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20.12.19

बाइबल के विषय में (1)

परमेश्वर में विश्वास करते हुए बाइबल के समीप कैसे जाना चाहिए? यह एक सैद्धांतिक प्रश्न है। हम इस प्रश्न पर संवाद क्यों कर रहे हैं? क्योंकि तुम भविष्य में सुसमाचार को फैलाओगे और राज्य के युग के कार्य का विस्तार करोगे, और इसलिए आज मात्र परमेश्वर के कार्य के बारे में बात करने के योग्य होना ही काफी नहीं है। उसके कार्य का विस्तार करने के लिए, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि तुम लोगों की पुरानी धार्मिक अवधारणाओं और विश्वास के पुराने माध्यमों का समाधान करने के योग्य बनो, और उन्हें पूरी तरह आश्वस्त करके ही छोड़ो—और उस स्थिति तक आने में बाइबल शामिल है।

13.12.19

Hindi Christian Video "बाइबल से बाहर निकलें" क्लिप 1 - क्या परमेश्वर बाइबल के अनुसार कार्य करता है?

Hindi Christian Video "बाइबल से बाहर निकलें" क्लिप 1 - क्या परमेश्वर बाइबल के अनुसार कार्य करता है?

     जब अनुग्रह के युग में, प्रभु यीशु यह उपदेश देते हुए कि स्वर्ग का राज्य करीब है और लोगों को पश्चाताप का रास्ता दिखाते हुए, अपना कार्य कर रहे थे, तब यहूदी फरीसियों ने उनकी निंदा की थी, यह कह कर कि उनके वचन और कार्य पुराने नियम की व्यवस्थाओं के विरुद्ध थे, कि वे पुराने नियम को लांघ गये थे और यह कि यह धर्मद्रोह है।

21.9.19

"परमेश्वर के काम का दर्शन" पर परमेश्वर के वचन के तीन अंशों से संकलन भाग दो



14. अपने सभी प्रबंधन में परमेश्वर का कार्य पूर्णतः स्पष्ट है: अनुग्रह का युग अनुग्रह का युग है, और अंत के दिन अंत के दिन हैं। प्रत्येक युग के बीच सुस्पष्ट अंतर हैं,क्योंकि हर युग में परमेश्वर कार्य करता है जो उस युग का प्रतिनिधित्व करता है। अंत के दिनों का कार्य किए जाने के लिए, युग का अंत लाने के लिए ज्वलन, न्याय, ताड़ना, कोप, और विनाश अवश्य होने चाहिए। अंत के दिन अंतिम युग को संदर्भित करते हैं। अंतिम युग के दौरान, क्या परमेश्वर युगका अंत नहीं लाएगा? युग को समाप्त करने के लिए, परमेश्वर को अपने साथ ताड़ना और न्याय अवश्य लाना चाहिए। केवल इसी तरह से वह युग को समाप्त कर सकता है। यीशु का प्रयोजन ऐसा था ताकि मनुष्य अस्तित्व में रहना जारी रख सके, जीवित रह सके, और एक बेहतर तरीके से विद्यमान रह सके।

20.9.19

"परमेश्वर के काम का दर्शन" पर परमेश्वर के वचन के तीन अंशों से संकलन भाग एक



1. यूहन्ना ने, यीशु के बपतिस्मा के सात वर्ष पहले से स्वर्गराज्य के सुसमाचार को फैलाना शुरू कर दिया था। लोगों को उसका किया गया काम यीशु के अनुवर्ती काम से ऊँचा लगता था, फिर भी, वह था तो केवल एक नबी ही। वे मंदिर के भीतर बात या काम नहीं करते था, बल्कि इसके बाहर के कस्बों और गांवों में ऐसा करते था। उसने, निश्चय ही यह यहूदी राष्ट्र के बीच किया, विशेष रूप से उन के बीच जो गरीब थे। यूहन्ना, समाज की ऊपरी श्रेणी के लोगों के संपर्क में कम ही आया, वो केवल यहूदिया के आम लोगों के बीच सुसमाचार फैलाता रहा ताकि प्रभु यीशु के लिए उचित लोगों को तैयार कर सके, और उसके लिए काम करने की उपयुक्त जगह तैयार कर सके।

9.9.19

"बाइबल के विषय में" पर परमेश्वर के वचन के चार अंशों से संकलन भाग दो



8. बाइबल को पुराना नियम और नया नियम भी कहते हैं। क्या तुम जानते हो कि "नियम" किसे संदर्भित करता है? "पुराने नियम" में "नियम" इस्राएल के लोगों के साथ बांधी गई परमेश्वर की वाचा से आता है जब उसने मिस्रियों को मार डाला था और इस्राएलियों को फिरौन से बचाया था। हाँ वास्तव में, मेमने का लहू इस वाचा का प्रमाण था जिसे दरवाज़ों की चौखट के ऊपर पोता गया था, जिसके द्वारा परमेश्वर ने मनुष्य के साथ एक वाचा बांधी थी, एक ऐसी वाचा जिसमें कहा गया था कि वे सभी लोग जिनके दरवाज़ों के ऊपर और अगल बगल मेमने का लहू लगा हुआ हो वे इस्राएली हैं, वे परमेश्वर के चुने हुए लोग हैं, और उन सभी को परमेश्वर के द्वारा बख्श दिया जाएगा (क्योंकि यहोवा उस समय मिस्र के पहिलौठे पुत्रों और भेड़ों और पशुओं के पहिलौठों को मारने ही वाला था)।

8.9.19

"बाइबल के विषय में" पर परमेश्वर के वचन के चार अंशों से संकलन भाग एक



1. बहुत सालों से, लोगों के विश्वास का परम्परागत माध्यम (दुनिया के तीन मुख्य धर्मों में से एक, मसीहियत के विषय में) बाइबल पढ़ना ही रहा है; बाइबल से दूर जाना प्रभु में विश्वास नहीं है, बाइबल से दूर जाना एक दुष्ट पंथ और विधर्म है, और यहाँ तक कि जब लोग अन्य पुस्तकों को पढ़ते हैं, तो इन पुस्तकों की बुनियाद, बाइबल की व्याख्या ही होनी चाहिए। कहने का अर्थ है कि, यदि तुम कहते हो कि तुम प्रभु में विश्वास करते हो, तो तुम्हें बाइबल अवश्य पढ़नी चाहिए, तुम्हें बाइबल खानी और पीनी चाहिए, बाइबल के अलावा तुम्हें किसी अन्य पुस्तक की आराधना नहीं करनी चाहिए जिस में बाइबल शामिल नहीं हो। यदि तुम करते हो, तो तुम परमेश्वर के साथ विश्वासघात कर रहे हो। उस समय से जब बाइबल थी, प्रभु के प्रति लोगों का विश्वास बाइबल के प्रति विश्वास रहा है।

17.8.19

70. परमेश्वर का कार्य कितना ज्ञानपूर्ण है!

शिजी मा एंशन शहर, एन्हुइ प्रांत
कलीसिया में एक अगुआ के रूप में काम करने के मेरे समय के दौरान, मेरा अगुआ अक्सर ही हमारे लिए सबक के रूप में काम आने के लिए दूसरों की असफलताओं के उदाहरण साझा किया करता था। उदाहरण के लिए: कुछ अगुआ केवल पत्रों और सिद्धांतों की बातें करते थे लेकिन अपनी खुद की भ्रष्टता का उल्लेख करने या वास्तविकता के साथ सत्य को कैसे लागू किया जाए इस बारे में अपनी समझ के संबंध में संगति करने में असफल रहते थे। परिणामस्वरूप, ऐसे अगुआ अक्सर ही अपने सेवा के सालों में अप्रभावी रहते थे और यहाँ तक कि बुरा करने और परमेश्वर का विरोध करने वाले तक बन गए थे।

7.8.19

62. अप्रभावी कार्य का असल कारण

बहन ज़िनयी ज़ि'आन शहर, शानसी प्रांत
कलीसियाओं के मेरे हाल ही के दौरों में, मैं ने अक्सर अगुवों एवं कार्यकर्ताओं को यह कहते हुए सुना कि कुछ लोग, मेरे साथ संगति में भाग लेने के पश्चात्, नकारात्मकएवं दुर्बल हो गए और उनमें निरन्तर खोज करने की प्रेरणा की कमी हो गई। अन्य लोगों ने महसूस किया कि परमेश्वर में विश्वास करना अत्यधिक चुनौतीपूर्ण था और उन्होंने परमेश्वर को गलत समझा। कुछ लोगों ने कहा कि मुझ से मिलने से पहले उनकी दशा ठीक थी, परन्तु जैसे ही उन्होंने मुझे देखा, उन्होंने अत्यधिक दबाव एवं बेचैनी का एहसास किया।

4.8.19

Hindi Gospel Movie | पकड़ ली आखिरी गाड़ी | Welcome the Appearance and Work of Christ of the Last Days

Hindi Gospel Movie | पकड़ ली आखिरी गाड़ी | Welcome the Appearance and Work of Christ of the Last Days

चेन पेंग एक गृह कलीसिया में एक पादरी था। उसने हमेशा पूरी लगन से प्रभु की सेवा की थी, और अक्सर प्रचारक के रूप में कार्य करता था। वह अपने अनुयायियों की सहायता करता और कलीसिया की बड़ी-बड़ी ज़िम्मेदारियाँ उठाता था। लेकिन हाल के वर्षों में, कलीसिया वीरान होती चली गई। विश्वासी कायर और निकम्मे हो गए थे और लगातार बैठकों से गायब रहने लगे थे।

3.8.19

Hindi Gospel Movie Trailer | पकड़ ली आखिरी गाड़ी | A Pastor Welcomed the Return of the Lord

Hindi Gospel Movie Trailer | पकड़ ली आखिरी गाड़ी | A Pastor Welcomed the Return of the Lord

चेन पेंग एक गृह कलीसिया में एक पादरी था। उसने हमेशा पूरी लगन से प्रभु की सेवा की थी, और अक्सर प्रचारक के रूप में कार्य करता था। वह अपने अनुयायियों की सहायता करता और कलीसिया की बड़ी-बड़ी ज़िम्मेदारियाँ उठाता था।

29.7.19

Hindi Christian Movie | तोड़ डालो अफ़वाहों की ज़ंजीरें | Welcome the Return of the Lord Jesus (Hindi Dubbed)

Hindi Christian Movie | तोड़ डालो अफ़वाहों की ज़ंजीरें | Welcome the Return of the Lord Jesus (Hindi Dubbed)


2000 साल पहले, जब प्रभु यीशु ने छुटकारे का कार्य किया था, तब उन्हें यहूदी धार्मिक समुदाय के ऊटपटाँग लांछनों और निंदा को झेलना पड़ा था। यहूदी नेताओं ने रोमन सरकार के साथ साँठ-गाँठ कर उन्‍हें सूली पर चढ़ा दिया था। अंत के दिनों में, सर्वशक्तिमान परमेश्वर – देहधारण कर लौटे हुए प्रभु यीशु – न्याय का कार्य करने के लिए चीन पहुँच गये हैं।

27.7.19

Hindi Christian Movie Trailer | तोड़ डालो अफ़वाहों की ज़ंजीरें | Wise Virgins Feast With the Lord

Hindi Christian Movie Trailer | तोड़ डालो अफ़वाहों की ज़ंजीरें | Wise Virgins Feast With the Lord

2000 साल पहले, जब प्रभु यीशु ने छुटकारे का कार्य किया था, तब उन्हें यहूदी धार्मिक समुदाय के ऊटपटाँग लांछनों और निंदा को झेलना पड़ा था। यहूदी नेताओं ने रोमन सरकार के साथ साँठ-गाँठ कर उन्‍हें सूली पर चढ़ा दिया था। अंत के दिनों में, सर्वशक्तिमान परमेश्वर – देहधारण कर लौटे हुए प्रभु यीशु – न्याय का कार्य करने के लिए चीन पहुँच गये हैं। इस बार एक बार फिर, वे, चीनी कम्‍युनिस्‍ट सरकार और धार्मिक दुनिया के हाथों, उन्मत्त निंदा, दमन और गिरफ़्तारी का सामना कर रहे हैं ।

26.7.19

Hindi Gospel Movie Trailer परमेश्‍वर का नाम बदल गया है?! | Revealing the Mystery of the Name of God

Hindi Gospel Movie Trailer परमेश्‍वर का नाम बदल गया है?! | Revealing the Mystery of the Name of God

ग ह्वा नामक महिला दक्षिणी चीन की एक गृह कलीसिया की प्रचारिका हैं। प्रभु में विश्वास करना शुरू करने के बाद, उन्‍होंने बाइबल में पाया कि पुराने नियम में परमेश्वर को यहोवा कहा जाता था, और नये नियम में यीशु। परमेश्वर के अलग-अलग नाम क्यों हैं? इस सवाल ने वांग ह्वा को बड़े असमंजस में डाल दिया।

13.5.19

Hindi Christian Movie | परमेश्वर का नाम बदल गया है?! | The Savior Lord Jesus Has Come Back (Hindi Dubbed)

Hindi Christian Movie | परमेश्वर का नाम बदल गया है?! | The Savior Lord Jesus Has Come Back (Hindi Dubbed)

ग ह्वा नामक महिला दक्षिणी चीन की एक गृह कलीसिया की प्रचारिका हैं। प्रभु में विश्वास करना शुरू करने के बाद, उन्‍होंने बाइबल में पाया कि पुराने नियम में परमेश्वर को यहोवा कहा जाता था, और नये नियम में यीशु। परमेश्वर के अलग-अलग नाम क्यों हैं? इस सवाल ने वांग ह्वा को बड़े असमंजस में डाल दिया।

4.5.19

3. ओहदा खोने के बाद ...

हुईमीन जियाओजूओ शहर, हेनान प्रदेश
हर बार जब मैं किसी को बदले जाने और इस कारण उनके दुखी, कमजोर या रुष्ट होने और उनके अनुसरण न करने की घटना को देखती थी या इस बारे मेँ सुनती थी तो ऐसे लोगों के प्रति मेरे मन मेँ निरादर का भाव आ जाता था। मैं सोचती थी कि यह सब इससे अधिक कुछ नहीं है कि कलीसिया के अंतर्गत अलग-अलग लोगों के अलग-अलग कार्य कलाप हैं, यहाँ उच्च और निम्न मेँ कोई भेद नहीं है और हम सब परमेश्वर की संतति हैं तथा ऐसा कुछ भी नहीं है जिसको हम तुच्छ समझें।

29.3.19

2. परमेश्वर के कार्य के हर चरण और उसके नाम के बीच क्या संबंध है?(1)

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"फिर परमेश्‍वर ने मूसा से यह भी कहा, 'तू इस्राएलियों से यह कहना, "तुम्हारे पितरों का परमेश्‍वर, अर्थात् अब्राहम का परमेश्‍वर, इसहाक का परमेश्‍वर, और याक़ूब का परमेश्‍वर, यहोवा, उसी ने मुझ को तुम्हारे पास भेजा है।" देख, सदा तक मेरा नाम यही रहेगा, और पीढ़ी पीढ़ी में मेरा स्मरण इसी से हुआ करेगा'" (निर्गमन 3:15)।

27.3.19

1. विभिन्न युगों में परमेश्वर को अलग-अलग नामों से क्यों बुलाया जाता है? परमेश्वर के नामों के महत्व क्या हैं?(5)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     प्रत्येक युग में, परमेश्वर नया कार्य करता है और उसे एक नए नाम से बुलाया जाता है; वह भिन्न-भिन्न युगों में एक ही कार्य कैसे कर सकता है?वह पुराने सेकैसे चिपका रह सकता है? यीशु का नाम छुटकारे के कार्यहेतु लिया गया था, तो क्या जब वह अंत के दिनों में लौटेगा तो तब भी उसे उसी नाम से बुलाया जाएगा? क्या वह अभी भी छुटकारे का कार्य करेगा?

26.3.19

1. विभिन्न युगों में परमेश्वर को अलग-अलग नामों से क्यों बुलाया जाता है? परमेश्वर के नामों के महत्व क्या हैं?(4)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     यदि प्रत्येक युग में परमेश्वर का कार्य हमेशा एक ही होता है, और उसे हमेशा उसी नाम से बुलाया जाता है, तो मनुष्य उसे कैसे जान पाता? परमेश्वर को यहोवा अवश्य कहा जाना चाहिए, और यहोवा कहे जाने वाले किसी परमेश्वर के अलावा किसी अन्य नाम से कहा जाने वाला कोई भी व्यक्ति परमेश्वर नहीं है।

23.3.19

1. विभिन्न युगों में परमेश्वर को अलग-अलग नामों से क्यों बुलाया जाता है? परमेश्वर के नामों के महत्व क्या हैं?(1)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
तुम्हें पता होना चाहिए कि मूल रूप से परमेश्वर का का कोई नाम नहीं था। उसने केवल एक, या दो या कई नाम धारण किए क्योंकि उसके पास करने के लिए काम था और उसे मानव जाति का प्रबंधन करना था। चाहे उसे किसी भी नाम से बुलाया जाए, क्या यह उसी के द्वारा स्वतंत्र रूप से चुना नहीं जाता है? क्या इसे तय करने के लिए उसे तुम्हारी, एक प्राणी की, आवश्यकता है?

1.3.19

4. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के महत्व को, अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य से प्राप्त परिणामों में, दे जाखा सकता है।(6)

(1) अंत के दिनों में परमेश्वर का न्याय का कार्य मनुष्य को शुद्ध करने, बचाने और सिद्ध बनाने, तथा विजय प्राप्त करने वालों का एक समूह बनाने के लिए किया जाता है।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     जब परमेश्वर मनुष्य को शुद्ध करने के लिए कार्य करता है, तो मनुष्य को कष्ट होता है, परमेश्वर के प्रति उसका प्रेम अधिक विशाल हो जाता है, और परमेश्वर की अधिक शक्ति मनुष्य में प्रकट हो जाती है। मनुष्य का शुद्धिकरण जितना कम होता है, उतना ही कम परमेश्वर के प्रति उसका प्रेम होता है, और परमेश्वर की उतनी ही कम शक्ति उस में प्रकट होती है। उसका शुद्धिकरण एवं दर्द जितना ज़्यादा होता है तथा उसकी यातना जितनी अधिक होगी, परमेश्वर के प्रति उसका सच्चा प्रेम एवं विश्वास उतना ही अधिक गहरा होगा, परमेश्वर में उसकी आस्था उतनी ही अधिक सच्ची होगी, और परमेश्वर के विषय में उसका ज्ञान भी उतना ही अधिक गहरा होगा।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...