारी परमेश्वर अपने वचनों को बोलता है, तो यही वचन का देह में प्रकट होना है, और वचन का देह में आना है।

6.2.19

1. अनुग्रह के युग में परमेश्वर ने मानव जाति को छुटकारा दिलाया था, तो क्यों आखिरी दिनों में उसे न्याय के अपने कार्य को करने की अब भी आवश्यकता है?(5)

      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन: 

     यद्यपि यीशु ने मनुष्यों के बीच अधिक कार्य किया है, उसने केवल समस्त मानवजाति के छुटकारे के कार्य को पूरा किया और वह मनुष्य की पाप-बलि बना, मनुष्य को उसके भ्रष्ट स्वभाव से छुटकारा नहीं दिलाया। शैतान के प्रभाव से मनुष्य को पूरी तरह बचाने के लिये यीशु को न केवल पाप-बलि के रूप में मनुष्यों के पापों को लेना आवश्यक था, बल्कि मनुष्य को उसके भ्रष्ट स्वभाव से पूरी तरह मुक्त करने के लिए परमेश्वर को और भी बड़े कार्य करने की आवश्यकता थी जिसे शैतान द्वारा भ्रष्ट कर दिया गया था।

14.12.18

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?(9)

      (परमेश्वर के वचन का चुना गया अवतरण)

केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है

     यदि तुम वास्तव में अनन्त जीवन के मार्ग को प्राप्त करने की इच्छा रखते हो, और यदि तुम इसको खोजने के लिए भूखे हो, तो पहले इस प्रश्न का उत्तर दो:आज परमेश्वर कहां है? हो सकता है कि तुम कहो कि परमेश्वर स्वर्ग में रहता है, बिल्कुल - वह तुम्हारे घर में तो रहेगा नहीं, हो सकता है कि तुम कहो कि परमेश्वर हर चीज़ में बसता है। या तुम कह सकते हो कि परमेश्वर प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में रहता है, या वह आत्मिक संसार में है।

12.12.18

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?(8)

(परमेश्वर के वचन का चुना गया अवतरण)

केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है
जीवन का मार्ग कोई साधारण चीज़ नहीं है जो चाहे कोई भी प्राप्त कर ले, न ही इसे सभी के द्वारा आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। यह इसलिए कि जीवन केवल परमेश्वर से ही आता है, कहने का अर्थ है कि केवल स्वयं परमेश्वर ही जीवन के तत्व का अधिकारी है, स्वयं परमेश्वर के बिना जीवन का मार्ग नहीं है, और इसलिए केवल परमेश्वर ही जीवन का स्रोत है, और जीवन के जल का सदा बहने वाला सोता है। जब से उसने संसार को रचा है, परमेश्वर ने बहुत सा कार्य जीवन को महत्वपूर्ण बनाने के लिये किया है, बहुत सारा कार्य मनुष्य को जीवन प्रदान करने के लिए किया है और बहुत अधिक मूल्य चुकाया है ताकि मनुष्य जीवन को प्राप्त करे, क्योंकि परमेश्वर स्वयं ही अनन्त जीवन है, और वह स्वयं ही वह मार्ग है जिससे मनुष्य नया जन्म लेता है।

11.12.18

8. यह कैसे समझें कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है?(7)

(परमेश्वर के वचन का चुना गया अवतरण)

केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है
जीवन का मार्ग कोई साधारण चीज़ नहीं है जो चाहे कोई भी प्राप्त कर ले, न ही इसे सभी के द्वारा आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। यह इसलिए कि जीवन केवल परमेश्वर से ही आता है, कहने का अर्थ है कि केवल स्वयं परमेश्वर ही जीवन के तत्व का अधिकारी है, स्वयं परमेश्वर के बिना जीवन का मार्ग नहीं है, और इसलिए केवल परमेश्वर ही जीवन का स्रोत है, और जीवन के जल का सदा बहने वाला सोता है। जब से उसने संसार को रचा है, परमेश्वर ने बहुत सा कार्य जीवन को महत्वपूर्ण बनाने के लिये किया है, बहुत सारा कार्य मनुष्य को जीवन प्रदान करने के लिए किया है और बहुत अधिक मूल्य चुकाया है ताकि मनुष्य जीवन को प्राप्त करे, क्योंकि परमेश्वर स्वयं ही अनन्त जीवन है, और वह स्वयं ही वह मार्ग है जिससे मनुष्य नया जन्म लेता है।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...