31.10.18

4. अंतिम दिनों में अपने न्याय के कार्य को करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, इसके बजाय उसे देह-धारण कर, स्वयं इसे क्यों करना पड़ता है?

4. अंतिम दिनों में अपने न्याय के कार्य को करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, इसके बजाय उसे देह-धारण कर, स्वयं इसे क्यों करना पड़ता है?(5)

       परमेश्वर के प्रासंगिक वचन

       न्या य का कार्य परमेश्वर का स्वयं का कार्य है, इसलिए प्राकृतिक रूप से इसे परमेश्वर के द्वारा किया जाना चाहिए; उसकी जगह इसे मनुष्य द्वारा नहीं किया जा सकता है। क्योंकि सत्य के माध्यम से मानवजाति को जीतना न्याय है, इसलिए यह निर्विवाद है कि तब भी परमेश्वर मनुष्यों के बीच इस कार्य को करने के लिए देहधारी छवि के रूप में प्रकट होता है।

30.10.18

4. अंतिम दिनों में अपने न्याय के कार्य को करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, इसके बजाय उसे देह-धारण कर, स्वयं इसे क्यों करना पड़ता है?

4. अंतिम दिनों में अपने न्याय के कार्य को करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, इसके बजाय उसे देह-धारण कर, स्वयं इसे क्यों करना पड़ता है?(4)


        परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:


      परमेश्वर के कार्य के इन दो चरणों को परमेश्वर के द्वारा उसकी देहधारी पहचान में सम्पन्न किया गया है क्योंकि वे समूचे प्रबंधकीय कार्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। लगभग ऐसा कहा जा सकता है कि, परमेश्वर के दो देहधारण के कार्य के बिना, समूचा प्रबंधकीय कार्य थम गया होता, और मानवजाति को बचाने का कार्य और कुछ नहीं बल्कि खोखली बातें होतीं।

29.10.18

4. अंतिम दिनों में अपने न्याय के कार्य को करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, इसके बजाय उसे देह-धारण कर, स्वयं इसे क्यों करना पड़ता है?

परमेश्वर के वचनों के उद्धरणों, पीछे का सत्य, उजागर हुआ, प्रचारित करना,

4. अंतिम दिनों में अपने न्याय के कार्य को करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, इसके बजाय उसे देह-धारण कर, स्वयं इसे क्यों करना पड़ता है?(3)


      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     क्योंकि वह मनुष्य है जिसका न्याय किया जाता है, मनुष्य जो हाड़-मांस का है और उसे भ्रष्ट किया जा चुका है, और यह शैतान का आत्मा नहीं है जिसका सीधे तौर पर न्याय किया जाता है, न्याय के कार्य को आत्मिक संसार में सम्पन्न नहीं किया जाता है, परन्तु मनुष्यों के बीच किया जाता है।

28.10.18

4. अंतिम दिनों में अपने न्याय के कार्य को करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, इसके बजाय उसे देह-धारण कर, स्वयं इसे क्यों करना पड़ता है?

     परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
यह बिलकुल इसलिए है क्योंकि शैतान ने मनुष्य के शरीर को भ्रष्ट कर दिया है, और मनुष्य ही वह प्राणी है जिसे परमेश्वर बचाने का इरादा करता है, यह कि परमेश्वर को शैतान के साथ युद्ध करने के लिए और व्यक्तिगत तौर पर मनुष्य की चरवाही करने के लिए देह का रूप लेना ही होगा। केवल यह ही उसके कार्य के लिए फायदेमंद है। शैतान को हराने के लिए परमेश्वर के दो देहधारण अस्तित्व में आए हैं, और साथ ही मनुष्य को बेहतर ढंग से बचाने के लिए अस्तित्व आए हैं।

27.10.18

4. अंतिम दिनों में अपने न्याय के कार्य को करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, इसके बजाय उसे देह-धारण कर, स्वयं इसे क्यों करना पड़ता है?

4. अंतिम दिनों में अपने न्याय के कार्य को करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, इसके बजाय उसे देह-धारण कर, स्वयं इसे क्यों करना पड़ता है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"जैसा पिता मरे हुओं को उठाता और जिलाता है, वैसा ही पुत्र भी जिन्हें चाहता है उन्हें जिलाता है" (युहन्ना 5:22)।
"वरन् उसे न्याय करने का भी अधिकार दिया है, इसलिये कि वह मनुष्य का पुत्र है" (युहन्ना 5:27)।

26.10.18

3. देह-धारी परमेश्वर के कार्य और आत्मा के कार्य के बीच क्या अंतर है?(8)

      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

      यदि परमेश्वर का आत्मा मनुष्यों से सीधे तौर पर बात करता, तो वे सब उस वचन के प्रति समर्पित हो जाते, प्रकाशन के वचनों के बिना नीचे गिर जाते, बिलकुल वैसे ही जैसे पौलुस ज्योति के मध्य भूमि पर गिर गया था जब उसने दमिश्क की यात्रा की थी। यदि परमेश्वर लगातार इसी तरीके से काम करता, तो मनुष्य वचन के द्वारा न्याय के माध्यम से अपने स्वयं के भ्रष्ट स्वभाव को जानने और उद्धार प्राप्त करने में कभी समर्थ नहीं होता।

25.10.18

3. देह-धारी परमेश्वर के कार्य और आत्मा के कार्य के बीच क्या अंतर है?(7)

           परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

      यह परमेश्वर के देहधारण का लाभ थाः वह मानव जाति के ज्ञान का लाभ उठा सकता था और लोगों से बात करने, और अपनी इच्छा को प्रकट करने के लिए मानवीय भाषा का उपयोग कर सकता था। उसने मनुष्यों के लिए अपनी गहरी, और ईश्वरीय भाषा की व्याख्या की एवं अनुवाद किया जिसे मानवीय भाषा, और मानवीय तरीके से समझने में लोगों को संघर्ष करना पड़ता था।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...