कुछ कहते हैं कि परमेश्वर का नाम बदलता नहीं है, तो फिर क्यों यहोवा का नाम यीशु हो गया? मसीह के आने की भविष्यवाणी की गई थी, तो फिर क्यों यीशु नाम का एक व्यक्ति आया? परमेश्वर का नाम क्यों बदला गया? क्या इस तरह का कार्य काफी समय पहले नहीं किया गया था? क्या परमेश्वर आज के दिन कोई नया कार्य नहीं कर सकता है? कल का कार्य बदला जा सकता है, और यीशु का कार्य यहोवा के कार्य के बाद नहीं आ सकता है।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर का कार्य बलपूर्वक उमड़ती हुई लहरों के समान है। उसे कोई नहीं रोक सकता है, और कोई भी उसके क़दमों को थाम नहीं सकता है। केवल वे लोग ही जो उसके वचनों को सावधानीपूर्वक सुनते हैं, और उसकी खोज करते हैं और उसके लिए प्यासे हैं, उसके पदचिह्नों का अनुसरण करके उसकी प्रतिज्ञा को प्राप्त कर सकते हैं।