परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
और इसलिए, हर बार जब परमेश्वर आता है, तो उसे एक नाम से बुलाया जाता है, वह एक युग का प्रतिनिधित्व करता है, और वह एक नया मार्ग खोलता है; और प्रत्येक नए मार्ग पर, वह एक नया नाम अपनाता है, जो दर्शाता है कि परमेश्वर हमेशा नया है और कभी पुराना नहीं पड़ता है, और यह कि उसका कार्य हमेशा आगे बढ़ रहा है। इतिहास हमेशा आगे बढ़ रहा है, और परमेश्वर का कार्य हमेशा आगे बढ़ रहा है। उसकी छः-हजार-वर्षीय प्रबंधन योजना के अंत तक पहुँचने के लिए, इसे अवश्य आगे प्रगति करते रहना चाहिए।प्रत्येक दिन उसे नया कार्य अवश्य करना चाहिए, प्रत्येक वर्ष उसे नया कार्य अवश्य करना चाहिए; उसे नए मार्गों को अवश्य खोलना चाहिए, अवश्य नए युगों को आरंभ करना चाहिए, नया और अधिक बड़ा कार्य आरंभ करना चाहिए और नए नाम और नया कार्य लाना चाहिए।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर के कार्य का दर्शन (3)" से
Source From:सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया-अंत के दिनों के मसीह के लिए गवाहियां-IV. परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों और उसके नामों के बीच रहे संबंध के विषय में सच्चाई के पहलू पर हर किसी को अवश्य गवाही देनी चाहिए
अनुशंसित:1. विभिन्न युगों में परमेश्वर को अलग-अलग नामों से क्यों बुलाया जाता है? परमेश्वर के नामों के महत्व क्या हैं?(1)
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फुटनोटः
क. मूलपाठ में "जो है" पढ़ा जाता है।
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