7.1.19

10. यह क्यों है कि केवल देह-धारी परमेश्वर के कार्य के अनुभव और आज्ञा-पालन करने के द्वारा ही कोई परमेश्वर को जान सकता है?(6)

      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

   तुम लोगों को परमेश्वर के कार्य को जानना होगा। केवल यीशु का अनुसरण करने के द्वारा ही पतरस ने पवित्र आत्मा के द्वारा यीशु में किए गए अधिकांश कार्य को धीरे-धीरे समझा। उसने कहा, "मनुष्य के अनुभवों पर भरोसा करना परमेश्वर के पूरे ज्ञान को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं है; परमेश्वर के कार्य में ऐसी काफी नई बातें होनी चाहिए जो परमेश्वर को जानने में हमारी सहायता कर सकें।"

6.1.19

10. यह क्यों है कि केवल देह-धारी परमेश्वर के कार्य के अनुभव और आज्ञा-पालन करने के द्वारा ही कोई परमेश्वर को जान सकता है?(5)

      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

    परमेश्वर की सम्पत्ति और परमेश्वरत्व, परमेश्वर का सत्व, परमेश्वर का स्वभाव - यह सब कुछ मानवजाति को उसके वचन के माध्यम से समझाया जा चुका है। जब इंसान परमेश्वर के वचन को अनुभव करेगा, तो परमेश्वर के कहे हुए वचन के पीछे छिपे हुए उद्देश्यों को समझेगा, तो उनके अनुपालन की प्रक्रिया में, परमेश्वर के वचन की पृष्ठभूमि तथा स्रोत और परमेश्वर के वचन के अभिप्रेरित प्रभाव को समझेगा तथा सराहना करेगा।

5.1.19

10. यह क्यों है कि केवल देह-धारी परमेश्वर के कार्य के अनुभव और आज्ञा-पालन करने के द्वारा ही कोई परमेश्वर को जान सकता है?(4)

     परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
   
    उस कार्य के क्षेत्र के भीतर जिसे प्रभु यीशु ने अनुग्रह के युग में पूर्ण किया था, तुम जो परमेश्वर का स्वरूप है उसका दूसरा पहलू भी देख सकते हो। यह उसके शरीर के द्वारा प्रकट हुआ था, और उसे लोगों के लिए संभव किया गया था ताकि वे देखें और उसकी मानवता में होकर तारीफ करें। मनुष्य के पुत्र में, लोगों ने देखा कि किस प्रकार देहधारी परमेश्वर ने अपनी मानवता में जीवन बिताया था, और उन्होंने परमेश्वर की ईश्वरीयता को देखा जो उसकी देह के द्वारा प्रकट हुआ था।

4.1.19

10. यह क्यों है कि केवल देह-धारी परमेश्वर के कार्य के अनुभव और आज्ञा-पालन करने के द्वारा ही कोई परमेश्वर को जान सकता है?(3)

     परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     परमेश्वर देह में मुख्यतः इसलिए आता है कि मनुष्य परमेश्वर के असली कार्यों को देख सके, निराकार आत्मा को देह में अहसास कर सके, और वह मनुष्य के द्वारा स्पर्श किया और देखा जा सके। इस तरह से, जिन्हें वह पूर्ण बनाता है वह ही उसे जी पाएँगे, उसके द्वारा लाभ हासिल कर पाएँगे, और वह उसके हृदय के अनुसार हो पाएँगे।

3.1.19

10. यह क्यों है कि केवल देह-धारी परमेश्वर के कार्य के अनुभव और आज्ञा-पालन करने के द्वारा ही कोई परमेश्वर को जान सकता है?(2)

     परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     परमेश्वर अंत के दिनों में नया कार्य कर रहाहै। वह अपने स्वभाव के बारे में और अधिक प्रकट करेगा, और यह यीशु के समय की करुणा और प्रेम नहीं होगा। चूँकि उसके पास नया कार्य है, इसलिए इस नए कार्य के साथ एक नया स्वभाव होगा।

1.1.19

9. न्याय के कार्य को करने के लिए देह-धारण किया हुआ परमेश्वर किस तरह मानव जाति के अस्पष्ट परमेश्वर में विश्वास को और शैतान के प्रभुत्व के अंधेरे युग को समाप्त करता है?(14)

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     परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:


       जब मैं औपचारिक रूप से अपनी सामर्थ्य को लूँगा और राज्य में राजा के रूप में राज करूँगा, तो मेरे सभी लोग मेरे द्वारा समय के साथ पूर्ण बना दिए जाएँगे। जब विश्व के सभी राष्ट्र तितर-बितर हो जाते हैं, यह ठीक तब होगा जब मेरा राज्य स्थापित होकर आकार ले लेगा और साथ ही जब मैं भी रूपान्तरित होकर समस्त विश्व की ओर मुड़ूँगा।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...