28.4.19

Hindi Christian Movie | इंसान का आचरण | Only the Honest Are Truly Good People (Hindi Dubbed)


Hindi Christian Movie | इंसान का आचरण | Only the Honest Are Truly Good People (Hindi Dubbed)
बचपन से ही चेंग जियांगगुआंग के माता-पिता और अध्यापकों ने उसे सिखाया था "मिल-जुलकर रहना पूँजी है, सहनशीलता एक सदगुण है," "अच्छे दोस्तों के दोषों पर चुप रहने से दोस्ती अच्छी और लम्बी चलती है," "गलत होते देखकर भी ज़बान बंद रखो।" जैसी बातों का पालन करने से लोगों के साथ संबंध मधुर बने रहते हैं। उसने इन बातों को गांठ बांध लिया कि कभी किसी को अपने कामों या बातों से नाराज़ नहीं करना है, और हमेशा लोगों से अपने रिश्ते बनाए रखने का ख़्याल करना है, और अपने आस-पास के लोगों में एक "अच्छे इंसान" की छवि बनाये रखनी है।

26.4.19

Hindi Gospel Movie | मैं एक नेक इंसान हूँ! | How to Be Good People in the Eyes of God


Hindi Gospel Movie | मैं एक नेक इंसान हूँ! | How to Be Good People in the Eyes of God

ईसाई धर्म में आस्था रखने वाली यांग हुईशिन को बचपन से ही एक अच्छा इंसान बनना पसंद था। उसे किसी को नाराज़ करना अच्छा नहीं लगता। वह मानती है कि वह एक अच्छी इंसान है, क्योंकि वह दयालु है और सबके साथ सहमति बनाकर चलती है। लेकिन अंत के दिनों के परमेश्वर के सुसमाचार को स्वीकारने और परमेश्वर के वचनों के न्याय और ताड़ना से गुज़रने के बाद ही, उसमें एक जागृति आती है।उसे अहसास होता है कि वह सचमुच एक अच्छी इंसान नहीं है।

25.4.19

Hindi Christian Video | जाग्रत | The Word of God Leads Me to Walk on the Right Path of Life


Hindi Christian Video | जाग्रत | The Word of God Leads Me to Walk on the Right Path of Life


इनका नाम चेन शी हैं। बचपन से ही अपने प्रशिक्षण और अभिभावकों तथा स्‍कूली शिक्षा के प्रभाव की वजह से, वे हमेशा भीड़ से अलग दिखने और दूसरों से बेहतर होने की कोशिश में रहती थीं। इसलिये वे लगन से अपनी पढ़ाई करतीं और मेहनत करने में कोई कमी न उठा रखतीं। सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर में विश्‍वास करने के बाद, परमेश्‍वर के ढेरों वचन पढ़ने पर कुछ सत्‍यों की चेन शी को समझ आई।

24.4.19

1. अनुग्रह के युग में प्रभु यीशु द्वारा व्यक्त वचनों और राज्य के युग में सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त वचनों में क्या अंतर है?(6)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
     इस युग के दौरान परमेश्वर द्वारा किया गया कार्य मुख्य रूप से मनुष्य के जीवन के लिए वचनों का प्रावधान करना, मनुष्य की प्रकृति के सार और भ्रष्ट स्वभाव को प्रकट करना था, धार्मिक अवधारणाओं, सामन्ती सोच, पुरानी सोच, साथ ही मनुष्य के ज्ञान और संस्कृति को समाप्त करना था।

23.4.19

1. अनुग्रह के युग में प्रभु यीशु द्वारा व्यक्त वचनों और राज्य के युग में सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त वचनों में क्या अंतर है?(5)

परमेश्वर के वचनों के उद्धरणों, अंत के दिनों का न्याय, परमेश्वर का वचन,
      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
    क्योंकि मेरा काम विजय का काम है, और तुम लोगों की पुरानी प्रकृति और अवज्ञा की ओर केंद्रित है। आज, यहोवा और यीशु के दया भरे शब्द, न्याय के कड़े शब्दों के सामने काफी नहीं पड़ते हैं। ऐसे कड़े शब्दों के बिना, तुम "विशेषज्ञों" पर विजय प्राप्त करना असंभव हो जायेगा, जो हजारों सालों से अवज्ञाकारी रहे हैं।

21.4.19

1. अनुग्रह के युग में प्रभु यीशु द्वारा व्यक्त वचनों और राज्य के युग में सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त वचनों में क्या अंतर है?(3)

  परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

      आओ सब से पहले "पहाड़ी उपदेश" के प्रत्येक भाग को देखें। यह सब किस से सम्बन्धित हैं? ऐसा निश्चितता के साथ कहा जा सकता है कि ये सभी व्यवस्था के युग की रीति विधियों से अधिक उन्नत, अधिक ठोस, और लोगों के जीवन के अत्यंत निकट हैं। आधुनिक शब्दावलियों में कहा जाए, तो यह लोगों के व्यावहारिक अभ्यास से ज़्यादा सम्बद्ध है।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...