15.2.19

2. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय का कार्य महान श्वेत सिंहासन का न्याय है, जिसकी प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में भविष्यवाणी की गई है।(5)

      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

    वे जो सत्य का पालन करते हैं और परमेश्वर के कार्य के प्रति समर्पण करते हैं, वे दूसरे देहधारी परमेश्वर – सर्वशक्तिमान—के नाम के अधीन आएँगे। वे परमेश्वर से व्यक्तिगत मार्गदर्शन पाने में सक्षम होंगे, वे अधिक उच्चतर सत्य को प्राप्त करेंगे और वास्तविक मानव जीवन ग्रहण करेंगे। वे उस दर्शन को देखेंगे जिसे अतीत के लोगों ने कभी नहीं देखा है: तब मैं ने उसे, जो मुझ से बोल रहा था, देखने के लिये अपना मुँह फेरा; और पीछे घूमकर मैं ने सोने की सात दीवटें देखीं, और उन दीवटों के बीच में मनुष्य के पुत्र सदृश एक पुरुष को देखा, जो पाँवों तक का वस्त्र पहिने, और छाती पर सोने का पटुका बाँधे हुए था। उसके सिर और बाल श्‍वेत ऊन वरन् पाले के समान उज्ज्वल थे, और उसकी आँखें आग की ज्वाला के समान थीं। उसके पाँव उत्तम पीतल के समान थे जो मानो भट्ठी में तपाया गया हो, और उसका शब्द बहुत जल के शब्द के समान था। वह अपने दाहिने हाथ में सात तारे लिये हुए था, और उसके मुख से तेज दोधारी तलवार निकलती थी। उसका मुँह ऐसा प्रज्‍वलित था, जैसा सूर्य कड़ी धूप के समय चमकता है (प्रकाशितवाक्य 1:12-16)।

14.2.19

2. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय का कार्य महान श्वेत सिंहासन का न्याय है, जिसकी प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में भविष्यवाणी की गई है।(4)

      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

      वर्तमान जीतने वाला कार्य यह स्पष्ट करने के लिए अभीष्ट है, कि मनुष्य का अन्त क्या होगा। मैं क्यों कहता हूँ कि आज की ताड़ना और न्याय अन्तिम दिनों के श्वेत सिंहासन के सामने का महान न्याय है? क्या तुम यह नहीं देखते हो? जीतने वाला कार्य अन्तिम चरण क्यों है? क्या यह निश्चित रूप से वह प्रकट करने के लिए नहीं है कि मनुष्य के प्रत्येक वर्ग का अन्त कैसे होगा?

13.2.19

2. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय का कार्य महान श्वेत सिंहासन का न्याय है, जिसकी प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में भविष्यवाणी की गई है।(3)

      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     कुछ लोग विश्वास करते हैं कि शायद परमेश्वर किसी समय पृथ्वी पर आए और लोगों को दिखाई दे, जिसके बाद वह समस्त मानवजाति का न्याय करेगा, किसी को छोड़े बिना उन्हें एक एक करके जांचेगा। ऐसे लोग जो इस रीति के सोचते हैं वे देहधारण के इस चरण के कार्य को नहीं जानते हैं। परमेश्वर एक एक करके मनुष्य का न्याय नहीं करता है, और एक एक करके मनुष्य की जांच नहीं करता है; ऐसा करना न्याय का कार्य नहीं होगा।

12.2.19

2. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय का कार्य महान श्वेत सिंहासन का न्याय है, जिसकी प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में भविष्यवाणी की गई है।(2)

     परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     परमेश्वर मौन है, और हमें कभी प्रकट नहीं हुआ, फिर भी उसका काम कभी नहीं रूका है। वह सभी भूमियों पर देखता है, सभी का नियंत्रण करता है, और मनुष्य के सभी वचनों और कर्मों को देखता है। उसका प्रबंधन चरणबद्ध है और उसकी योजना के अनुसार है। यह चुपचाप, नाटकीय प्रभाव के बिना आगे बढ़ता है, मगर उसके चरण मनुष्यों के निकटतम बढ़ते रहते हैं, और उसका न्याय का आसन तड़ित गति से ब्रह्माण्ड में तैनात होता है, और उसके तुरंत बाद हमारे बीच उसके सिंहासन का अवरोहण होता है।

11.2.19

2. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय का कार्य महान श्वेत सिंहासन का न्याय है, जिसकी प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में भविष्यवाणी की गई है।(1)

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"क्योंकि वह समय आ पहुँचा है कि पहले परमेश्‍वर के लोगों का न्याय किया जाए" (1पतरस 4:17)।
"फिर मैं ने एक बड़ा श्‍वेत सिंहासन और उसको, जो उस पर बैठा हुआ है, देखा; उसके सामने से पृथ्वी और आकाश भाग गए, और उनके लिये जगह न मिली। फिर मैं ने छोटे बड़े सब मरे हुओं को सिंहासन के सामने खड़े हुए देखा, और पुस्तकें खोली गईं; और फिर एक और पुस्तक खोली गई, अर्थात् जीवन की पुस्तक; और जैसा उन पुस्तकों में लिखा हुआ था, वैसे ही उनके कामों के अनुसार मरे हुओं का न्याय किया गया।

10.2.19

1. अनुग्रह के युग में परमेश्वर ने मानव जाति को छुटकारा दिलाया था, तो क्यों आखिरी दिनों में उसे न्याय के अपने कार्य को करने की अब भी आवश्यकता है?(9)

     परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     छ:-हज़ार-वर्षों की प्रबंधन योजना कार्य के तीन चरणों में विभाजित है। कोई भी अकेला चरण तीनों युगों के कार्य का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है बल्कि सम्पूर्ण के केवल एक भाग का ही प्रतिनिधित्व कर सकता है। यहोवा नाम परमेश्वर के सम्पूर्ण स्वभाव का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है। इस तथ्य से कि उसने व्यवस्था के युग में कार्य किया है यह साबित नहीं होता है कि परमेश्वर केवल व्यवस्था के अधीन ही परमेश्वर हो सकता है।

9.2.19

1. अनुग्रह के युग में परमेश्वर ने मानव जाति को छुटकारा दिलाया था, तो क्यों आखिरी दिनों में उसे न्याय के अपने कार्य को करने की अब भी आवश्यकता है?(8)

       परमेश्वर के प्रासंगिक वचन: 

      6000 वर्षों के परमेश्वर के प्रबधंन के कार्य को तीन चरणों में बांटा गया है: व्यवस्था का युग, अनुग्रह का युग, और राज्य का युग। इन तीन चरणों का सम्पूर्ण कार्य मानवजाति के उद्धार के लिए है, कहने का तात्पर्य है, वे ऐसी मानवजाति के उद्धार के लिए हैं जिसे शैतान के द्वारा बुरी तरह से भ्रष्ट कर दिया गया है। फिर भी, ठीक उसी समय वे इसलिए भी हैं ताकि परमेश्वर शैतान के साथ युद्ध कर सके।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...