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2.10.18

II. मानव जाति के उद्धार के लिए परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के बारे में सच्चाई के पहलू पर हर किसी को अवश्य गवाही देनी चाहिए

2. परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों में से प्रत्येक के उद्देश्य और महत्व को जानना।(14)

(3) राज्य के युग में परमेश्वर के कार्य का उद्देश्य और महत्व(1)
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
जब यीशु मनुष्य के संसार में आया, तो वह अनुग्रह का युग लाया, और उसने व्यवस्था का युग समाप्त किया। अंत के दिनों के दौरान, परमेश्वर एक बार फिर देहधारी बन गया, और इस बार जब उसने देहधारण किया, तो उसने अनुग्रह का युग समाप्त किया और परमेश्वर के राज्य का युग ले आया।

27.9.18

II. मानव जाति के उद्धार के लिए परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के बारे में सच्चाई के पहलू पर हर किसी को अवश्य गवाही देनी चाहिए

2. परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों में से प्रत्येक के उद्देश्य और महत्व को जानना।(9)


(2) अनुग्रह के युग में परमेश्वर के कार्य का उद्देश्य और महत्व
अनुग्रह के युग में, यीशु संपूर्ण पतित मानवजाति (सिर्फ इस्राएलियों को नहीं) को छुटकारा दिलाने के लिए आया। उसने मनुष्य के प्रति दया और करुणा दिखायी। मनुष्य ने अनुग्रह के युग में जिस यीशु को देखा वह करुणा से भरा हुआ और हमेशा ही प्रेममय था, क्योंकि वह मनुष्य को पाप से मुक्त कराने के लिए आया था।

25.9.18

II. मानव जाति के उद्धार के लिए परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के बारे में सच्चाई के पहलू पर हर किसी को अवश्य गवाही देनी चाहिए

2. परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों में से प्रत्येक के उद्देश्य और महत्व को जानना।(7)

(2) अनुग्रह के युग में परमेश्वर के कार्य का उद्देश्य और महत्व
संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"परमेश्‍वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिये नहीं भेजा कि जगत पर दण्ड की आज्ञा दे, परन्तु इसलिये कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए" (युहन्ना 3:17)।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
यीशु अनुग्रह के युग के समस्त कार्य का प्रतिनिधित्व करता है; वह देह में देहधारी हुआ और उसे सलीब पर चढ़ाया गया, और उसने भी अनुग्रह के युग का उद्घाटन किया। छुटकारे के कार्य को पूरा करने, व्यवस्था के युग का अंत करने और अनुग्रह के युग का आरम्भ करने के लिए उसे सलीब पर चढ़ाया गया था, और इसलिए उसे "सर्वोच्च सेनापति," "पाप बलि," और "छुटकारा दिलाने वाला" कहा गया।

4.9.18

I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए

          2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?(8)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

हमारी मंज़िल और उद्धार के लिए, वह हमारे लिए श्रमसाध्य प्रयास करता है, नींद और भोजन गँवा देता है, हमारे लिए रोता है, हमारे लिए आँहें भरता है, हमारे लिए बीमारी में कराहता है, अपमान सहता है, और हमारी संवेदनहीनता और विद्रोहीपन के कारण उसका हृदय लहूलुहान होता है और आँसू बहाता है; उसका यह व्यक्तित्व और आधिपत्य एक साधारण मनुष्य से बढ़ कर है, और कोई भी भ्रष्ट मनुष्य उन्हें धारण कर या पा नहीं सकता है।

3.9.18

I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए

            2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?(7)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

देहधारी परमेश्वर मसीह कहलाता है, तथा मसीह परमेश्वर के आत्मा के द्वारा धारण किया गया देह है। यह देह किसी भी मनुष्य की देह से भिन्न है। यह भिन्नता इसलिए है क्योंकि मसीह मांस तथा खून से बना हुआ नहीं है बल्कि आत्मा का देहधारण है। उसके पास सामान्य मानवता तथा पूर्ण परमेश्वरत्व दोनों हैं। उसकी दिव्यता किसी भी मनुष्य द्वारा धारण नहीं की जाती है।

29.8.18

I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए

2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?(1)

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।" (युहन्ना 1:14)।

22.8.18

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन “उद्धारकर्त्ता पहले से ही एक ‘सफेद बादल’ पर सवार होकर वापस आ चुका है”

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन “उद्धारकर्त्ता पहले से ही एक ‘सफेद बादल’ पर सवार होकर वापस आ चुका है”


सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर कहते हैं “जब से यीशु गया है, वे चेले जो उसका अनुसरण करते थे, और सभी संत जिन्होंने उसके नाम के कारण उद्धार पाया था, सभी उसकी हताशापूर्ण ढंग से अभिलाषा और उसका इन्तज़ार कर रहे हैं।

9.7.18

परमेश्वर के कथन "देहधारी परमेश्वर की सेवकाई और मनुष्य के कर्तव्य के बीच अंतर भाग एक" (भाग 2)


परमेश्वर के कथन "देहधारी परमेश्वर की सेवकाई और मनुष्य के कर्तव्य के बीच अंतर भाग एक" (भाग 2)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "चाहे देहधारी परमेश्वर बोले, कार्य करे, या चमत्कार प्रकट करे, वह अपने प्रबंधन के अंतर्गत महान कार्य कर रहा है, और इस प्रकार का कार्य उसके बदले मनुष्य नहीं कर सकता है। मनुष्य का कार्य केवल सृजन किए गए प्राणी के रूप में परमेश्वर के प्रबंधन के कार्य के किसी दिए गए चरण में सिर्फ़ अपना कर्तव्य करना है। इस प्रकार के प्रबंधन के बिना, अर्थात्‌, यदि देहधारी परमेश्वर की सेवकाई खो जाती है, तो सृजित प्राणी का कर्तव्य भी खो जायेगा।

4.7.18

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "विश्वासियों को क्या दृष्टिकोण रखना चाहिए



सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "विश्वासियों को क्या दृष्टिकोण रखना चाहिए"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "बीते समयों में, अनेक लोग मनुष्य की महत्वाकांक्षा और धारणाओं के साथ मनुष्य की आशाओं के लिए आगे बढ़े। अब इन मामलों पर चर्चा नहीं की जाएगी। कुंजी है अभ्यास का ऐसा ढंग खोजना जो तुम में से हर एक को परमेश्वर के सम्मुख एक सामान्य स्थिति बनाये रखने और धीरे-धीरे शैतान के प्रभाव की बेड़ियों को तोड़ डालने में सक्षम करे, ताकि तुम परमेश्वर को प्राप्त हो सको और पृथ्वी पर वैसे जियो जैसे परमेश्वर तुमसे चाहता है। केवल इसी से परमेश्वर की इच्छा पूरी हो सकती है।"

3.7.18

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का अभ्यास" (भाग दो)



सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का अभ्यास" (भाग दो)


मनुष्य के बीच परमेश्वर का कार्य मनुष्य से अवियोज्य है, क्योंकि मनुष्य इस कार्य का लक्ष्य है, और परमेश्वर के द्वारा रचा गया एकमात्र ऐसा प्राणी है जो परमेश्वर की गवाही दे सकता है। मनुष्य का जीवन और मनुष्य के समस्त क्रियाकलाप परमेश्वर से अवियोज्य हैं, और उन सब को परमेश्वर के हाथों के द्वारा नियन्त्रित किया जाता है, और यहाँ तक कि यह भी कहा जा सकता है कि कोई भी व्यक्ति परमेश्वर से स्वाधीन होकर अस्तित्व में नहीं रह सकता है। कोई भी इसे नकार नहीं सकता है, क्योंकि यह एक तथ्य है। वह सब कुछ जो परमेश्वर करता है मनुष्यजाति के लाभ के लिए है, और शैतान के षडयन्त्रों की ओर निर्देशित है।

25.6.18

किसने धकेला उसे मौत के मुं‍ह में



किसने धकेला उसे मौत के मुं‍ह में


वर्ष 1949 में मेनलैण्ड चीन में सत्ता में आने के बाद से, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी धार्मिक आस्था का निरंतर उत्पीड़न करने में लगी रही है। पागलपन में यह ईसाइयों को बंदी बना चुकी है और उनकी हत्या कर चुकी है, चीन में काम कर रहे मिशनरियों को निष्काषित कर चुकी है और उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा चुका है, बाइबल की अनगिनत प्रतियां जब्त कर जला दी गयीं हैं, कलीसिया की इमारतों को सीलबंद कर दिया गया है और ढहाया जा चुका है, और सभी गृह कलीसिया को जड़ से उखाड़ फैंकने का प्रयास किया जा चुका है।

22.6.18

अपनी असलियत की सही पहचान

2. अपनी असलियत की सही पहचान

शाओशाओ शूझाऊ शहर, ज़िआंग्सु प्रांत

चर्च के काम-काज की आवश्यकताओं के कारण, मुझे अपने कर्तव्य के निर्वाह के लिए एक दूसरे स्थान पर भेजा गया था। उस समय, उक्त स्थान पर सुसमाचार का कार्य संतोषजनक स्थिति मेँ नहीं था और भाइयों और बहनों की स्थिति समान्यतया अच्छी नहीं थी। लेकिन चूंकि मुझे पवित्र आत्मा का सानिध्य प्राप्त था, प्रतिकूल अवस्था के बावजूद भी मैंने सभी सौंपे हुए कार्य को पूर्ण आत्मविश्वास के साथ हाथ मेँ लिया। सुपुर्द कार्य को स्वीकार करने के बाद, मैंने पूर्ण दायित्व बोध, सम्पूर्ण प्रबुद्धता का अनुभव किया और यह भी सोचा कि मुझमें पर्याप्त इच्छा शक्ति है। मुझे विश्वास था कि मैं समर्थ हूँ और इस दायित्व का निष्पादन भली भाँति कर सकती हूँ। वास्तविक स्थिति यह थी कि उस समय मुझे पवित्र आत्मा के कार्यों का किसी भी प्रकार का ज्ञान नहीं था और न ही मुझे अपने स्वभाव के बारे मेँ पता था। मैं पूरी तरह आत्म-संतुष्टि और आत्म-मुग्धता की स्थिति मेँ जी रही थी।

17.6.18

Hindi Christian Movie "शहर परास्त किया जाएगा" क्लिप 3 - फरीसियों के परमेश्वर का विरोध करने का सार क्या है? (Hindi Dubbed)


Hindi Christian Movie "शहर परास्त किया जाएगा" क्लिप 3 - फरीसियों के परमेश्वर का विरोध करने का सार क्या है? (Hindi Dubbed)

दो हज़ार साल तक, हालांकि सभी विश्वासी इस तथ्य को जानते रहे हैं कि फरीसियों ने प्रभु यीशु को झुठलाया था, लेकिन पूरे धार्मिक संसार में कोई नहीं जानता कि फरीसियों के परमेश्वर को नकारने का मूल कारण और वास्तविक सार क्या था। सिर्फ अंत के दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के आगमन के साथ इस प्रश्न का सत्‍य ज़ाहिर हो सका है।

15.6.18

Hindi Christian Movie "शहर परास्त किया जाएगा" क्लिप 1 - धार्मिक संसार का पतन बेबीलोन शहर के रूप में हो गया है (Hindi Dubbed)


Hindi Christian Movie "शहर परास्त किया जाएगा" क्लिप 1 - धार्मिक संसार का पतन बेबीलोन शहर के रूप में हो गया है (Hindi Dubbed)

धार्मिक संसार परमेश्वर के मार्ग से भटक जाता है और सांसारिक रुझानों का अनुसरण करने लगता है, वह चमकती पूर्वी बिजली की प्रचंड अवज्ञा और निंदा करने में सत्‍तारूढ़ शासन के साथ सहयोग करता है, और वह पहले ही परमेश्वर-विरोधी मार्ग पर चलना शुरू कर चुका है। धार्मिक संसार बेबीलोन शहर के रूप में पतित हो चुका है। बाइबल कहती है, "यीशु ने परमेश्वर के मन्दिर में जाकर उन सब को, जो मन्दिर में लेनदेन कर रहे थे, निकाल दिया, और सर्राफों के पीढ़े और कबूतर बेचनेवालों की चौकियाँ उलट दीं, और उनसे कहा, “लिखा है, ‘मेरा घर प्रार्थना का घर कहलाएगा’; परन्तु तुम उसे डाकुओं की खोह बनाते हो" (मत्ती 21:12-13)।

13.6.18

अंतिम दिनों के मसीह के कथन “परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II अंतिम दिनों के मसीह के कथन”


अंतिम दिनों के मसीह के कथन “परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II अंतिम दिनों के मसीह के कथन”


इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट होता है" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री:
परमेश्वर के परीक्षणों के बारे में कोई गलतफहमी नहीं रखो
वे जो परमेश्वर का भय मानते और बुराई से दूर रहते हैं उन्हें परमेश्वर के द्वारा स्नेह से देखा जाता है, जबकि ऐसे लोग जो मूर्ख हैं उन्हें परमेश्वर के द्वारा नीची दृष्टि से देखा जाता है

28.2.18

"प्रतीक्षारत" – चतुर कुंवारी "सच्चे मसीह" और "झूठे मसीहों" के बीच अन्तर कर सकती है



प्रभु के दूसरे आगमन का सामना होने पर, क्या आप झूठे मसीहों से इतने भयभीत हो जाएंगे कि आप अपनी रक्षा के लिए द्वार ही बंद कर लेंगे और प्रभु के प्रकटन की प्रतीक्षा करेंगे, या आप चतुर कुंवारी की तरह आचरण करेंगे, और परमेश्वर की वाणी पर ध्यान देंगे और प्रभु की वापसी का अभिनंदन करेंगे? इस वीडियो में आपको यह बताया जाएगा कि प्रभु के दूसरे आगमन का स्वागत कैसे करें।

24.2.18

Hindi Christian Video | Chronicles of Religious Persecution | "किसने धकेला उसे मौत के मुं‍ह में"

Hindi Christian Video | Chronicles of Religious Persecution | "किसने धकेला उसे मौत के मुं‍ह में"


     वर्ष 1949 में मेनलैण्ड चीन में सत्ता में आने के बाद से, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी धार्मिक आस्था का निरंतर उत्पीड़न करने में लगी रही है। पागलपन में यह ईसाइयों को बंदी बना चुकी है और उनकी हत्या कर चुकी है, चीन में काम कर रहे मिशनरियों को निष्काषित कर चुकी है और उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा चुका है, बाइबल की अनगिनत प्रतियां जब्त कर जला दी गयीं हैं, कलीसिया की इमारतों को सीलबंद कर दिया गया है और ढहाया जा चुका है, और सभी गृह कलीसिया को जड़ से उखाड़ फैंकने का प्रयास किया जा चुका है।

22.2.18

Come Meet God | Hindi Best Christian Music Video | "हमारा जीवन व्यर्थ में नहीं है" (A Cappella)



हो.. ये जीवन व्यर्थ नहीं। हो.. ये जीवन व्यर्थ नहीं। 

मिलें हम परमेश्वर से, अनुभव करें उसके कार्य। हमने देहधारी परमेश्वर को जाना है। हमने देखे उसके कार्य, भव्य और चमत्कारिक। कोई दिन जीवन का हमारा व्यर्थ नहीं। सच और जीवन मसीह है, करते पुष्टि हम!

20.2.18

Hindi Praise and Worship "मीठे प्यार का गीत" | Experience the True Love of God



मेरे दिल की गहरायी में, आपका प्यार है। इतना प्यार, की में आप के पास होता हूँ। आपका ध्यान करना मेरे दिल की मिठास है; मेरे मन से आपकी सेवा। मेरे दिल के इशारो से, यह आपका प्यार है; मैं प्यार के कदमो का अनुसरण करता हूँ| मैंने आपकी आँखों के अनुसार अपने आप में बदलाव किये; मेरे दिल की खुशी को प्यार दिखा रहा है। मेरे दिल की खुशी को प्यार दिखा रहा है।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...