परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
क्योंकि वे सभी जो देह में जीवन बिताते हैं, उन्हें अपने स्वभाव को परिवर्तित करने के लिए अनुसरण हेतु लक्ष्यों की आवश्यकता होती है, और परमेश्वर को जानने के लिए परमेश्वर के वास्तविक कार्यों एवं वास्तविक चेहरे को को देखने की आवश्यकता होती है। दोनों को सिर्फ परमेश्वर के देहधारी शरीर के द्वारा ही हासिल किया जा सकता है, और दोनों को सिर्फ साधारण एवं वास्तविक देह के द्वारा ही पूरा किया जा सकता है। इसी लिए देहधारण ज़रूरी है, और इसी लिए समस्त भ्रष्ट मानवजाति को इसकी आवश्यकता होती है।
क्योंकि वे सभी जो देह में जीवन बिताते हैं, उन्हें अपने स्वभाव को परिवर्तित करने के लिए अनुसरण हेतु लक्ष्यों की आवश्यकता होती है, और परमेश्वर को जानने के लिए परमेश्वर के वास्तविक कार्यों एवं वास्तविक चेहरे को को देखने की आवश्यकता होती है। दोनों को सिर्फ परमेश्वर के देहधारी शरीर के द्वारा ही हासिल किया जा सकता है, और दोनों को सिर्फ साधारण एवं वास्तविक देह के द्वारा ही पूरा किया जा सकता है। इसी लिए देहधारण ज़रूरी है, और इसी लिए समस्त भ्रष्ट मानवजाति को इसकी आवश्यकता होती है।