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2.1.20

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:

     "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन्ना 5:22)।

     "वरन् उसे न्याय करने का भी अधिकार दिया है, इसलिये कि वह मनुष्य का पुत्र है" (यूहन्ना 5:27)।

30.8.19

95. अंधकार के उत्पीड़न से होकर फिर उठ खड़ा हुआ

मो ज़िजिआन गुआंगडॉन्ग प्रदेश
मेरा जन्म एक गरीब, दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्र में हुआ था, जहाँ हम कई पीढ़ियों से अगरबत्ती जलाते व बुद्ध की पूजा करते आए थे। उस पूरे इलाके मेँ जगह-जगह बौद्ध मंदिर हैं जहां सभी परिवार अगरबत्ती जलाने जाया करते थे; वहां किसी ने भी कभी परमेश्वर पर विश्वास नहीं किया था। 1995 में, मैं और मेरी पत्नी देश के दूसरे हिस्से में थे जहां हम प्रभु यीशु पर विश्वास किया करते थे; हमारे वापस आने के बाद, हमने सुसमाचार को साझा करना शुरू कर दिया और धीरे—धीरे इसे स्वीकार करनेवाले लोगों की संख्या 100 से ज्यादा हो गई। चूंकि परमेश्वर पर विश्वास करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही थी, इसलिए स्थानीय सरकार को यह खतरे का संकेत लगा।

27.8.19

91. पश्चाताप के बिना युवावस्था का समय बिता दिया

ज़ाओवेन, चॉन्गकिंग
"प्रेम एक शुद्ध भावना है, पवित्र बिना किसी भी दोष के। अपने हृदय का प्रयोग करो, प्रेम के लिए, अनुभूति के लिए और परवाह करने के लिए। प्रेम नियत नहीं करता, शर्तें, बाधाएँ या दूरी। अपने हृदय का प्रयोग करो, प्रेम के लिए, अनुभूति के लिए और परवाह करने के लिए। यदि तुम प्रेम करते हो, तो धोखा नहीं देते, शिकायत नहीं करते ना मुँह फेरते हो, बदले में कुछ पाने की, चाह नहीं रखते हो" (मेमने का अनुसरण करना और नए गीत गाना में "शुद्ध प्रेम बिना दोष के")।

26.8.19

88. एक आध्यात्मिक पुनर्जन्म

याँग झेंग हीलोंगजियाँग प्रांत
मैं एक गरीब ग्रामीण परिवार में पैदा हुआ था जो अपनी सोच में पिछड़ा हुआ था। मैं छोटी उम्र से ही घमंडी था और हैसियत की मेरी इच्छा विशेष रूप से प्रबल थी। समय के साथ, सामाजिक प्रभाव और पारंपरिक शिक्षा के माध्यम से, मैंने जीवित रहने के लिए शैतान के सभी प्रकार के नियमों को अपने हृदय में धारण कर लिया था। सभी प्रकार के भ्रमों ने ख्याति और हैसियत की मेरी इच्छा को विकसित कर दिया था, जैसे कि अपने दो हाथों से एक खूबसूरत मातृभूमि का निर्माण करना, प्रसिद्धि तुम्हें अमर बना देगी, लोगों को चेहरे की वैसे ही आवश्यकता होती है एक पेड़ को अपनी छाल की आवश्यकता होती है, आगे बढ़ना और शीर्ष पर रहना, पारिवारिक प्रतिष्ठा, आदि।

25.8.19

75. अंततः मैं एक मनुष्य की तरह थोड़ा जीवन व्यतीत करता हूँ

ज़ियांग वांग सिचुआन प्रांत
मैं हर बार अपने हृदय की गहराई से ताड़ना महसूस करता हूँ, जब भी मैं देखता हूँ कि परमेश्वर के वचन कहते हैं कि: "क्रूर, निर्दयी मानवजाति! साँठगाँठ और साज़िश, आपस में धक्का-मुक्की, सम्मान और संपत्ति के लिए छीनाझपटी, एक-दूसरे का कत्ल करना-आखिर ये सब कब समाप्त होगा? परमेश्वर ने लाखों वचन कहे हैं, तब भी किसी को अभी तक अक़्ल नहीं आई है। वे अपने परिवार, और बेटों और बेटियों के वास्ते, आजीविका, हैसियत, अभिमान, और पैसों के लिए, कपड़ों के वास्ते, भोजन और देह क्रिया करते हैं-किसकी क्रियाएँ वास्तव में परमेश्वर के लिए हैं? यहाँ तक कि उनमें से भी जिनकी क्रियाएँ परमेश्वर के वास्ते हैं, मात्र थोड़े ही हैं जो परमेश्वर को जानते हैं।

22.8.19

73. मैं फरीसियों के मार्ग पर क्यों चली गई हूँ?

सुज़िंग शांग्ज़ी प्रांत
मैं एक घमण्डी और अकडू व्यक्ति हूँ, और पद मेरी कमज़ोरी रहा है। कई वर्षों से मैं प्रतिष्ठा और पद से बँधी रही हूँ और मैं स्वयं को इससे स्वतन्त्र करने में समर्थ नहीं हुई हूँ। बार-बार मुझे पदोन्नत और स्थानान्तरित किया गया है; मुझे मेरे पद में अनेक असफलताएँ मिली हैं और मार्ग में अनेक धक्के लगे हैं। अनेक वर्षों तक निपटाए जाने और शुद्ध किए जाने के पश्चात्, मुझे महसूस होता था कि मैं अपने पद को गम्भीरता से नहीं ले रही हूँ।

21.8.19

72. मैंने दूसरों के साथ काम करना सीखा

ल्यू हेंग यांग्सी प्रांत
परमेश्वर के अनुग्रह और उत्कर्ष से, मैंने कलीसिया का अगुआ होने का उत्तरदायित्व लिया। उस समय, मैं बहुत उत्साहित थी और मैंने परमेश्वर के समक्ष एक संकल्प निर्धारित किया था: चाहे मैं किसी भी चीज़ का सामना क्यों न करूँ, मैं अपने उत्तरदायित्वों का त्याग नहीं करूँगी। मैं दूसरी बहन के साथ अच्छी तरह से काम करूँगी और एक ऐसी व्यक्ति बनूँगी जो सत्य का अनुसरण करने का प्रयास करती है। किन्तु मैंने केवल संकल्प ही लिया था, और नहीं जानती था कि एक सामंजस्यपूर्ण कामकाजी रिश्ते की वास्तविकता में कैसे प्रवेश कहूँ। जब मैंने पहली बार उस बहन से जुड़ना शुरू किया जिसके साथ मैं काम कर रही थी, और जब हममें मत भिन्नता और विवाद होते थे, तो मैं अपने हृदय और आत्मा की रक्षा करने के लिए कहते हुए परमेश्वर से होशहवाश में प्रार्थना करती थी ताकि मैं अपने साथी को दोष न दूँ।

18.8.19

71. नकाब को फाड़ डालो, और नए सिरे से जीवन शुरू करो

चेन डान हुनान प्रदेश
पिछले साल के अंत में, क्योंकि मैं अपने क्षेत्र में सुसमाचार के कार्य को फैलाने में असमर्थ थी, इसलिए परमेश्चर के परिवार ने किसी अन्य क्षेत्र से एक भाई को मेरे कार्य का अधिकार सँभालने के लिए स्थानांतरित किया। इससे पूर्व मुझे सूचित नहीं किया गया था, बल्कि मैं जिस बहन के साथ साझेदारी कर रही थी उसके माध्यम से अप्रत्यक्ष तौर पर मुझे यह सुनने को मिला था। मैं बहुत घबरा गई थी। मुझे संदेह था कि प्रभारी व्यक्ति ने मुझे इस डर से सूचित नहीं किया था कि मैं अपना पद त्यागने के लिए तैयार नहीं होऊँगी और झगड़ा करूँगी। परिणामस्वरूप, प्रभारी बहन के लिए मेरे मन में ख़राब राय बन गई थी।

17.8.19

70. परमेश्वर का कार्य कितना ज्ञानपूर्ण है!

शिजी मा एंशन शहर, एन्हुइ प्रांत
कलीसिया में एक अगुआ के रूप में काम करने के मेरे समय के दौरान, मेरा अगुआ अक्सर ही हमारे लिए सबक के रूप में काम आने के लिए दूसरों की असफलताओं के उदाहरण साझा किया करता था। उदाहरण के लिए: कुछ अगुआ केवल पत्रों और सिद्धांतों की बातें करते थे लेकिन अपनी खुद की भ्रष्टता का उल्लेख करने या वास्तविकता के साथ सत्य को कैसे लागू किया जाए इस बारे में अपनी समझ के संबंध में संगति करने में असफल रहते थे। परिणामस्वरूप, ऐसे अगुआ अक्सर ही अपने सेवा के सालों में अप्रभावी रहते थे और यहाँ तक कि बुरा करने और परमेश्वर का विरोध करने वाले तक बन गए थे।

16.8.19

68. पवित्र आत्मा के कार्य का पालन करना अति महत्वपूर्ण है!

बहन ज़ाइओवेई शैंगहाई शहर
कुछ समय पहले, हालाँकि मैं हमेशा से कुछ प्रेरणा और लाभ प्राप्त करती थी जब एक बहन जो मेरे साथ भागीदारी करती थी उसने मेरे साथ उस अद्भुत प्रकाशन को साझा किया था जिसे उसने परमेश्वर के वचन को खाते और पीते समय प्राप्त किया था, मुझ में हमेशा से एक ठहरा एहसास भी था कि वह दिखावा कर रही थी। मैं अपने आप में सोचती, "यदि मैं उसे इसी वक्त प्रत्युत्तर दूं, तो क्या मैं उसे बढ़ावा नहीं दे रही होऊँगी? उस अर्थ में, तब क्या मैं उससे कमतर नहीं दिखाई दूंगी?" इसके परिणामस्वरूप, मैं ने वार्तालाप में अपने स्वयं के विचारों को लाने से या किसी भी ऐसी सोच पर टीका-टिप्पणी करने से मना कर दिया जिसे वह साझा करती थी।

13.8.19

67. सर्वोत्कृष्ट उपहार जो परमेश्वर ने मुझे दिया है

यिक्ज़िन शिजिएजुआंग शहर, हेबेई प्रान्त
इससे पहले, मैं बार-बार अपने भाइयों एवं बहनों को यह कहते हुए सुनती थी कि, "परमेश्वर जो कुछ भी करता है वह बहुत अच्छे के लिए होता है; यही वह सब है जिसकी लोगों को आवश्यकता है। मैंने इसे स्वीकार किया और इसके साथ सहमत थी, लेकिन मेरे स्वयं के अनुभव के माध्यम से मुझे कोई समझ नहीं थी। बाद में मुझे उसे बातावरण के जरिए इसकी कुछ समझ प्राप्त हुई जिसे परमेश्वर ने मेरे लिए सृजित किया था।

12.8.19

66. एक सच्ची भागीदारी

फैंग ली एन्यांग शहर, हेनान प्रान्त
हाल ही में मैंने सोचा था कि मैंने एक सामंजस्यपूर्ण भागीदारी में प्रवेश किया है। मैं और मेरा सहभागी किसी भी चीज़ पर चर्चा कर सकते थे, कभी-कभी मैंने उससे यहाँ तक कि मेरी कमियों की ओर इशारा करने के लिए भी कहा, और हमने कभी भी लड़ाई नहीं की, इसलिए मैंने सोचा कि हमने एक सामंजस्यपूर्ण भागीदारी को प्राप्त कर किया है। किन्तु जब तथ्य प्रकट हुए, तो एक सच्ची सामंजस्यपूर्ण भागीदारी ऐसी कुछ नहीं थी जिसकी मैंने कल्पना की थी।

11.8.19

64. यह सत्य को अभ्यास में लाना है

फैन ज़िंग झुमैडियन शहर, हेनान प्रान्त
अतीत में, कुछ कर्तव्यों पर कार्य करने के लिए मुझे एक बहन के साथ जोड़ा गया। क्योंकि मैं अहंकारी और घमण्डी थी और सत्य की खोज नहीं करती थी, इसलिए मुझमें इस बहन के प्रति कुछ पूर्वकल्पित विचार थे जिन्हें मैंने हमेशा अपने हृदय में रखा और उसके साथ खुलकर संवाद नहीं किया। जब हम अलग हुए, तो मैंने सामंजस्यपूर्ण कार्यकारी रिश्ते की सच्चाई में प्रवेश नहीं किया था। बाद में, कलीसिया ने किसी अन्य बहन के साथ कार्य करने की मेरे लिए व्यवस्था की और मैंने परमेश्वर के सामने एक दृढ़ संकल्प स्थित किया: अब से, मैं असफलता के मार्गों पर नहीं चलूँगी।

10.8.19

63. शैतान के जूए को उतार फेंकना ही मुक्त करता है

बहन मोमो हेफि शहर, एन्हुई प्रान्त
परमेश्वर पर विश्वास करने से पहले, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था कि मैं क्या करती थी, मैं कभी पीछे रहना नहीं चाहती थी। मैं किसी भी कठिनाई को स्वीकार करने के लिए तैयार थी जब तक इसका आशय यह था कि मैं हर किसी से ऊपर उठ सकती थी। परमेश्वर को स्वीकार करने के पश्चात्, मेरी मनोवृत्ति वैसी ही बनी रही, क्योंकि मैं दृढ़ता से इस कहावत पर विश्वास करती थी, "कोई दर्द नहीं, तो कोई लाभ नहीं," और मैं ने अपनी मनोवृत्ति (रवैया) को अपनी प्रेरणा के एक प्रमाण के रूप में देखा था। जब परमेश्वर ने सत्य को मुझ पर प्रकट किया, तो अन्ततः मैं ने एहसास किया कि मैं शैतान के जूए के अधीन, एवं इसके प्रभुत्व के अधीन जी रही थी।

7.8.19

62. अप्रभावी कार्य का असल कारण

बहन ज़िनयी ज़ि'आन शहर, शानसी प्रांत
कलीसियाओं के मेरे हाल ही के दौरों में, मैं ने अक्सर अगुवों एवं कार्यकर्ताओं को यह कहते हुए सुना कि कुछ लोग, मेरे साथ संगति में भाग लेने के पश्चात्, नकारात्मकएवं दुर्बल हो गए और उनमें निरन्तर खोज करने की प्रेरणा की कमी हो गई। अन्य लोगों ने महसूस किया कि परमेश्वर में विश्वास करना अत्यधिक चुनौतीपूर्ण था और उन्होंने परमेश्वर को गलत समझा। कुछ लोगों ने कहा कि मुझ से मिलने से पहले उनकी दशा ठीक थी, परन्तु जैसे ही उन्होंने मुझे देखा, उन्होंने अत्यधिक दबाव एवं बेचैनी का एहसास किया।

6.8.19

61. एक ईमानदार व्यक्ति होना आसान नहीं है

ज़िक्सिन, हुबेई प्रांत
सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के समय के कार्य को स्वीकार करने के बाद, परमेश्वर के वचनों को पढ़ने और उपदेशों को सुनने के माध्यम से, मुझे अपने विश्वास में एक ईमानदार व्यक्ति होने का महत्व समझ में आया, और मैं जान पाई कि केवल एक ईमानदार व्यक्ति बनकर ही कोई परमेश्वर का उद्धार पा सकता है। इसलिए मैंने वास्तविक जीवन में एक ईमानदार व्यक्ति बनने का अभ्यास करना शुरू किया। कुछ समय के बाद, मैंने पाया कि मुझे इसमें कुछ प्रवेश मिला है।

5.8.19

60. जो कुछ परमेश्वर कहता है वह ही मनुष्य का न्याय है

बहन शुन्किउ नानयांग शहर, हेनान प्रांत
मैं सोचा करती थी कि परमेश्वर केवल तभी मनुष्य का न्याय एवं उसकी ताड़ना करता है जब वह मनुष्य के अंतर्निहित भ्रष्टाचार को प्रकट करता है या कठोर वचनों को सूचित करता है जो मनुष्य के अंत का फैसला करते है। यह तो सिर्फ काफी बाद में हुआ कि किसी घटना ने यह एहसास करने में मेरी अगुवाई की कि परमेश्वर के कोमल वचन भी उसके न्याय एवं ताड़ना थे। मुझे एहसास हुआ कि हर एक वचन जिसे परमेश्वर ने बोला वह मनुष्य के प्रति उसका न्याय था।

1.8.19

59. सत्य का अभ्यास करने का अनुभव

बहन हेंगसिन ज़ूजोऊ शहर, हुनान प्रांत
बहुत पहले की बात नहीं है, मैं ने "जीवन में प्रवेश के विषय में संगति और प्रचार" सुना, जिसने यह समझने हेतु मेरी अगुवाई की कि केवल ऐसे लोग जो सत्य का अभ्यास करते हैं वे ही उस सत्य को प्राप्त कर सकते हैं और अन्ततः ऐसे मनुष्य बन सकते हैं जो सत्य एवं मानवता को धारण करते हैं और इस प्रकार परमेश्वर की स्वीकृति हासिल करते हैं। तब से, मैं ने अपने दैनिक जीवन में अपने शरीर को त्यागने और सच्चाई का अभ्यास करने के लिए एक सचेत प्रयास किया। कुछ समय पश्चात्, मुझे प्रसन्नता से पता लगा कि मैं कुछ सच्चाई का अभ्यास कर सकती हूँ। उदाहरण के लिए, अतीत में मैं दूसरों को अपना अंधकारमय पहलू दिखाने से डरती थी।

31.7.19

58. ईर्ष्या, आध्यात्मिक दीर्घकालीन बीमारी

बहन हे जिएजिंग हेजू शहर, गुआंग्सी प्रांत
एक साथ मिलकर लेखों को संशोधित करने के लिए एक बहन और मुझे जोड़ीदार बनाया गया था। जब हम मिल रहे थे, तो मुझे एहसास हुआ कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था कि चाहे वह गाना गाना, नृत्य करना, परमेश्वर का वचन प्राप्त करना, या सच्चाई का संचार करना था, वह प्रत्येक पहलू में मुझ से बेहतर थी। मेज़बान परिवार के भाई एवं बहन उसे पसंद करते थे और उसके साथ बात करते थे।

30.7.19

55. आपदा से बचने का एकमात्र तरीका

चाओटुओ, शियाओगन नगर, हुबेई प्रांत
सिचुआन भूकंप के समय से ही, मैं हमेशा डरी हुई और चिंतित रहती थी कि मैं किसी दिन किसी आपदा से मारी जाऊँगी। विशेष रूप से क्योंकि मैंने आपदाओं को तीव्र होते हुए और भूकम्पों को बारंबार आते हुए देखा, इसलिए आसन्न विनाश का मेरा भय और भी स्पष्ट हो गया है। परिणामस्वरूप, मैं पूरा दिन यह विचार करते हुए बिताती थी कि यदि भूकंप आता है तो मुझे अपने आप को बचाने के लिए क्या सावधानियाँ लेनी चाहिए।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...