23.4.19

1. अनुग्रह के युग में प्रभु यीशु द्वारा व्यक्त वचनों और राज्य के युग में सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त वचनों में क्या अंतर है?(5)

परमेश्वर के वचनों के उद्धरणों, अंत के दिनों का न्याय, परमेश्वर का वचन,
      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
    क्योंकि मेरा काम विजय का काम है, और तुम लोगों की पुरानी प्रकृति और अवज्ञा की ओर केंद्रित है। आज, यहोवा और यीशु के दया भरे शब्द, न्याय के कड़े शब्दों के सामने काफी नहीं पड़ते हैं। ऐसे कड़े शब्दों के बिना, तुम "विशेषज्ञों" पर विजय प्राप्त करना असंभव हो जायेगा, जो हजारों सालों से अवज्ञाकारी रहे हैं। पुराने विधान के नियमों ने बहुत पहले तुम लोगों पर अपनी शक्ति खो दी थी, और आज का न्याय पुराने नियमों की तुलना में कहीं ज्यादा भयंकर है। तुम लोगों के लिए न्याय सबसे उपयुक्त है, कानून के तुच्छ प्रतिबंध नहीं, क्योंकि तुम लोग बिल्कुल प्रारम्भ वाली मानवजाति नहीं हो, बल्कि वो मानवजाति हो जो हजारों वर्षों से भ्रष्ट रही है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर के काम का दर्शन (1)" से

आज मैं जो कुछ भी कह रहा हूँ वह लोगों के पापों और उनकी अधार्मिकता का न्याय करने के लिए है; यह लोगों की विद्रोहशीलता को शाप देने के लिए है। उनकी धोखेबाज़ी और कुटिलता, और उनके वचन और कार्य, वे सभी चीजें जो उसकी इच्छा के अनुरूप नहीं हैं, न्याय से गुज़रेंगे, और लोगों की विद्रोहशीलता की पापमय के रूप में निंदा की जाती है। वह न्याय के सिद्धांतों के अनुसार बोलता है, और वह उनकी अधार्मिकता का न्याय करने, उनकी विद्रोहशीलता को शाप देने और उनके कुरूप चेहरों को उजागर करने के माध्यम से अपने धर्मी स्वभाव को प्रकट करता है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "विजय के कार्य का दूसरा कदम किस प्रकार से फल देता है" से

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अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...