ल्यू हेंग यांग्सी प्रांत
परमेश्वर के अनुग्रह और उत्कर्ष से, मैंने कलीसिया का अगुआ होने का उत्तरदायित्व लिया। उस समय, मैं बहुत उत्साहित थी और मैंने परमेश्वर के समक्ष एक संकल्प निर्धारित किया था: चाहे मैं किसी भी चीज़ का सामना क्यों न करूँ, मैं अपने उत्तरदायित्वों का त्याग नहीं करूँगी। मैं दूसरी बहन के साथ अच्छी तरह से काम करूँगी और एक ऐसी व्यक्ति बनूँगी जो सत्य का अनुसरण करने का प्रयास करती है। किन्तु मैंने केवल संकल्प ही लिया था, और नहीं जानती था कि एक सामंजस्यपूर्ण कामकाजी रिश्ते की वास्तविकता में कैसे प्रवेश कहूँ। जब मैंने पहली बार उस बहन से जुड़ना शुरू किया जिसके साथ मैं काम कर रही थी, और जब हममें मत भिन्नता और विवाद होते थे, तो मैं अपने हृदय और आत्मा की रक्षा करने के लिए कहते हुए परमेश्वर से होशहवाश में प्रार्थना करती थी ताकि मैं अपने साथी को दोष न दूँ।