6.9.18

I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए

            2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?(10)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

यद्यपि देहधारी परमेश्वर का रूप बिल्कुल मनुष्य के समान है, फिर भी वह मानवीय ज्ञान को सीखता है और मानवीय भाषा में बोलता है और कई बार अपनी युक्तियों को मानव जाति के माध्यमों या प्रकटीकरण के द्वारा प्रकट भी करता है, और जिस तरह से वह मनुष्यों, एवं चीज़ों के सार को देखता है, और जिस तरह भ्रष्ट लोग मानव जाति और चीज़ों के सार को देखते हैं वे बिल्कुल एक समान नहीं हैं।

5.9.18

I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए

             2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?(9)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

मनुष्य के पुत्र के देहधारण ने परमेश्वर की मानवता के द्वारा उसकी ईश्वरीयता को प्रकट किया था और परमेश्वर की इच्छा को मानव जाति तक पहुँचाया था। और परमेश्वर की इच्छा और स्वभाव के प्रकटीकरण के द्वारा, उसने लोगों के सामने उस परमेश्वर को प्रकाशित किया जिसे आध्यात्मिक आयाम क्षेत्र में देखा और छुआ नहीं जा सकता था।

4.9.18

I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए

          2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?(8)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

हमारी मंज़िल और उद्धार के लिए, वह हमारे लिए श्रमसाध्य प्रयास करता है, नींद और भोजन गँवा देता है, हमारे लिए रोता है, हमारे लिए आँहें भरता है, हमारे लिए बीमारी में कराहता है, अपमान सहता है, और हमारी संवेदनहीनता और विद्रोहीपन के कारण उसका हृदय लहूलुहान होता है और आँसू बहाता है; उसका यह व्यक्तित्व और आधिपत्य एक साधारण मनुष्य से बढ़ कर है, और कोई भी भ्रष्ट मनुष्य उन्हें धारण कर या पा नहीं सकता है।

3.9.18

I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए

            2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?(7)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

देहधारी परमेश्वर मसीह कहलाता है, तथा मसीह परमेश्वर के आत्मा के द्वारा धारण किया गया देह है। यह देह किसी भी मनुष्य की देह से भिन्न है। यह भिन्नता इसलिए है क्योंकि मसीह मांस तथा खून से बना हुआ नहीं है बल्कि आत्मा का देहधारण है। उसके पास सामान्य मानवता तथा पूर्ण परमेश्वरत्व दोनों हैं। उसकी दिव्यता किसी भी मनुष्य द्वारा धारण नहीं की जाती है।

2.9.18

I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए

            2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?(5)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

परमेश्वर के देहधारण की मानवता देह में सामान्य दिव्य कार्य को बनाए रखने के लिए मौजूद रहती है; उसकी सामान्य मानवीय सोच उसकी सामान्य मानवता को और उसकी समस्त सामान्य दैहिक गतिविधियों को बनाए रखती है। कोई व्यक्ति कह सकता है कि उसकी सामान्य मानवीय सोच देह में परमेश्वर के कार्य को बनाए रखने के उद्देश्य से विद्यमान रहती है।

I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए

      2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?(6)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

उसके देहधारी जीवन और कार्य को दो चरणों में विभाजित किया जा सकता है। पहला उसका वह जीवन है जो उसने अपनी सेवकाई प्रारम्भ करने से पहले जीया।

1.9.18

I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए

               2. देहधारण क्या है? देहधारण का तत्व क्या है?(4)


परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

पृथ्वी पर यीशु ने जो जीवन जीया वह देह में एक सामान्य जीवन था। उसने अपनी देह का सामान्य जीवन जीया। उसके अधिकार-परमेश्वर का कार्य करना और उसके वचन बोलना, या बीमार को चंगा करना और दुष्टात्माओं को निकालना, ऐसे असाधारण कार्य करना-ने ज़्यादातर स्वयं को तब तक प्रकट नहीं किया जब तक उसने अपनी सेवकाई आरम्भ नहीं की।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...