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3.7.19

Hindi Gospel Movie | बाइबल के बारे में रहस्य का खुलासा | Do You Know the Inside Story of the Bible? (Hindi Dubbed)

Hindi Gospel Movie | बाइबल के बारे में रहस्य का खुलासा | Do You Know the Inside Story of the Bible? (Hindi Dubbed)


फेंग ज्याह्वई, चीन की एक गृह कलीसिया की प्रचारक हैं। उन्‍होंने कई सालों से प्रभु में विश्‍वास किया है और सदा यह सोचा कि बाइबल परमेश्‍वर से प्रेरित है, कि अपनी आस्‍था में इसका अनुसरण करना आवश्‍यक है, परमेश्‍वर के वचन बाइबल के बाहर नहीं प्रकट होते, और बाइबल से भटकना विधर्म है। परंतु हाल के वर्षों में कलीसिया के उजाड़ हो जाने और विश्‍वासियों के अपनी आस्‍था के प्रति उदासीन हो जाने से, उनमें गहन संशय पैदा हुआ।

17.5.19

11. व्यक्तिगत प्रतिशोध का स

झोउलीजिंटाईशहर, शान्डोंगप्रांत
कुछ समय पहले हमे अपने क्षेत्र में ज़िलों का चयन करना पड़ता था, और अगुआओं को चुनने के लिए हमारे सिद्धांतों के आधार पर एक भाई होता था जो तुलनात्मक तौर पर एक उपयुक्त उम्मीदवारहोता था। मैंने उसे ज़िले का अगुआ बनाने की तैयारी कर ली। एक दिन मैं जब इस भाई के साथ बातचीत कर रही थी;उसने उल्लेख किया कि वह ऐसा महसूस करता था कि मै अपने काम में अत्यधिक व्यस्त हो गयी थी, बहुत अधिक, और मेरे साथ बैठने में कुछ आनंद नहीं आ रहा था... जब मैंने यह सुना, मुझे लगा कि मैं बहुत घटिया हूँ। मुझे बहुत बुरा लगा; मैंने तुरंत ही इस भाई के लिए एक धारणा विकसित कर ली, और उसके बाद मैंने उसे ज़िला के अगुआ के रूप में आगे बढ़ाने की कोई योजना नहीं बनाई।

26.2.19

4. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के महत्व को, अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य से प्राप्त परिणामों में, दे जाखा सकता है।(3)

(1) अंत के दिनों में परमेश्वर का न्याय का कार्य मनुष्य को शुद्ध करने, बचाने और सिद्ध बनाने, तथा विजय प्राप्त करने वालों का एक समूह बनाने के लिए किया जाता है।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     वास्तव में, जो कार्य अब किया जा रहा है वह लोगों से शैतान का त्याग करवाने, उनके पुराने पूर्वजों का त्याग करवाने के लिए किया जा रहा है। वचन के द्वारा सभी न्यायों का उद्देश्य मानवता के भ्रष्ट स्वभाव को उजागर करना है और लोगों को जीवन का सार समझने में समर्थ बनाना है। ये बार-बार के न्याय मनुष्य के हदयों को छेद देते हैं। प्रत्येक न्याय सीधे उनके भाग्य पर प्रभाव डालता है और उनके हृदयों को घायल करने के आशय से है ताकि वे उन सभी बातों को जाने दें और फलस्वरूप जीवन के बारे में जान जाएँ, इस गंदी दुनिया को जान जाएँ, और परमेश्वर की बुद्धि और सर्वशक्तिमत्ता को जान जाएँ तथा इस शैतान के द्वारा भ्रष्ट की गई मानवजाति को जान जाएँ। जितना अधिक इस प्रकार की ताड़ना और न्याय होते हैं, उतना ही अधिक मनुष्य का हृदय घायल किया जा सकता है और उतना ही अधिक उसकी आत्मा को जगाया जा सकता है।

20.2.19

3. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय का कार्य किस तरह मानवजाति को शुद्ध करता और बचाता है?(4)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

    परमेश्वर के द्वारा मनुष्य की सिद्धता किसके द्वारा पूरी होती है? उसके धर्मी स्वभाव के द्वारा। परमेश्वर के स्वभाव मुख्यतः धार्मिकता, क्रोध, भव्यता, न्याय और शाप शामिल है, और उसके द्वारा मनुष्य की सिद्धता प्राथमिक रूप से न्याय के द्वारा होती है। कुछ लोग नहीं समझते, और पूछते हैं कि क्यों परमेश्वर केवल न्याय और शाप के द्वारा ही मनुष्य को सिद्ध बना सकता है।

19.2.19

3. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय का कार्य किस तरह मानवजाति को शुद्ध करता और बचाता है?(3)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     इस युग के दौरान परमेश्वर द्वारा किया गया कार्य मुख्य रूप से मनुष्य के जीवन के लिए वचनों का प्रावधान करना, मनुष्य की प्रकृति के सार और भ्रष्ट स्वभाव को प्रकट करना था, धार्मिक अवधारणाओं, सामन्ती सोच, पुरानी सोच, साथ ही मनुष्य के ज्ञान और संस्कृति को समाप्त करना था। यह सब कुछ परमेश्वर के वचनों के माध्यम से अवश्य सामने लाया जाना और साफ किया जाना चाहिए। अंत के दिनों में, मनुष्य को पूर्ण करने के लिए परमेश्वर वचनों का उपयोग करता है, न कि चिह्नों और चमत्कारों का।

29.10.18

4. अंतिम दिनों में अपने न्याय के कार्य को करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, इसके बजाय उसे देह-धारण कर, स्वयं इसे क्यों करना पड़ता है?

परमेश्वर के वचनों के उद्धरणों, पीछे का सत्य, उजागर हुआ, प्रचारित करना,

4. अंतिम दिनों में अपने न्याय के कार्य को करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, इसके बजाय उसे देह-धारण कर, स्वयं इसे क्यों करना पड़ता है?(3)


      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     क्योंकि वह मनुष्य है जिसका न्याय किया जाता है, मनुष्य जो हाड़-मांस का है और उसे भ्रष्ट किया जा चुका है, और यह शैतान का आत्मा नहीं है जिसका सीधे तौर पर न्याय किया जाता है, न्याय के कार्य को आत्मिक संसार में सम्पन्न नहीं किया जाता है, परन्तु मनुष्यों के बीच किया जाता है।

28.10.18

4. अंतिम दिनों में अपने न्याय के कार्य को करने के लिए परमेश्वर मनुष्य का उपयोग क्यों नहीं करता, इसके बजाय उसे देह-धारण कर, स्वयं इसे क्यों करना पड़ता है?

     परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
यह बिलकुल इसलिए है क्योंकि शैतान ने मनुष्य के शरीर को भ्रष्ट कर दिया है, और मनुष्य ही वह प्राणी है जिसे परमेश्वर बचाने का इरादा करता है, यह कि परमेश्वर को शैतान के साथ युद्ध करने के लिए और व्यक्तिगत तौर पर मनुष्य की चरवाही करने के लिए देह का रूप लेना ही होगा। केवल यह ही उसके कार्य के लिए फायदेमंद है। शैतान को हराने के लिए परमेश्वर के दो देहधारण अस्तित्व में आए हैं, और साथ ही मनुष्य को बेहतर ढंग से बचाने के लिए अस्तित्व आए हैं।

22.10.18

3. देह-धारी परमेश्वर के कार्य और आत्मा के कार्य के बीच क्या अंतर है?(10

     परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

      फिर भी, एक सच्चाई है जिसे तुम नहीं जानते हो: जब मनुष्य मसीह को देखता है तब उसका भ्रष्ट स्वभाव, विद्रोह और प्रतिरोध का खुलासा हो जाता है, और जिस विद्रोह और प्रतिरोध का खुलासा ऐसे अवसर पर होता है वह किसी अन्य समय की अपेक्षा कहीं ज़्यादा पूर्ण और निश्चित होता है।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...