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28.3.19

1. विभिन्न युगों में परमेश्वर को अलग-अलग नामों से क्यों बुलाया जाता है? परमेश्वर के नामों के महत्व क्या हैं?(6)


  परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

    और इसलिए, हर बार जब परमेश्वर आता है, तो उसे एक नाम से बुलाया जाता है, वह एक युग का प्रतिनिधित्व करता है, और वह एक नया मार्ग खोलता है; और प्रत्येक नए मार्ग पर, वह एक नया नाम अपनाता है, जो दर्शाता है कि परमेश्वर हमेशा नया है और कभी पुराना नहीं पड़ता है, और यह कि उसका कार्य हमेशा आगे बढ़ रहा है।

27.1.19

4. परमेश्वर के कार्य के तीन चरण किस तरह क्रमशः गहनतर होते जाते हैं ताकि लोगों को बचाया जा सके और उन्हें परिपूर्ण किया जा सके?(3)

      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

      यीशु द्वारा किया गया कार्य पुराने विधान से महज एक चरण ऊँचा था; एक युग शुरू करने के लिए और उस युग की अगुआई करने के लिए इसका उपयोग किया गया था। उसने क्यों कहा था, "यह न समझो, कि मैं व्यवस्था या भविष्यवक्ताओं की पुस्तकों का लोप करने आया हूँ, लोप करने नहीं किन्तु पूरा करने आया हूँ"? फिर भी उसके काम में बहुत कुछ ऐसा था जो पालन किये जाने वाले कानून और पुराने विधान के इस्त्राएलियों द्वारा पालन किए जाने वाली आज्ञाओं से अलग था, क्योंकि वह नियमों का पालन करने नहीं आया था, बल्कि इसे पूरा करने के लिए आया था।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...