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20.12.19

बाइबल के विषय में (1)

परमेश्वर में विश्वास करते हुए बाइबल के समीप कैसे जाना चाहिए? यह एक सैद्धांतिक प्रश्न है। हम इस प्रश्न पर संवाद क्यों कर रहे हैं? क्योंकि तुम भविष्य में सुसमाचार को फैलाओगे और राज्य के युग के कार्य का विस्तार करोगे, और इसलिए आज मात्र परमेश्वर के कार्य के बारे में बात करने के योग्य होना ही काफी नहीं है। उसके कार्य का विस्तार करने के लिए, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि तुम लोगों की पुरानी धार्मिक अवधारणाओं और विश्वास के पुराने माध्यमों का समाधान करने के योग्य बनो, और उन्हें पूरी तरह आश्वस्त करके ही छोड़ो—और उस स्थिति तक आने में बाइबल शामिल है।

8.12.19

पतरस ने यीशु को कैसे जाना

उस समय के दौरान जो पतरस ने यीशु के साथ बिताया, उसने यीशु में अनेक प्यारे अभिलक्षणों, अनेक अनुकरणीय पहलुओं, और अनेक ऐसी चीजों को देखा जिन्होंने उसे आपूर्ति की। यद्यपि पतरस ने कई तरीकों से यीशु में परमेश्वर के अस्तित्व को देखा, और कई प्यारे गुण देखे, किन्तु पहले वह यीशु को नहीं जानता था। पतरस जब 20 वर्ष का था तब उसने यीशु का अनुसरण करना आरम्भ किया, और छः वर्ष तक वह ऐसा करता रहा।

9.11.19

एक सामान्य आत्मिक जीवन लोगों की सही मार्ग पर अगुवाई करता है

तुम लोग परमेश्वर के विश्वासी होने के मार्ग में बहुत ही थोड़ा चले हो, और तुम लोगों के लिए सही मार्ग पर प्रवेश करना अभी बाकी है, अतः तुम लोग परमेश्वर के स्तर को प्राप्त करने से अभी भी दूर हो।इस समय, तुम लोगों की क्षमता उसकी माँगों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। तुम लोगोंकी योग्यता और साथ ही साथ तुम लोगों के आंतरिक भ्रष्ट स्वभाव के कारण तुम लोग हमेशा परमेश्वर के कार्य को लापरवाही के साथ देखते हो और इसे गंभीरता से नहीं लेते। यह तुम लोगों की सबसे बड़ी कमी है। इसके साथ-साथ, तुम लोग पवित्र आत्मा के मार्ग को ढूँढने में असमर्थ हो। तुम लोगों में से अधिकाँश इसे नहीं समझते और इसे स्पष्ट रूप से नहीं देख सकते।

18.9.18

II. मानव जाति के उद्धार के लिए परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के बारे में सच्चाई के पहलू पर हर किसी को अवश्य गवाही देनी चाहिए



1. मानव जाति के प्रबंधन से सम्बंधित परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के उद्देश्य को जानो।(9)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
सभी लोगों को पृथ्वी पर मेरे कार्य के उद्देश्य को समझने की आवश्यकता है, अर्थात्, मेरे कार्य का अंतिम उद्देश्य और इससे पहले कि इसे पूरा किया जा सके कौन सा स्तर मुझे इस कार्य में अवश्य प्राप्त कर लेना चाहिए। यदि, आज के दिन तक मेरे साथ चलते रहे लोग यह नहीं समझते हैं कि मेरा समस्त कार्य किस बारे में है, तो क्या वे मेरे साथ व्यर्थ में नहीं चल रहे हैं?

6.9.18

I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए

            2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?(10)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

यद्यपि देहधारी परमेश्वर का रूप बिल्कुल मनुष्य के समान है, फिर भी वह मानवीय ज्ञान को सीखता है और मानवीय भाषा में बोलता है और कई बार अपनी युक्तियों को मानव जाति के माध्यमों या प्रकटीकरण के द्वारा प्रकट भी करता है, और जिस तरह से वह मनुष्यों, एवं चीज़ों के सार को देखता है, और जिस तरह भ्रष्ट लोग मानव जाति और चीज़ों के सार को देखते हैं वे बिल्कुल एक समान नहीं हैं।

2.9.18

I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए

      2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?(6)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

उसके देहधारी जीवन और कार्य को दो चरणों में विभाजित किया जा सकता है। पहला उसका वह जीवन है जो उसने अपनी सेवकाई प्रारम्भ करने से पहले जीया।

15.10.17

एक वास्तविक मनुष्य का क्या अर्थ है


मनुष्य का प्रबंध करना मेरा कार्य है, और जब मैंने संसार को बनाया मेरे द्वारा उसे जीत लिया जाना, उस से भी अधिक पूर्व निर्धारित था।लोग नहीं जानते हैं कि अंतिम दिनों में मैं उन्हें पूरी तरह से जीत लूँगा, और वे इसके बारे में भी अनजान हैं कि मानव जाति के अवज्ञाकारीसदस्यों को जीत लेना ही शैतान को मेरे द्वारा हराने का प्रमाण है। परन्तु मैंने अपने शत्रु को पहले से ही बता दिया था जब उसने मेरे साथ संघर्ष किया कि मैं उन सभी का जीतने वाला बनूँगा जो शैतान के द्वारा ले लिए गए थे और बहुत पहले उसकी संतान बन गए थे, और उसके वफादार सेवक उसके घर की निगरानी करने लगे थे।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...