उस समय के दौरान जो पतरस ने यीशु के साथ बिताया, उसने यीशु में अनेक प्यारे अभिलक्षणों, अनेक अनुकरणीय पहलुओं, और अनेक ऐसी चीजों को देखा जिन्होंने उसे आपूर्ति की। यद्यपि पतरस ने कई तरीकों से यीशु में परमेश्वर के अस्तित्व को देखा, और कई प्यारे गुण देखे, किन्तु पहले वह यीशु को नहीं जानता था। पतरस जब 20 वर्ष का था तब उसने यीशु का अनुसरण करना आरम्भ किया, और छः वर्ष तक वह ऐसा करता रहा।
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8.12.19
13.9.19
"जीतने वाले कार्य का भीतरी सत्य" पर परमेश्वर के वचन के चार अंशों से संकलन भाग दो
9. आज तुम्हें मालूम होना चाहिये कि तुम पर विजय कैसे हो, और लोग खुद पर विजय उपरांत अपना आचरण कैसा रखते हैं। तुम यह कह सकते हो कि तुम पर विजय पा ली गयी है, पर क्या तुम मृत्युपर्यंत आज्ञाकारी रहोगे? संभावनाओं की परवाह किए बगैर तुम में पूरे अंत तक अनुसरण करने की क्षमता होनी चाहिए और तुम्हें किसी भी परिस्थिति में परमेश्वर पर विश्वास नहीं खोना चाहिए। अतंतः तुम्हें गवाही के दो पक्ष प्राप्त करने हैं: अय्यूब की गवाही-मृत्यु तक आज्ञाकारिता और पतरस की गवाही - परमेश्वर का सर्वोच्च प्रेम।
15.8.19
Hindi Christian Movie Trailer | विजय गान | God Is Our Strength
Hindi Christian Movie Trailer | विजय गान | God Is Our Strength
अंत के दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के न्याय का कार्य हर पंथ और समूह में गूंज उठा है। राज्य के सुसमाचार का प्रचार होने के बाद, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन अधिक-से-अधिक लोगों द्वारा स्वीकार और प्रचारित किए जा रहे हैं, परमेश्वर के सच्चे विश्वासी जो उनके प्रकटन की लालसा रखते हैं वे परमेश्वर के सिंहासन से समक्ष एक-एक करके वापस आ रहे हैं।
28.7.19
53. सत्य को सचमुच स्वीकार करना क्या है?
शियाओहे पुयांग शहर, हेनान प्रांत
अतीत में, हर समय जब मैं परमेश्वर द्वारा प्रकट उस वचन के बारे में पढ़ता था कि कैसे लोग सत्य को स्वीकार नहीं करते हैं, तो मैं यह विश्वास नहीं करता था कि वे वचन मुझ पर भी लागू होते हैं। मैं परमेश्वर के वचन को खाने और पीने तथा परमेश्वर के वचन का संवाद करने का आनन्द लेता था, मैं परमेश्वर के द्वारा कही गई हर बात को स्वीकार और अंगीकार करने में समर्थ था—इस बात की परवाह किए बिना कि यह मेरे हृदय को कितनी चुभती है या यह मेरी अवधारणओं के अनुरूप नहीं है।
10.7.19
36. उत्पीड़न और आपदा ने पनपने में मेरी सहायता की
बाइतुओ डेझोउ शहर, शैंडॉन्ग प्रांत
पहले, मैं सिर्फ इतना ही जानती थी कि परमेश्वर की बुद्धि का प्रयोग शैतान की साज़िश के आधार पर किया जाता था, यह कि परमेश्वर बुद्धिमान परमेश्वर है और यह कि शैतान सिद्धांत रूप से हमेशा ही परमेश्वर का पराजित शत्रु होगा, लेकिन मुझे इस बारे में कोई समझ या ज्ञान नहीं था कि यह वास्तविक अनुभव पर आधारित है। बाद में, केवल परमेश्वर द्वारा व्यवस्थित वातावरण के भीतर ही मुझे सत्य के इस पहलू का कुछ वास्तविक अनुभव प्राप्त हुआ।
8.7.19
New Hindi Christian Movie | "जागृति" | God Awakens My Soul (Hindi Dubbed)
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लू शाउएन चीन की एक गृह कलीसिया में प्रचारिका थीं। धार्मिक पादरियों और एल्डर्स द्वारा फैलायी गयी गलत धारणाओं में विश्वास करके वे इस बात पर जोर देती रहीं कि "प्रभु यीशु ने पहले ही मनुष्य के पापों को माफ़ कर दिया है, और जो लोग प्रभु में विश्वास करते हैं, वे हमेशा बचा लिये जाएंगे। उन्हें परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य को स्वीकार करने की ज़रूरत नहीं है।"
7.7.19
Hindi Christian Movie Trailer "जागृति" | God Awakens My Soul
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लू शाउएन चीन की एक गृह कलीसिया में प्रचारिका थीं। धार्मिक पादरियों और एल्डर्स द्वारा फैलायी गयी गलत धारणाओं में विश्वास करके वे इस बात पर जोर देती रहीं कि "प्रभु यीशु ने पहले ही मनुष्य के पापों को माफ़ कर दिया है, और जो लोग प्रभु में विश्वास करते हैं, वे हमेशा बचा लिये जाएंगे। उन्हें परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य को स्वीकार करने की ज़रूरत नहीं है।"
24.5.19
Hindi Christian Movie Trailer | The Lord Jesus Christ Is My Salvation | "बेड़ियों को तोड़ो और भागो"
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ली चुंगमिन दक्षिण कोरिया के सियोल की एक कलीसिया के एल्डर थे। बीस वर्षों से भी अधिक समय से, उन्होंने पूरी तरह बाइबल के अध्ययन पर ध्यान केन्द्रित करके, उत्साहपूर्वक प्रभु की सेवा की थी। अपने धार्मिक नेताओं के उदाहरण पर चलते हुए, उन्होंने सोचा था कि प्रभु में विश्वास करने का अर्थ बाइबल में विश्वास करना है, और बाइबल पर विश्वास करना प्रभु पर विश्वास करने के समान था।
21.5.19
12. कलीसिया में कोई विशिष्ट व्यवहार नहीं है
लिऊ ज़िन लिआओचेंग सिटी, शैंडॉन्ग प्रांत
इतने सालों तक परमेश्वर का अनुसरण करने के बाद, मुझे लगता था कि मैंने कुछ कष्ट सह लिए हैं और एक निश्चित कीमत चुका दी है, इसलिए मैंने धीरे-धीरे अपने पिछले फायदों को जीना और अपनी वरिष्ठता पर इतराना शुरू कर दिया था। मैं सोचती थी कि: मुझे अपना घर छोड़े हुए इतने साल हो गए हैं और एक लंबे समय से मेरे परिवार ने मेरी ओर से कोई खोज-खबर नहीं सुनी है। इन परिस्थितियों में, कलीसिया निश्चित रूप से मेरा ध्यान रखेगा। भले ही मैं अपना कार्य अच्छी तरह से नहीं करूँ तब भी वे मुझे वापस घर नहीं भेजेंगे।
20.5.19
Hindi Christian Movie Trailer | God Is My Rock and Salvation | "जोखिम भरा है मार्ग स्वर्ग के राज्य का"
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चॉन्ग शीन चीन की मुख्यभूमि की किसी गृह कलीसिया के एक उपदेशक हैं। वे अनेक वर्षों से प्रभु के विश्वासी रहे हैं और सीसीपी द्वारा हमेशा गिरफ्तारी और उत्पीड़न का शिकार रहे हैं। सीसीपी के प्रति उनकी घृणा बहुत गहरी है, और एक अरसे से वे यह साफ़ देखते आये हैं कि सीसीपी एक शैतानी शासन है, जो परमेश्वर के विरोध में खड़ी है। हाल के वर्षों में, उन्होंने सीसीपी सरकार और धार्मिक समुदाय द्वारा चमकती पूर्वी बिजली की कलीसिया की अंधाधुंध निंदा, गिरफ्तारियां, और उत्पीड़न देखा है।
15.5.19
परमेश्वर की सेवा करते समय नई चालाकियाँ मत ढूँढो
हेयी झुआंघे सिटी, लिआओनिंग प्रांत
मुझे अभी-अभी कलीसिया के अगुआ का उत्तरदायित्व लेने के लिए पदोन्नत किया गया था। लेकिन कुछ अवधि तक की कठिन मेहनत के बाद, न केवल कलीसिया का इंजील का कार्य फीका पड़ गया था, बल्कि इंजील दल में मौजूद मेरे सभी भाई-बहन भी नकारात्मकता और कमज़ोरी में जी रहे थे। इस परिस्थिति का सामना करके, मैं अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं रख सकी। मैं पृथ्वी पर इंजील के कार्य में नए प्राण भरने के लिए कैसे कार्य कर सकती थी? अपने दिमाग पर जोर डालने के बाद, अंतत: मेरे विचार में एक अच्छा समाधान आया: यदि मैं इंजील दल और चयनित उत्कृष्ट व्यक्तियों और आदर्श उपदेशकों के लिए मासिक पुरस्कार समारोह का आयोजन करूँ, जो भी परमेश्वर के लिए ज्यादा आत्माएँ जीतता है उसे पुरस्कृत किया जाए, और जो भी कम आत्माएँ जीतता है उसे चेतावनी दी जाए।
मुझे अभी-अभी कलीसिया के अगुआ का उत्तरदायित्व लेने के लिए पदोन्नत किया गया था। लेकिन कुछ अवधि तक की कठिन मेहनत के बाद, न केवल कलीसिया का इंजील का कार्य फीका पड़ गया था, बल्कि इंजील दल में मौजूद मेरे सभी भाई-बहन भी नकारात्मकता और कमज़ोरी में जी रहे थे। इस परिस्थिति का सामना करके, मैं अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं रख सकी। मैं पृथ्वी पर इंजील के कार्य में नए प्राण भरने के लिए कैसे कार्य कर सकती थी? अपने दिमाग पर जोर डालने के बाद, अंतत: मेरे विचार में एक अच्छा समाधान आया: यदि मैं इंजील दल और चयनित उत्कृष्ट व्यक्तियों और आदर्श उपदेशकों के लिए मासिक पुरस्कार समारोह का आयोजन करूँ, जो भी परमेश्वर के लिए ज्यादा आत्माएँ जीतता है उसे पुरस्कृत किया जाए, और जो भी कम आत्माएँ जीतता है उसे चेतावनी दी जाए।
3.3.19
4. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के महत्व को, अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य से प्राप्त परिणामों में, दे जाखा सकता है।(8)
(1) अंत के दिनों में परमेश्वर का न्याय का कार्य मनुष्य को शुद्ध करने, बचाने और सिद्ध बनाने, तथा विजय प्राप्त करने वालों का एक समूह बनाने के लिए किया जाता है।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
10.2.19
1. अनुग्रह के युग में परमेश्वर ने मानव जाति को छुटकारा दिलाया था, तो क्यों आखिरी दिनों में उसे न्याय के अपने कार्य को करने की अब भी आवश्यकता है?(9)
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
छ:-हज़ार-वर्षों की प्रबंधन योजना कार्य के तीन चरणों में विभाजित है। कोई भी अकेला चरण तीनों युगों के कार्य का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है बल्कि सम्पूर्ण के केवल एक भाग का ही प्रतिनिधित्व कर सकता है। यहोवा नाम परमेश्वर के सम्पूर्ण स्वभाव का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है। इस तथ्य से कि उसने व्यवस्था के युग में कार्य किया है यह साबित नहीं होता है कि परमेश्वर केवल व्यवस्था के अधीन ही परमेश्वर हो सकता है।
छ:-हज़ार-वर्षों की प्रबंधन योजना कार्य के तीन चरणों में विभाजित है। कोई भी अकेला चरण तीनों युगों के कार्य का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है बल्कि सम्पूर्ण के केवल एक भाग का ही प्रतिनिधित्व कर सकता है। यहोवा नाम परमेश्वर के सम्पूर्ण स्वभाव का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है। इस तथ्य से कि उसने व्यवस्था के युग में कार्य किया है यह साबित नहीं होता है कि परमेश्वर केवल व्यवस्था के अधीन ही परमेश्वर हो सकता है।
30.1.19
4. परमेश्वर के कार्य के तीन चरण किस तरह क्रमशः गहनतर होते जाते हैं ताकि लोगों को बचाया जा सके और उन्हें परिपूर्ण किया जा सके?(5)
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
व्यवस्था के युग के दौरान, मूसा को यहोवा अपने वचनों के साथ मिस्र से बाहर ले गए, और कुछ वचन इज़राइलियों को बोले; उस समय, परमेश्वर के कर्मों के हिस्से को समझाया गया था, परन्तु क्योंकि मनुष्य की क्षमता सीमित थी और कोई भी चीज उसके ज्ञान को पूर्ण नहीं कर सकती थी, इसलिए परमेश्वर निरंतर बोलता और कार्य करता रहा। अनुग्रह के युग में, मनुष्य ने एक बार और परमेश्वर के कार्यों के हिस्से को देखा।
व्यवस्था के युग के दौरान, मूसा को यहोवा अपने वचनों के साथ मिस्र से बाहर ले गए, और कुछ वचन इज़राइलियों को बोले; उस समय, परमेश्वर के कर्मों के हिस्से को समझाया गया था, परन्तु क्योंकि मनुष्य की क्षमता सीमित थी और कोई भी चीज उसके ज्ञान को पूर्ण नहीं कर सकती थी, इसलिए परमेश्वर निरंतर बोलता और कार्य करता रहा। अनुग्रह के युग में, मनुष्य ने एक बार और परमेश्वर के कार्यों के हिस्से को देखा।
14.1.19
10. यह क्यों है कि केवल देह-धारी परमेश्वर के कार्य के अनुभव और आज्ञा-पालन करने के द्वारा ही कोई परमेश्वर को जान सकता है?(13)
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
उन लोगों का समूह जिन्हें देहधारी परमेश्वर आज प्राप्त करना चाहता है वे लोग हैं जो उसकी इच्छा के अनुरूप हैं। लोगों को केवल उसके कार्य का पालन करने की, न कि हमेशा स्वर्ग के परमेश्वर के विचारों से स्वयं को चिंतित करने, अस्पष्टता के भीतर रहने, या देहधारी परमेश्वर के लिए चीजें को मुश्किल बनाने की आवश्यकता है। जो लोग उसकी आज्ञा का पालन करने में सक्षम हैं वे लोग हैं जो पूर्णतः उसके वचनों को सुनते हैं और उसकी व्यवस्थाओं का पालन करते हैं।
उन लोगों का समूह जिन्हें देहधारी परमेश्वर आज प्राप्त करना चाहता है वे लोग हैं जो उसकी इच्छा के अनुरूप हैं। लोगों को केवल उसके कार्य का पालन करने की, न कि हमेशा स्वर्ग के परमेश्वर के विचारों से स्वयं को चिंतित करने, अस्पष्टता के भीतर रहने, या देहधारी परमेश्वर के लिए चीजें को मुश्किल बनाने की आवश्यकता है। जो लोग उसकी आज्ञा का पालन करने में सक्षम हैं वे लोग हैं जो पूर्णतः उसके वचनों को सुनते हैं और उसकी व्यवस्थाओं का पालन करते हैं।
11.1.19
10. यह क्यों है कि केवल देह-धारी परमेश्वर के कार्य के अनुभव और आज्ञा-पालन करने के द्वारा ही कोई परमेश्वर को जान सकता है?(10)
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
क्योंकि वे सभी जो देह में जीवन बिताते हैं, उन्हें अपने स्वभाव को परिवर्तित करने के लिए अनुसरण हेतु लक्ष्यों की आवश्यकता होती है, और परमेश्वर को जानने के लिए परमेश्वर के वास्तविक कार्यों एवं वास्तविक चेहरे को को देखने की आवश्यकता होती है। दोनों को सिर्फ परमेश्वर के देहधारी शरीर के द्वारा ही हासिल किया जा सकता है, और दोनों को सिर्फ साधारण एवं वास्तविक देह के द्वारा ही पूरा किया जा सकता है। इसी लिए देहधारण ज़रूरी है, और इसी लिए समस्त भ्रष्ट मानवजाति को इसकी आवश्यकता होती है।
क्योंकि वे सभी जो देह में जीवन बिताते हैं, उन्हें अपने स्वभाव को परिवर्तित करने के लिए अनुसरण हेतु लक्ष्यों की आवश्यकता होती है, और परमेश्वर को जानने के लिए परमेश्वर के वास्तविक कार्यों एवं वास्तविक चेहरे को को देखने की आवश्यकता होती है। दोनों को सिर्फ परमेश्वर के देहधारी शरीर के द्वारा ही हासिल किया जा सकता है, और दोनों को सिर्फ साधारण एवं वास्तविक देह के द्वारा ही पूरा किया जा सकता है। इसी लिए देहधारण ज़रूरी है, और इसी लिए समस्त भ्रष्ट मानवजाति को इसकी आवश्यकता होती है।
10.1.19
10. यह क्यों है कि केवल देह-धारी परमेश्वर के कार्य के अनुभव और आज्ञा-पालन करने के द्वारा ही कोई परमेश्वर को जान सकता है?(9)
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
यदि परमेश्वर देहधारण नहीं करते, अपना कार्य न किए होते और लोगों के सामने आकर उनकी अगुआई नहीं की होती, अगर वे लोगों के साथ संपर्क में नहीं आते और हर समय लोगों के साथ न रहते, तो लोगों के लिए वास्तव में परमेश्वर के प्रेम को समझना आसान न होता।
यदि परमेश्वर देहधारण नहीं करते, अपना कार्य न किए होते और लोगों के सामने आकर उनकी अगुआई नहीं की होती, अगर वे लोगों के साथ संपर्क में नहीं आते और हर समय लोगों के साथ न रहते, तो लोगों के लिए वास्तव में परमेश्वर के प्रेम को समझना आसान न होता।
8.1.19
10. यह क्यों है कि केवल देह-धारी परमेश्वर के कार्य के अनुभव और आज्ञा-पालन करने के द्वारा ही कोई परमेश्वर को जान सकता है?(7)
जब पतरस ने यीशु के बुलावे को स्वीकार किया, तब उसने उसका अनुसरण किया।
यीशु का अनुसरण करने के अपने समय के दौरान, उसके बारे में उसके कई अभिमत थे और वह अपने परिप्रेक्ष्य से आँकलन करता था। यद्यपि पवित्रात्मा के बारे में उसकी एक निश्चित अंश में समझ थी, तब भी पतरस बहुत प्रबुद्ध नहीं था, इसलिए वह अपनी बातों में कहता हैः "मुझे उसका अवश्य अनुसरण करना चाहिए जिसे स्वर्गिक पिता द्वारा भेजा जाता है। मुझे उसे अवश्य अभिस्वीकृत करना चाहिए जो पवित्र आत्मा के द्वारा चुना जाता है। मैं तेरा अनुसरण करूँगा।"
3.1.19
21.12.18
9. न्याय के कार्य को करने के लिए देह-धारण किया हुआ परमेश्वर किस तरह मानव जाति के अस्पष्ट परमेश्वर में विश्वास को और शैतान के प्रभुत्व के अंधेरे युग को समाप्त करता है?(3)
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
राज्य के निर्माण में मैं प्रत्यक्ष रूप से अपनी दिव्यता में कार्य करता हूँ, और मेरे वचनों के ज्ञान के आधार पर सभी लोगों को वह जानने की अनुमति देता हूँ जो मेरे पास है और जो मैं हूँ, अंततः उन्हें मेरे बारे में जो कि देह में हूँ ज्ञान प्राप्त करने की अनुमति देता हूँ।
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अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ
संदर्भ के लिए बाइबिल के पद: "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...
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परमेश्वर के प्रासंगिक वचन: परमेश्वर के पास मनुष्य को सिद्ध बनाने के अनेक साधन हैं। मनुष्य के भ्रष्ट स्वभाव से निपटने के लिए वह समस्त प्...