28.2.19

4. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के महत्व को, अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य से प्राप्त परिणामों में, देखा जा सकता है।(5)

(1) अंत के दिनों में परमेश्वर का न्याय का कार्य मनुष्य को शुद्ध करने, बचाने और सिद्ध बनाने, तथा विजय प्राप्त करने वालों का एक समूह बनाने के लिए किया जाता है।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

   मनुष्य की दशा और परमेश्वर के प्रति मनुष्य के व्यवहार को देखने पर परमेश्वर ने नया कार्य किया है, उसने मनुष्य को अनुमति दी है कि वह उसके विषय में ज्ञान और उसके प्रति आज्ञाकारिता रखे, और प्रेम और गवाही दोनों रखे। इस प्रकार, मनुष्य को परमेश्वर के शोधन, और साथ ही उसके दंड, उसके व्यवहार और काँट-छाँट का अनुभव करना चाहिए, जिसके बिना मनुष्य कभी परमेश्वर को नहीं जानेगा, और कभी सच्चाई के साथ परमेश्वर से प्रेम करने और उसकी गवाही देने में समर्थ नहीं होगा। परमेश्वर द्वारा मनुष्य का शोधन केवल एकतरफा प्रभाव के लिए नहीं होता, बल्कि बहुतरफा प्रभाव के लिए होता है

27.2.19

4. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के महत्व को, अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य से प्राप्त परिणामों में, दे जाखा सकता है।(4)

(1) अंत के दिनों में परमेश्वर का न्याय का कार्य मनुष्य को शुद्ध करने, बचाने और सिद्ध बनाने, तथा विजय प्राप्त करने वालों का एक समूह बनाने के लिए किया जाता है।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     संसार की सृष्टि से अब तक, परमेश्वर ने जो कुछ अपने कार्य में किया है, वह प्रेम ही है, जिसमें मनुष्य के लिए घृणा नहीं है। यहाँ तक कि ताड़ना और न्याय, जो तुम देख चुके हो, वे भी प्रेम ही हैं, अधिक सत्य और अधिक वास्तविक प्रेम, एक सत्य जो मनुष्य का मानवजीवन के सही मार्ग पर सन्दर्शन करता है। … तुम सभी पाप और दुराचार के स्थान में रहते हो; तुम सभी दुराचारी और पापी लोग हो। आज तुम न केवल परमेश्वर को देख सकते हो, बल्कि उससे भी महत्वपूर्ण, तुम सब ने ताड़ना और न्याय को प्राप्त किया है, ऐसे गहनतम उद्धार को प्राप्त किया है, अर्थात परमेश्वर के महानतम प्रेम को प्राप्त किया है।

26.2.19

4. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के महत्व को, अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य से प्राप्त परिणामों में, दे जाखा सकता है।(3)

(1) अंत के दिनों में परमेश्वर का न्याय का कार्य मनुष्य को शुद्ध करने, बचाने और सिद्ध बनाने, तथा विजय प्राप्त करने वालों का एक समूह बनाने के लिए किया जाता है।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     वास्तव में, जो कार्य अब किया जा रहा है वह लोगों से शैतान का त्याग करवाने, उनके पुराने पूर्वजों का त्याग करवाने के लिए किया जा रहा है। वचन के द्वारा सभी न्यायों का उद्देश्य मानवता के भ्रष्ट स्वभाव को उजागर करना है और लोगों को जीवन का सार समझने में समर्थ बनाना है। ये बार-बार के न्याय मनुष्य के हदयों को छेद देते हैं। प्रत्येक न्याय सीधे उनके भाग्य पर प्रभाव डालता है और उनके हृदयों को घायल करने के आशय से है ताकि वे उन सभी बातों को जाने दें और फलस्वरूप जीवन के बारे में जान जाएँ, इस गंदी दुनिया को जान जाएँ, और परमेश्वर की बुद्धि और सर्वशक्तिमत्ता को जान जाएँ तथा इस शैतान के द्वारा भ्रष्ट की गई मानवजाति को जान जाएँ। जितना अधिक इस प्रकार की ताड़ना और न्याय होते हैं, उतना ही अधिक मनुष्य का हृदय घायल किया जा सकता है और उतना ही अधिक उसकी आत्मा को जगाया जा सकता है।

25.2.19

4. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के महत्व को, अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य से प्राप्त परिणामों में, देखा जा सकता है।(2)

(1) अंत के दिनों में परमेश्वर का न्याय का कार्य मनुष्य को शुद्ध करने, बचाने और सिद्ध बनाने, तथा विजय प्राप्त करने वालों का एक समूह बनाने के लिए किया जाता है।

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

आज परमेश्वर तुम लोगों का न्याय करता है, और तुम लोगों को ताड़ना देता है, और तुम्हारी निंदा करता है, लेकिन जान लो कि तुम्हारी निंदा इसलिए है कि तुम स्वयं को जान सको। निन्दा, अभिशाप, न्याय, ताड़ना—ये सब इसलिए हैं ताकि तुम स्वयं को जान सको, ताकि तुम्हारे स्वभाव में परिवर्तन हो जाए, और, इसके अलावा, ताकि तुम अपने महत्व को जान सको, और देख सको कि परमेश्वर के सभी कार्य धर्मी हैं, और उसके स्वभाव और उसके कार्य की आवश्यकताओं के अनुसार हैं, कि वह मनुष्य के उद्धार के लिए अपनी योजना के अनुसार कार्य करता है, और कि वह ही धर्मी परमेश्वर है जो मनुष्य को प्यार करता है, और मनुष्य को बचाता है, और जो मनुष्य का न्याय करता और उसे ताड़ित करता है।

24.2.19

4. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के महत्व को, अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य से प्राप्त परिणामों में, दे जाखा सकता है।(1)

(1) अंत के दिनों में परमेश्वर का न्याय का कार्य मनुष्य को शुद्ध करने, बचाने और सिद्ध बनाने, तथा विजय प्राप्त करने वालों का एक समूह बनाने के लिए किया जाता है।

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"तू ने मेरे धीरज के वचन को थामा है, इसलिये मैं भी तुझे परीक्षा के उस समय बचा रखूँगा जो पृथ्वी पर रहनेवालों के परखने के लिये सारे संसार पर आनेवाला है। मैं शीघ्र ही आनेवाला हूँ; जो कुछ तेरे पास है उसे थामे रह कि कोई तेरा मुकुट छीन न ले। जो जय पाए उसे मैं अपने परमेश्‍वर के मन्दिर में एक खंभा बनाऊँगा, और वह फिर कभी बाहर न निकलेगा; और मैं अपने परमेश्‍वर का नाम और अपने परमेश्‍वर के नगर अर्थात् नये यरूशलेम का नाम, जो मेरे परमेश्‍वर के पास से स्वर्ग पर से उतरनेवाला है, और अपना नया नाम उस पर लिखूँगा" (प्रकाशितवाक्‍य 3:10-12)।

23.2.19

3. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय का कार्य किस तरह मानवजाति को शुद्ध करता और बचाता है?(7)


परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

परमेश्वर के द्वारा जीता जाना मार्शल आर्ट की प्रतिस्पर्धा के समान है।

परमेश्वर का प्रत्येक वचन हमारे मर्मस्थल पर चोट करता है, और हमें दुःखी एवं भयभीत कर देता है। वह हमारे विचारों को प्रकट करता है, हमारी कल्पनाओं को प्रकट करता है, और हमारे भ्रष्ट स्वभाव को प्रकट करता है। वह सब जो हम कहते और करते हैं, और हमारे प्रत्येक विचार और सोच, हमारा स्वभाव और सार उसके वचनों के द्वारा प्रकट होता है, हमें अपमानित करता हुआ और भय से काँपता हुआ छोड़ देता है।

22.2.19

3. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय का कार्य किस तरह मानवजाति को शुद्ध करता और बचाता है?(6)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

   परमेश्वर के कार्य का एक पहलू समस्त मानवजाति पर विजय प्राप्त करना और चुने हुए लोगों को अपने वचनों के माध्यम से प्राप्त करना है। एक अन्य पहलू है विभिन्न आपदाओं के माध्यम से विद्रोह के सभी पुत्रों को जीतना। यह परमेश्वर के बड़े-पैमाने के कार्य का एक हिस्सा है। केवल इसी तरीके से पृथ्वी पर वह राज्य जिसे परमेश्वर चाहता है, पूरी तरह से प्राप्त किया जा सकता है, और यह परमेश्वर के कार्य का हिस्सा है जो कि शुद्ध सोने की तरह है।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...