(3) राज्य के युग में परमेश्वर के कार्य का उद्देश्य और महत्व
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
कार्य का यह चरण जीतने वाले लोगों के समूह का सृजन करेगा, और जब उसने जीतने वाले लोगों के इस समूह को बना दिया उसके बाद, वे उसके कर्मों की गवाही देने में समर्थ होंगे, वे वास्तविकता को जीने में समर्थ होंगे तथा सचमुच में उसे संतुष्ट करने और मृत्यु तक उसके प्रति वफादार रहने में समर्थ होंगे, और इस तरह से परमेश्वर की महिमा होगी।