"फिर परमेश्वर ने मूसा से यह भी कहा, 'तू इस्राएलियों से यह कहना, "तुम्हारे पितरों का परमेश्वर, अर्थात् अब्राहम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर, और याक़ूब का परमेश्वर, यहोवा, उसी ने मुझ को तुम्हारे पास भेजा है।" देख, सदा तक मेरा नाम यही रहेगा, और पीढ़ी पीढ़ी में मेरा स्मरण इसी से हुआ करेगा'" (निर्गमन 3:15)।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
"यहोवा" वह नाम है जिसे मैंने इस्राएल में अपने कार्य के दौरान अपनाया था, और इसका अर्थ है इस्राएलियों (परमेश्वर के चुने हुए लोग) का परमेश्वर जो मनुष्य पर दया कर सकता है, मनुष्य को शाप दे सकता है, और मनुष्य के जीवन को मार्गदर्शन दे सकता है। इसका अर्थ है वह परमेश्वर जिसके पास बड़ी सामर्थ्य है और जो बुद्धि से भरपूर है। … अर्थात्, केवल यहोवा ही इस्राएल के चुने हुए लोगों का परमेश्वर, इब्राहीम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर, याकूब का परमेश्वर, मूसा का परमेश्वर, और इस्राएल के सभी लोगों का परमेश्वर है। और इसलिए वर्तमान युग में, यहूदा के कुटुम्ब के अलावा सभी इस्राएली यहोवा की आराधना करते हैं। वे वेदी पर उसके लिए बलिदान करते हैं, और याजकीय लबादे पहनकर मन्दिर में उसकी सेवा करते हैं। वे यहोवा के पुनः-प्रकट होने की आशा करते हैं। … यहोवा का नाम इस्राएल के लोगों के लिए एक विशेष नाम है जो व्यवस्था के अधीन जीए थे। प्रत्येक युग में और कार्य के प्रत्येक चरण में, मेरा नाम आधारहीन नहीं है, किन्तु प्रतिनिधिक महत्व रखता हैः प्रत्येक नाम एक युग का प्रतिनिधित्व करता है। "यहोवा" व्यवस्था के युग का प्रतिनिधित्व करता है, और यह उस परमेश्वर के लिए सम्मानसूचक है जिसकी आराधना इस्राएल के लोगों के द्वारा की जाती है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "उद्धारकर्त्ता पहले से ही एक "सफेद बादल" पर सवार होकर वापस आ चुका है" से
Source From:सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया-अंत
के दिनों के मसीह के लिए गवाहियां
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