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25.7.18

परमेश्वर में आस्था" (4) - क्या बाइबल में विश्वास करना प्रभु में विश्वास करने के समान है?



परमेश्वर में आस्था" (4) - क्या बाइबल में विश्वास करना प्रभु में विश्वास करने के समान है?


धार्मिक संसार में अधिकांश लोग यह मानते हैं कि बाइबल ईसाई धर्म की कसौटी है, व्यक्ति को बाइबल का पालन करना चाहिए तथा प्रभु में व्यक्ति के विश्वास का आधार पूरी तरह से बाइबल में होना चाहिए, और अगर कोई बाइबल से अलग होता है तो उसे विश्वासी नहीं समझा जाएगा। इसलिए क्या प्रभु में विश्वास रखना और बाइबल में विश्वास रखना एक ही बात है? बाइबल और प्रभु के बीच वास्तव में क्या संबंध है? एक बार प्रभु यीशु ने प्राचीन यहूदी समुदाय को इन शब्दों के बारे में फटकार लगाई थी, "तुम पवित्रशास्त्र में ढूँढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उसमें अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है; और यह वही है जो मेरी गवाही देता है; फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते।" (यूहन्ना 5 : 39-40) बाइबल मात्र परमेश्वर की गवाही है, परंतु इसमें अनन्त जीवन नहीं है। केवल परमेश्वर ही सत्य, मार्ग, और जीवन है। उस मामले में, हम बाइबल को किस नज़र से देखें कि वह प्रभु की इच्छा के अनुरूप हो?

22.7.18

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X सब वस्तुओं के जीवन का स्रोत परमेश्वर है (IV)" (भाग एक)



अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X सब वस्तुओं के जीवन का स्रोत परमेश्वर है (IV)" (भाग एक)


इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट होता है" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री:
1. मनुष्य के लिए यहोवा परमेश्वर की आज्ञा
2. सर्प के द्वारा स्त्री को बहकाया जाना

16.7.18

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "क्या त्रित्व का अस्तित्व है? (भाग 2)



सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "क्या त्रित्व का अस्तित्व है? (भाग 2)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा की यह अवधारणा सबसे बेतुकी है! यह परमेश्वर को खंडित करता और उसे तीन व्यक्तियों में विभाजित करता है, प्रत्येक एक ओहदे और आत्मा के साथ है; तो कैसे वह अब भी एक आत्मा और एक परमेश्वर हो सकता है? मुझे बताओ, आकाश और पृथ्वी, और उसके भीतर की सारी चीज़ें क्या पिता, पुत्र या पवित्र आत्मा के द्वारा बनाई गई थीं? कुछ लोग कहते हैं कि उन्होंने यह सब एक साथ बनाया। फिर किसने मानवजाति को छुड़ाया? क्या यह पवित्र आत्मा था, पुत्र था या पिता? कुछ लोग कहते हैं कि वह पुत्र था जिसने मानवजाति को छुड़ाया था। फिर सार में पुत्र कौन है? क्या वह परमेश्वर के आत्मा का देहधारण नहीं है? एक सृजित आदमी के परिप्रेक्ष्य से देहधारी स्वर्ग में परमेश्वर को पिता के नाम से बुलाता है। क्या तुम नहीं जानते हो कि यीशु का जन्म पवित्र आत्मा के द्वारा गर्भधारण से हुआ था? उसके भीतर पवित्र आत्मा है; तुम कुछ भी कहो, वह अभी भी स्वर्ग में परमेश्वर के साथ एकसार है, क्योंकि वह परमेश्वर के आत्मा का देहधारण है। पुत्र का यह विचार असत्य है। यह एक आत्मा है जो सभी काम करता है; केवल परमेश्वर स्वयं, अर्थात, परमेश्वर का आत्मा अपना काम करता है।"

14.7.18

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "राज्य का युग वचन का युग है (भाग एक)"



सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "राज्य का युग वचन का युग है (भाग एक)"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "राज्य के युग में, परमेश्वर नए युग की शुरूआत करने, अपने कार्य के साधन बदलने, और संपूर्ण युग में काम करने के लिये अपने वचन का उपयोग करता है। वचन के युग में यही वह सिद्धांत है, जिसके द्वारा परमेश्वर कार्य करता है। वह देहधारी हुआ ताकि विभिन्न दृष्टिकोणों से बातचीत कर सके, मनुष्य वास्तव में परमेश्वर को देख सके, जो देह में प्रकट होने वाला वचन है, और उसकी बुद्धि और आश्चर्य को जान सके। उसने यह कार्य इसलिए किये ताकि वह मनुष्यों को जीतने, उन्हें पूर्ण बनाने और ख़त्म करने के लक्ष्यों को बेहतर ढंग से हासिल कर सके। वचन के युग में वचन को उपयोग करने का यही वास्तविक अर्थ है।"

12.7.18

"परमेश्वर में आस्था" (6) - परमेश्वर में सच्चे विश्वास का क्या अर्थ है?




"परमेश्वर में आस्था" (6) - परमेश्वर में सच्चे विश्वास का क्या अर्थ है?

बहुत से लोगों का मानना है कि परमेश्वर में विश्वास करना बाइबल में विश्वास करना है, और प्रभु के लिए कष्ट उठाकर कार्य करना परमेश्वर में विश्वास करने की वास्तविकता है। इस धार्मिक संसार में कोई भी अच्छे प्रकार से यह नहीं समझ पाया कि परमेश्वर में सच्चा विश्वास रखने का अर्थ क्या है। "परमेश्वर पर विश्वास" का अर्थ, यह विश्वास करना है कि परमेश्वर है; यह परमेश्वर पर विश्वास की सरलतम अवधारणा है। इससे बढ़कर यह बात है कि परमेश्वर है, यह मानना परमेश्वर पर सचमुच विश्वास करना नहीं है; बल्कि यह मजबूत धार्मिक प्रभाव के साथ एक प्रकार का सरल विश्वास है। परमेश्वर पर सच्चे विश्वास का अर्थ इस विश्वास के आधार पर परमेश्वर के वचनों और कामों का अनुभव करना है कि परमेश्वर सब वस्तुओं पर संप्रभुता रखता है। इस तरह से तुम अपने भ्रष्ट स्वभाव से मुक्त हो जाओगे, परमेश्वर की इच्छा को पूरा करोगे और परमेश्वर को जान जाओगे। केवल इस प्रकार की यात्रा के माध्यम से ही तुम्हें परमेश्वर पर विश्वास करने वाला कहा जा सकता है। ""वचन देह में प्रकट होता है" से

3.7.18

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का अभ्यास" (भाग दो)



सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का अभ्यास" (भाग दो)


मनुष्य के बीच परमेश्वर का कार्य मनुष्य से अवियोज्य है, क्योंकि मनुष्य इस कार्य का लक्ष्य है, और परमेश्वर के द्वारा रचा गया एकमात्र ऐसा प्राणी है जो परमेश्वर की गवाही दे सकता है। मनुष्य का जीवन और मनुष्य के समस्त क्रियाकलाप परमेश्वर से अवियोज्य हैं, और उन सब को परमेश्वर के हाथों के द्वारा नियन्त्रित किया जाता है, और यहाँ तक कि यह भी कहा जा सकता है कि कोई भी व्यक्ति परमेश्वर से स्वाधीन होकर अस्तित्व में नहीं रह सकता है। कोई भी इसे नकार नहीं सकता है, क्योंकि यह एक तथ्य है। वह सब कुछ जो परमेश्वर करता है मनुष्यजाति के लाभ के लिए है, और शैतान के षडयन्त्रों की ओर निर्देशित है।

26.6.18

"गहरी सर्दी में"



"गहरी सर्दी में"

उसका नाम जिआओ ली हैI उसने एक दशक से भी अधिक समय तक परमेश्वर पर विश्वास किया हैI 2012 की सर्दी में, उसे एक सभा में चीनी कम्युनिस्ट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया थाI पूछताछ के दौरान, पुलिस ने कलीसिया के नेताओं के ठिकानों और पैसों के बारे में खुलासा करते हुए, परमेश्वर को धोखा देने के लिए उसे लुभाने के प्रयासों में बार-बार बहलाने, धमकी देने, यातना देने और तोड़ने की कोशिश कीI विशेष रूप से एक बर्फीली रात में, जब तापमान शून्य से भी बीस डिग्री नीचे था, उसे कपड़े उतारकर जबरदस्ती नग्न कर दिया, बर्फीले पानी से भिगोया, उसके जनानागों में बिजली के झटके दिए, और पुलिस ने जबरदस्ती उसकी नाक में सरसों का पानी डाला....

25.6.18

किसने धकेला उसे मौत के मुं‍ह में



किसने धकेला उसे मौत के मुं‍ह में


वर्ष 1949 में मेनलैण्ड चीन में सत्ता में आने के बाद से, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी धार्मिक आस्था का निरंतर उत्पीड़न करने में लगी रही है। पागलपन में यह ईसाइयों को बंदी बना चुकी है और उनकी हत्या कर चुकी है, चीन में काम कर रहे मिशनरियों को निष्काषित कर चुकी है और उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा चुका है, बाइबल की अनगिनत प्रतियां जब्त कर जला दी गयीं हैं, कलीसिया की इमारतों को सीलबंद कर दिया गया है और ढहाया जा चुका है, और सभी गृह कलीसिया को जड़ से उखाड़ फैंकने का प्रयास किया जा चुका है।

22.6.18

अपनी असलियत की सही पहचान

2. अपनी असलियत की सही पहचान

शाओशाओ शूझाऊ शहर, ज़िआंग्सु प्रांत

चर्च के काम-काज की आवश्यकताओं के कारण, मुझे अपने कर्तव्य के निर्वाह के लिए एक दूसरे स्थान पर भेजा गया था। उस समय, उक्त स्थान पर सुसमाचार का कार्य संतोषजनक स्थिति मेँ नहीं था और भाइयों और बहनों की स्थिति समान्यतया अच्छी नहीं थी। लेकिन चूंकि मुझे पवित्र आत्मा का सानिध्य प्राप्त था, प्रतिकूल अवस्था के बावजूद भी मैंने सभी सौंपे हुए कार्य को पूर्ण आत्मविश्वास के साथ हाथ मेँ लिया। सुपुर्द कार्य को स्वीकार करने के बाद, मैंने पूर्ण दायित्व बोध, सम्पूर्ण प्रबुद्धता का अनुभव किया और यह भी सोचा कि मुझमें पर्याप्त इच्छा शक्ति है। मुझे विश्वास था कि मैं समर्थ हूँ और इस दायित्व का निष्पादन भली भाँति कर सकती हूँ। वास्तविक स्थिति यह थी कि उस समय मुझे पवित्र आत्मा के कार्यों का किसी भी प्रकार का ज्ञान नहीं था और न ही मुझे अपने स्वभाव के बारे मेँ पता था। मैं पूरी तरह आत्म-संतुष्टि और आत्म-मुग्धता की स्थिति मेँ जी रही थी।

20.6.18

Best Christian Dance | Hindi Worship Song "मसीह का राज्य लोगों के मध्य साकार हुआ है"





Best Christian Dance | Hindi Worship Song "मसीह का राज्य लोगों के मध्य साकार हुआ है"


I
धर्मी सूरज जिस तरह उगता है,
अंत के दिनों में, सर्वशक्तिमान परमेश्वर पूरब में,
उसी तरह प्रकट हुआ है;
इंसान ने देखी है सच्ची रोशनी उभरते हुए।
धर्मी और प्रतापी, प्रेमी और दयालु परमेश्वर
दीनता से छिपकर इंसानों के बीच,
सत्य प्रसारित कर रहा, बोल रहा और काम कर रहा है।
सर्वशक्तिमान हमारे रूबरू है।
जिस परमेश्वर की प्यास थी तुम्हें, जिस परमेश्वर का इंतज़ार था मुझे,
आज हकीकत में सामने हमारे वो आ गया है।
हमने सच की तलाश की, हमने धर्मिता की चाह की;
इंसानों के बीच है आज, सच्चाई और धर्मिता।
तुम्हें प्यार है परमेश्वर से, मुझे प्यार है परमेश्वर से;
इंसान भरा है, नई उम्मीदों से।
व्यवहारिक देहधारी परमेश्वर को, मानते हैं लोग, पूजती है दुनिया।

18.6.18

Hindi Christian Movie "शहर परास्त किया जाएगा" क्लिप 4 - क्या बाइबल की व्याख्या करना परमेश्वर का गुणगान करने और उनके लिए गवाही देने के समान है? (Hindi Dubbed)


Hindi Christian Movie "शहर परास्त किया जाएगा" क्लिप 4 - क्या बाइबल की व्याख्या करना परमेश्वर का गुणगान करने और उनके लिए गवाही देने के समान है? (Hindi Dubbed)


सम्पूर्ण धार्मिक संसार के बहुत से लोग यह मानते हैं कि वे जो बाइबल की व्याख्या करने में ज्यादा सक्षम हैं, ऐसे लोग हैं जो परमेश्वर को जानते हैं, और यह कि अगर वे बाइबल की व्याख्या कर सकते हैं और भविष्यवाणियाँ भी समझा सकते हैं, तो वे ऐसे लोग हैं जो परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप रहते हैं, और वे परमेश्वर की प्रशंसा करते और गवाही देते हैं। कई लोग, इसलिए, इस तरह के लोगों पर आँख मूंद कर विश्वास करते हैं और उनकी आराधना करते हैं।

17.6.18

Hindi Christian Movie "शहर परास्त किया जाएगा" क्लिप 3 - फरीसियों के परमेश्वर का विरोध करने का सार क्या है? (Hindi Dubbed)


Hindi Christian Movie "शहर परास्त किया जाएगा" क्लिप 3 - फरीसियों के परमेश्वर का विरोध करने का सार क्या है? (Hindi Dubbed)

दो हज़ार साल तक, हालांकि सभी विश्वासी इस तथ्य को जानते रहे हैं कि फरीसियों ने प्रभु यीशु को झुठलाया था, लेकिन पूरे धार्मिक संसार में कोई नहीं जानता कि फरीसियों के परमेश्वर को नकारने का मूल कारण और वास्तविक सार क्या था। सिर्फ अंत के दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के आगमन के साथ इस प्रश्न का सत्‍य ज़ाहिर हो सका है।

9.6.18

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II परमेश्वर का धर्मी स्वभाव" (भाग पांच)





अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II परमेश्वर का धर्मी स्वभाव" (भाग पांच)


इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट हुआ से आगे जारी" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री:
(III) पांच प्रकार के लोग
पहले प्रकार के लोगों को "कपड़े में लिपटे हुए नवजात शिशु" की अवस्था के रूप में जाना जाता है।
दूसरे प्रकार की अवस्था "दूध पीते हुए शिशु" की अवस्था है।
तीसरे प्रकार की अवस्था दूध छुड़ाए हुए बच्चे की है – छोटे बच्चे की अवस्था।
चौथे प्रकार की अवस्था परिपक्व होते हुए बालक की अवस्था है; अर्थात्, बचपना।
पांचवे प्रकार की अवस्था परिपक्व जीवन की अवस्था है, या बालिग अवस्था है।

28.3.18

Hindi Gospel Movie clip "प्रतीक्षारत" – हम परमेश्वर की वाणी को अलग से कैसे पहचान सकते हैं? (1)



"जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है" (प्रकाशित वाक्य 2:29)। क्या आपने पवित्र आत्मा को कलीसियाओं से बात करते सुना है? क्या सर्वशक्तिमान परमेश्वर और प्रभु यीशु द्वारा कहे गए वचन एक ही आत्मा, एक ही स्रोत से बोले गए हैं? इस मूवी क्लिप से आपको इस बात का खुलासा हो जाएगा!

25.3.18

Hindi Gospel Movie clip "प्रतीक्षारत" – उन लोगों का अंत जो प्रभु के दूसरे आगमन का प्रतिरोध करते हैं



वह भला कैसे प्रभु को प्रकट होते देख सकता है और उसके बावजूद प्रभु के दूसरे आगमन से इन्कार कर सकता है? यह कैसे हो सकता है कि वह हमेशा प्रभु के आगमन का ध्यान रखे और प्रतीक्षा करे, किन्तु अपनी मृत्यु के समय अपने पीछे जीवन भर का पछतावा छोड़ जाए? इस मूवी क्लिप में आपको इसका उत्तर मिलेगा।

28.2.18

"प्रतीक्षारत" – चतुर कुंवारी "सच्चे मसीह" और "झूठे मसीहों" के बीच अन्तर कर सकती है



प्रभु के दूसरे आगमन का सामना होने पर, क्या आप झूठे मसीहों से इतने भयभीत हो जाएंगे कि आप अपनी रक्षा के लिए द्वार ही बंद कर लेंगे और प्रभु के प्रकटन की प्रतीक्षा करेंगे, या आप चतुर कुंवारी की तरह आचरण करेंगे, और परमेश्वर की वाणी पर ध्यान देंगे और प्रभु की वापसी का अभिनंदन करेंगे? इस वीडियो में आपको यह बताया जाएगा कि प्रभु के दूसरे आगमन का स्वागत कैसे करें।

22.2.18

Come Meet God | Hindi Best Christian Music Video | "हमारा जीवन व्यर्थ में नहीं है" (A Cappella)



हो.. ये जीवन व्यर्थ नहीं। हो.. ये जीवन व्यर्थ नहीं। 

मिलें हम परमेश्वर से, अनुभव करें उसके कार्य। हमने देहधारी परमेश्वर को जाना है। हमने देखे उसके कार्य, भव्य और चमत्कारिक। कोई दिन जीवन का हमारा व्यर्थ नहीं। सच और जीवन मसीह है, करते पुष्टि हम!

19.2.18

Hindi Christian Video | The Lord Jesus Is My Shepherd and My Strength | "बेड़ियों को तोड़ो और भागो"



ली चुंगमिन दक्षिण कोरिया के सियोल की एक कलीसिया के एल्डर थे। बीस वर्षों से भी अधिक समय से, उन्होंने पूरी तरह बाइबल के अध्ययन पर ध्यान केन्द्रित करके, उत्साहपूर्वक प्रभु की सेवा की थी। अपने धार्मिक नेताओं के उदाहरण पर चलते हुए, उन्होंने सोचा था कि प्रभु में विश्वास करने का अर्थ बाइबल में विश्वास करना है, और बाइबल पर विश्वास करना प्रभु पर विश्वास करने के समान था। उनका मानना था कि जब तक वे बाइबल पर दृढ रहते हैं, उनको स्वर्ग के राज्य में आरोहित किया जाएगा।

17.2.18

Hindi Christian Song | अन्यजाति के देशों में परमेश्वर का नाम फैलेगा



मानवता की विनयशीलता को बढ़ावा देना, परमेश्वर के न्याय का उद्देश्य है; मानव का रूपांतरण करना, परमेश्वर की ताड़ना का उद्देश्य है। परमेश्वर का काम अपने प्रबंधन के लिये है मगर, कुछ भी ऐसा नहीं है जो इंसान के हित में ना हो। परमेश्वर चाहता है, इस्राएल के परे की धरती, इस्राएलवासियों की तरह आदेश माने, बना सके उन्हें सच्चे मानव, ताकि इस्राएल के परे की धरती पर, पांव परमेश्वर के जम जाएं। ये परमेश्वर का प्रबंधन है, ये परमेश्वर का प्रबंधन है। अन्यजातियों की धरती पर, ये उसका काम है।

11.2.18

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "वास्तविकता को कैसे जानें"

 

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "वास्तविकता को कैसे जानें" 

सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर कहते हैं "यदि लोगों को परमेश्वर को जानना है, तो सब से पहले उन्हें यह अवश्य जानना चाहिए कि परमेश्वर वास्तविक परमेश्वर है, और परमेश्वर के वचनों को, देह में परमेश्वर के वास्तविक प्रकटन को और परमेश्वर के वास्तविक कार्य को अवश्य जानना चाहिए। केवल यह जानने के बाद ही कि परमेश्वर का समस्त कार्य वास्तविक है तुम वास्तव में परमेश्वर के साथ सहयोग करने में समर्थ हो सकोगे, और केवल इसी मार्ग के माध्यम से तुम अपने जीवन के विकास को प्राप्त करने में समर्थ हो सकोगे। वे सभी जिन्हें वास्तविकता का कोई ज्ञान नहीं है उनके पास परमेश्वर के वचनों का अनुभव करने का कोई उपाय नहीं है, वे अपनी धारणाओं में उलझे हुए हैं, वे अपनी कल्पनाओं में जीते हैं, और इस प्रकार उन्हें परमेश्वर के वचनों का कोई ज्ञान नहीं है।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...