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15.7.19

41. परमेश्वर का प्रेम की प्रकृति क्या है?

सिकियू, सुईहुआ सिटी, हीलॉन्ग जिआंग प्रदेश
जब भी मैं परमेश्वर के वचन का यह अवतरण पढ़ता हूं, “यदि तुम हमेशा मेरे प्रति बहुत निष्ठावान और प्यार करने वाले रहे हो, मगर तुम बीमारी, जीवन की बाधाओं, और अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के परित्याग की पीड़ा को भुगतते हो और जीवन में किसी भी अन्य दुर्भाग्य को सहन करते हो, तो क्या तब भी मेरे लिए तुम्हारी निष्ठा और प्यार जारी रहेगा?” (“वचन देह में प्रकट होता है” से “एक बहुत गंभीर समस्या: विश्वासघात (2)” से) तो मुझे खास तौर पर दु:ख महसूस करता हूं — मेरे अंतर्मन में कष्ट की एक भावना फैलने लगती है और मेरा दिल अपनी मूक शिकायत कहने लगता है: प्रिय परमेश्वर, वे लोग जो तुम्हारे प्रति निष्ठावान हैं और तुमसे प्रेम करते हैं, तुम कैसे उन्हें ऐसे दुर्भाग्य का सामना करने देते हो? परिणामस्वरूप, मैंने पवित्र आत्मा द्वारा इस्तेमाल किया गया पुरुष के अर्थ को समझने में कठिन समय गुजारा था, जो कहता है, “मनुष्य से परमेश्वर की अंतिम मांग यह है कि वह स्नेही व ईमानदार रहे।”

28.5.19

Hindi Best Christian Family Movie "कहाँ है घर मेरा?" | God Gave Me a Happy Family (Hindi Dubbed)

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वेन्‍या जब दो साल की थी, उसके माता-पिता का तलाक हो गया और उसके बाद वह अपने पिता और सौतेली मां के साथ रही। उसकी सौतेली मां उसे स्‍वीकार नहीं कर पाई और हमेशा उसके पिता के साथ झगड़ा करती रही। उसके पिता के पास वेन्‍या को उसकी मां के घर भेजने के अलावा कोई और चारा न रहा, परंतु उसकी मां अपने कारोबार को चलाने में पूरी तरह व्‍यस्‍त थी और उसके पास वेन्‍या का ध्‍यान रखने के लिए कोई समय नहीं था, इसलिये वह अक्‍सर अपने रिश्‍तेदारों और दोस्‍तों के घर लालन-पालन के लिए धक्‍का खाती रही।

10.5.19

Hindi Christian Family Movie Trailer "कहाँ है घर मेरा?" | God Gave Me a Happy Family


Hindi Christian Family Movie Trailer "कहाँ है घर मेरा?" | God Gave Me a Happy Family


वेन्‍या जब दो साल की थी, उसके माता-पिता का तलाक हो गया और उसके बाद वह अपने पिता और सौतेली मां के साथ रही। उसकी सौतेली मां उसे स्‍वीकार नहीं कर पाई और हमेशा उसके पिता के साथ झगड़ा करती रही। उसके पिता के पास वेन्‍या को उसकी मां के घर भेजने के अलावा कोई और चारा न रहा, परंतु उसकी मां अपने कारोबार को चलाने में पूरी तरह व्‍यस्‍त थी और उसके पास वेन्‍या का ध्‍यान रखने के लिए कोई समय नहीं था, इसलिये वह अक्‍सर अपने रिश्‍तेदारों और दोस्‍तों के घर लालन-पालन के लिए धक्‍का खाती रही।

27.2.19

4. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के महत्व को, अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य से प्राप्त परिणामों में, दे जाखा सकता है।(4)

(1) अंत के दिनों में परमेश्वर का न्याय का कार्य मनुष्य को शुद्ध करने, बचाने और सिद्ध बनाने, तथा विजय प्राप्त करने वालों का एक समूह बनाने के लिए किया जाता है।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     संसार की सृष्टि से अब तक, परमेश्वर ने जो कुछ अपने कार्य में किया है, वह प्रेम ही है, जिसमें मनुष्य के लिए घृणा नहीं है। यहाँ तक कि ताड़ना और न्याय, जो तुम देख चुके हो, वे भी प्रेम ही हैं, अधिक सत्य और अधिक वास्तविक प्रेम, एक सत्य जो मनुष्य का मानवजीवन के सही मार्ग पर सन्दर्शन करता है। … तुम सभी पाप और दुराचार के स्थान में रहते हो; तुम सभी दुराचारी और पापी लोग हो। आज तुम न केवल परमेश्वर को देख सकते हो, बल्कि उससे भी महत्वपूर्ण, तुम सब ने ताड़ना और न्याय को प्राप्त किया है, ऐसे गहनतम उद्धार को प्राप्त किया है, अर्थात परमेश्वर के महानतम प्रेम को प्राप्त किया है।

22.11.18

7. यह क्यों कहा जाता है कि परमेश्वर का दो बार देहधारी होना देह-धारण की महत्ता को पूरा करता है?(2)

7. यह क्यों कहा जाता है कि परमेश्वर का दो बार देहधारी होना देह-धारण की महत्ता को पूरा करता है?(2)

      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

      जब यीशु अपना काम कर रहा था, तो उसके बारे में मनुष्य का ज्ञान तब भी अज्ञात और अस्पष्ट था। मनुष्य ने हमेशा यह विश्वास किया कि वह दाऊद का पुत्र है और उसके एक महान भविष्यद्वक्ता और उदार प्रभु होने की घोषणा की जिसने मनुष्य को पापों से छुटकारा दिया था। विश्वास के आधार पर मात्र उसके वस्त्र के छोर को छू कर ही कुछ लोग चंगे हो गए थे; अंधे देख सकते थे और यहाँ तक कि मृतक को जिलाया भी जा सकता था।

27.10.18

4. अंतिम दिनों में अपने न्याय के कार्य को करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, इसके बजाय उसे देह-धारण कर, स्वयं इसे क्यों करना पड़ता है?

4. अंतिम दिनों में अपने न्याय के कार्य को करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, इसके बजाय उसे देह-धारण कर, स्वयं इसे क्यों करना पड़ता है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"जैसा पिता मरे हुओं को उठाता और जिलाता है, वैसा ही पुत्र भी जिन्हें चाहता है उन्हें जिलाता है" (युहन्ना 5:22)।
"वरन् उसे न्याय करने का भी अधिकार दिया है, इसलिये कि वह मनुष्य का पुत्र है" (युहन्ना 5:27)।

27.9.18

II. मानव जाति के उद्धार के लिए परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के बारे में सच्चाई के पहलू पर हर किसी को अवश्य गवाही देनी चाहिए

2. परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों में से प्रत्येक के उद्देश्य और महत्व को जानना।(9)


(2) अनुग्रह के युग में परमेश्वर के कार्य का उद्देश्य और महत्व
अनुग्रह के युग में, यीशु संपूर्ण पतित मानवजाति (सिर्फ इस्राएलियों को नहीं) को छुटकारा दिलाने के लिए आया। उसने मनुष्य के प्रति दया और करुणा दिखायी। मनुष्य ने अनुग्रह के युग में जिस यीशु को देखा वह करुणा से भरा हुआ और हमेशा ही प्रेममय था, क्योंकि वह मनुष्य को पाप से मुक्त कराने के लिए आया था।

4.9.18

I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए

          2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?(8)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

हमारी मंज़िल और उद्धार के लिए, वह हमारे लिए श्रमसाध्य प्रयास करता है, नींद और भोजन गँवा देता है, हमारे लिए रोता है, हमारे लिए आँहें भरता है, हमारे लिए बीमारी में कराहता है, अपमान सहता है, और हमारी संवेदनहीनता और विद्रोहीपन के कारण उसका हृदय लहूलुहान होता है और आँसू बहाता है; उसका यह व्यक्तित्व और आधिपत्य एक साधारण मनुष्य से बढ़ कर है, और कोई भी भ्रष्ट मनुष्य उन्हें धारण कर या पा नहीं सकता है।

29.8.18

I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए

2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?(1)

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।" (युहन्ना 1:14)।

28.6.18

चीन में धार्मिक उत्पीड़न का इतिहास: भोर होने से पहले घना अँधेरा




चीन में धार्मिक उत्पीड़न का इतिहास: भोर होने से पहले घना अँधेरा


वर्ष 1949 में मेनलैण्ड चीन में सत्ता में आने के बाद से, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी धार्मिक आस्था का निरंतर उत्पीड़न करने में लगी रही है। पागलपन में यह ईसाइयों को बंदी बना चुकी है और उनकी हत्या कर चुकी है, चीन में काम कर रहे मिशनरियों को निष्काषित कर चुकी है और उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा चुका है, बाइबल की अनगिनत प्रतियों को जब्त कर नष्ट किया जा चुका है, कलीसिया की इमारतों को सीलबंद कर दिया गया है और ढहाया जा चुका है, और सभी गृह कलीसिया को जड़ से उखाड़ फैंकने का प्रयास किया जा चुका है।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...