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23.10.19
Hindi Christian Song | परमेश्वर से दिल की बात | Praise the Love of God
15.10.19
राज्य का युग वचन का युग है भाग एक
राज्य के युग में, परमेश्वर नए युग की शुरूआत करने, अपने कार्य के साधन बदलने, और संपूर्ण युग में काम करने के लिये अपने वचन का उपयोग करता है। वचन के युग में यही वह सिद्धांत है, जिसके द्वारा परमेश्वर कार्य करता है। वह देहधारी हुआ ताकि विभिन्न दृष्टिकोणों से बातचीत कर सके, मनुष्य वास्तव में परमेश्वर को देख सके, जो देह में प्रकट होने वाला वचन है, और उसकी बुद्धि और आश्चर्य को जान सके। उसने यह कार्य इसलिए किये ताकि वह मनुष्यों को जीतने, उन्हें पूर्ण बनाने और ख़त्म करने के लक्ष्यों को बेहतर ढंग से हासिल कर सके।
11.8.19
64. यह सत्य को अभ्यास में लाना है
फैन ज़िंग झुमैडियन शहर, हेनान प्रान्त
अतीत में, कुछ कर्तव्यों पर कार्य करने के लिए मुझे एक बहन के साथ जोड़ा गया। क्योंकि मैं अहंकारी और घमण्डी थी और सत्य की खोज नहीं करती थी, इसलिए मुझमें इस बहन के प्रति कुछ पूर्वकल्पित विचार थे जिन्हें मैंने हमेशा अपने हृदय में रखा और उसके साथ खुलकर संवाद नहीं किया। जब हम अलग हुए, तो मैंने सामंजस्यपूर्ण कार्यकारी रिश्ते की सच्चाई में प्रवेश नहीं किया था। बाद में, कलीसिया ने किसी अन्य बहन के साथ कार्य करने की मेरे लिए व्यवस्था की और मैंने परमेश्वर के सामने एक दृढ़ संकल्प स्थित किया: अब से, मैं असफलता के मार्गों पर नहीं चलूँगी।
22.5.19
13. कठिनाइयों के बीच परमेश्वर की इच्छा को समझन
ज़ियाओ रुई पैंज़िहुआ सिटी, सिचुआन प्रांत
जब मैं सुसमाचार का प्रचार कर रहा था, तो मेरा सामना विधर्मी अगुआओं से हुआ जो प्रतिरोध और गड़बड़ी करने के लिए झूठी गवाही देते थे, और पुलिस बुला लेते थे। इस वजह से जिन लोगों को मैं उपदेश दे रहा था वे हमारे संपर्क में आने की हिम्मत नहीं कर रहे थे, और जिन्होंने अभी-अभी सुसमाचार को स्वीकार किया था, वे परमेश्वर के कार्य में विश्वास करने में असमर्थ हो रहे थे। जब मैं बहुत मेहनत करता और फिर भी परिणाम बहुत ख़राब होते थे, तो मैंने सोचता था कि: इंजील के कार्य को संप न्न करना बहुत कठिन है।
8.5.19
9. मैं परमेश्वर को जानने का मार्ग देखता हूँ
शिआओकाओ चांग्ज़ी सिटी, शांक्ज़ी प्रदेश
एक दिन, मैंने एक निबंध में परमेश्वर के वचन का निम्न अवतरण पढ़ा "पतरस ने यीशु को कैसे जाना": "यीशु का अनुसरण करने के दौरान, पतरस ने उसके जीवन के बारे में हर चीज़ का अवलोकन किया और उसे हृदय से लगाया: उसके कार्यों को, वचनों को, गतिविधियों को, और अभिव्यक्तियों को। … यीशु के साथ सम्पर्क में उसके समय से, पतरस ने यह भी महसूस किया कि उसका चरित्र किसी भी साधारण मनुष्य से भिन्न था। उसने हमेशा स्थिरता से कार्य किया, और कभी भी जल्दबाजी नहीं की, किसी भी विषय को बढ़ा-चढ़ा कर नहीं बताया, न ही कम करके आँका, और अपने जीवन को इस तरह से संचालित किया जो सामान्य और सराहनीय दोनों था।
15.2.19
2. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय का कार्य महान श्वेत सिंहासन का न्याय है, जिसकी प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में भविष्यवाणी की गई है।(5)
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
वे जो सत्य का पालन करते हैं और परमेश्वर के कार्य के प्रति समर्पण करते हैं, वे दूसरे देहधारी परमेश्वर – सर्वशक्तिमान—के नाम के अधीन आएँगे। वे परमेश्वर से व्यक्तिगत मार्गदर्शन पाने में सक्षम होंगे, वे अधिक उच्चतर सत्य को प्राप्त करेंगे और वास्तविक मानव जीवन ग्रहण करेंगे। वे उस दर्शन को देखेंगे जिसे अतीत के लोगों ने कभी नहीं देखा है: तब मैं ने उसे, जो मुझ से बोल रहा था, देखने के लिये अपना मुँह फेरा; और पीछे घूमकर मैं ने सोने की सात दीवटें देखीं, और उन दीवटों के बीच में मनुष्य के पुत्र सदृश एक पुरुष को देखा, जो पाँवों तक का वस्त्र पहिने, और छाती पर सोने का पटुका बाँधे हुए था। उसके सिर और बाल श्वेत ऊन वरन् पाले के समान उज्ज्वल थे, और उसकी आँखें आग की ज्वाला के समान थीं। उसके पाँव उत्तम पीतल के समान थे जो मानो भट्ठी में तपाया गया हो, और उसका शब्द बहुत जल के शब्द के समान था। वह अपने दाहिने हाथ में सात तारे लिये हुए था, और उसके मुख से तेज दोधारी तलवार निकलती थी। उसका मुँह ऐसा प्रज्वलित था, जैसा सूर्य कड़ी धूप के समय चमकता है (प्रकाशितवाक्य 1:12-16)।
वे जो सत्य का पालन करते हैं और परमेश्वर के कार्य के प्रति समर्पण करते हैं, वे दूसरे देहधारी परमेश्वर – सर्वशक्तिमान—के नाम के अधीन आएँगे। वे परमेश्वर से व्यक्तिगत मार्गदर्शन पाने में सक्षम होंगे, वे अधिक उच्चतर सत्य को प्राप्त करेंगे और वास्तविक मानव जीवन ग्रहण करेंगे। वे उस दर्शन को देखेंगे जिसे अतीत के लोगों ने कभी नहीं देखा है: तब मैं ने उसे, जो मुझ से बोल रहा था, देखने के लिये अपना मुँह फेरा; और पीछे घूमकर मैं ने सोने की सात दीवटें देखीं, और उन दीवटों के बीच में मनुष्य के पुत्र सदृश एक पुरुष को देखा, जो पाँवों तक का वस्त्र पहिने, और छाती पर सोने का पटुका बाँधे हुए था। उसके सिर और बाल श्वेत ऊन वरन् पाले के समान उज्ज्वल थे, और उसकी आँखें आग की ज्वाला के समान थीं। उसके पाँव उत्तम पीतल के समान थे जो मानो भट्ठी में तपाया गया हो, और उसका शब्द बहुत जल के शब्द के समान था। वह अपने दाहिने हाथ में सात तारे लिये हुए था, और उसके मुख से तेज दोधारी तलवार निकलती थी। उसका मुँह ऐसा प्रज्वलित था, जैसा सूर्य कड़ी धूप के समय चमकता है (प्रकाशितवाक्य 1:12-16)।
17.9.18
II. मानव जाति के उद्धार के लिए परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के बारे में सच्चाई के पहलू पर हर किसी को अवश्य गवाही देनी चाहिए
1. मानव जाति के प्रबंधन से सम्बंधित परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के उद्देश्य को जानो।(8)
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
आज के दिन तक अपना 6000 वर्षों का कार्य करते हुए, परमेश्वर ने अपने बहुत से क्रिया-कलापों को पहले ही प्रकट कर दिया है, मुख्य रूप से शैतान को पराजित करने और समस्त मानवजाति का उद्धार करने का कार्य। वह स्वर्ग की हर चीज़, पृथ्वी के ऊपर की हर चीज़ और समुद्र के अंदर की हर चीज़ और साथ ही पृथ्वी पर परमेश्वर के सृजन की हर अंतिम वस्तु को परमेश्वर की सर्वशक्तिमत्ता को देखने और परमेश्वर के सभी क्रिया-कलापों को देखने की अनुमति देने के लिए इस अवसर का उपयोग करता है।
12.9.18
II. मानव जाति के उद्धार के लिए परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के बारे में सच्चाई के पहलू पर हर किसी को अवश्य गवाही देनी चाहिए
1. मानव जाति के प्रबंधन से सम्बंधित परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के उद्देश्य को जानो।(4)
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर का प्रबंधन इस प्रकार से है: मानवजाति को शैतान की अधीनता में देना-एक ऐसी मानवजाति जो नहीं जानती कि परमेश्वर क्या है, रचयिता क्या है, परमेश्वर की आराधना किस प्रकार की जानी है, और परमेश्वर के अधीन होना क्यों आवश्यक है-और शैतान की भ्रष्टता को उन्मुक्त लगाम देना। और फिर कदम दर कदम, परमेश्वर शैतान के हाथों से मनुष्य को बचाता है, जब तक कि मनुष्य पूरी तरह से परमेश्वर की आराधना न करे और शैतान को अस्वीकार न कर दे।
4.9.18
I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए
2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?(8)
हमारी मंज़िल और उद्धार के लिए, वह हमारे लिए श्रमसाध्य प्रयास करता है, नींद और भोजन गँवा देता है, हमारे लिए रोता है, हमारे लिए आँहें भरता है, हमारे लिए बीमारी में कराहता है, अपमान सहता है, और हमारी संवेदनहीनता और विद्रोहीपन के कारण उसका हृदय लहूलुहान होता है और आँसू बहाता है; उसका यह व्यक्तित्व और आधिपत्य एक साधारण मनुष्य से बढ़ कर है, और कोई भी भ्रष्ट मनुष्य उन्हें धारण कर या पा नहीं सकता है।29.8.18
I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए
2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?(1)
संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।" (युहन्ना 1:14)।
27.6.18
चीन में धार्मिक उत्पीड़न का इतिहास: अपराधी कौन है?
चीन में धार्मिक उत्पीड़न का इतिहास: अपराधी कौन है?
वर्ष 1949 में मेनलैण्ड चीन में सत्ता में आने के बाद से, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी धार्मिक आस्था का निरंतर उत्पीड़न करने में लगी रही है। पागलपन में यह ईसाइयों को बंदी बना चुकी है और उनकी हत्या कर चुकी है, चीन में काम कर रहे मिशनरियों को निष्काषित कर चुकी है और उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा चुका है, बाइबल की अनगिनत प्रतियां जब्त कर जला दी गयीं हैं, कलीसिया की इमारतों को सीलबंद कर दिया गया है और ढहाया जा चुका है, और सभी गृह कलीसिया को जड़ से उखाड़ फैंकने का प्रयास किया जा चुका है।
19.6.18
Hindi Christian Movie "शहर परास्त किया जाएगा" क्लिप 5 - परमेश्वर के क्रोध के तहत धार्मिक बेबीलोन का पतन तय है (Hindi Dubbed)
Hindi Christian Movie "शहर परास्त किया जाएगा" क्लिप 5 - परमेश्वर के क्रोध के तहत धार्मिक बेबीलोन का पतन तय है (Hindi Dubbed)
धार्मिक जगत सर्वशक्तिमान परमेश्वर का बेतहाशा विरोध और तिरस्कार करता है, अनगिनत दुष्कर्म करता है, और वह शैतान का ऐसा अड्डा बन गया है जो स्वयं को परमेश्वर के विरोध में रखता है। धार्मिक बेबीलोन के महान शहर की नियति यही है कि परमेश्वर के कोप के अधीन उसका पतन हो जाए। प्रकाशित-वाक्य की भविष्यवाणी है कि, "हे बड़े नगर, बेबीलोन! हे दृढ़ नगर, हाय! हाय! घड़ी भर में ही तुझे दण्ड मिल गया है" (प्रकाशितवाक्य 18:10)।
14.6.18
अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" (भाग सात)
अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" (भाग सात)
परमेश्वर के परीक्षणों के बारे में कोई गलतफहमी नहीं रखो
वे जो परमेश्वर का भय मानते और बुराई से दूर रहते हैं उन्हें परमेश्वर के द्वारा स्नेह से देखा जाता है, जबकि ऐसे लोग जो मूर्ख हैं उन्हें परमेश्वर के द्वारा नीची दृष्टि से देखा जाता है
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