26.12.17

परमेश्वर में अपने विश्वास में तुम्हें परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करना चाहिए



तुम परमेश्वर में विश्वास क्यों करते हो? अधिकांश लोग इस प्रश्न से हैरान हैं। उनके पास व्यावहारिक परमेश्वर और स्वर्ग के परमेश्वर के बारे में हमेशा से बिलकुल दो भिन्न दृष्टिकोण रहे हैं, जो दिखाता है कि वे आज्ञापालन के लिए नहीं, बल्कि कुछ निश्चित लाभों को प्राप्त करने, या विपत्तियों के कष्ट से बच निकलने के लिए परमेश्वर पर विश्वास करते हैं।

25.12.17

परमेश्वर का सच्चा प्यार



 आज फिर मैं परमेश्वर के सामने खड़ा हूं। दिल बहुत कुछ कहना चाहता है, जब देखता हूं उसका सुंदर मुखड़ा। छोड़ आया हूं मैं पिछली ज़िंदगी आवारगी की। उसके वचनों से मैं भर जाता हूं परमानंद से, मिलता है जो उसकी दया से।

22.12.17

कैसे ढूंढें परमेश्वर के नक़्शे-कदम



 ढूंढ रहे हैं चूंकि हम, परमेश्वर के नक़्शे-कदम, परमेश्वर की क्या इच्छा है, ढूंढ कर ही रहेंगे हम, ढूंढ कर रहेंगे हम उसके वचन और कथन। क्योंकि जहां प्रभु के नये वचन हैं, वहां प्रभु की वाणी है, जहां प्रभु के नक़्शे-कदम हैं, वहां प्रभु के काम हैं। जहां प्रभु की अभिव्यक्ति है, वहां प्रभु का अवतरण है, और जहां प्रभु का अवतरण है, वहां सत्य, मार्ग और जीवन है।

19.12.17

वास्तविकता को कैसे जानें


परमेश्वर वास्तविकता का परमेश्वर है: उसका समस्त कार्य वास्तविक है, सभी वचन जिन्हें वह कहता है वास्तविक हैं, और सभी सच्चाईयाँ जिन्हें वह व्यक्त करता है वास्तविक हैं। हर चीज़ जो उसके वचन नहीं हैं वे खोखले, अस्तित्वहीन, और अनुचित हैं।

18.12.17

सत्रहवाँ कथन



मेरी आवाज़ सभी चारों दिशाओं एवं सम्पूर्ण पृथ्वी को सुनाई देते हुए, गर्जना के समान बाहर निकलती है, और गर्जना और चमकती हुई बिजली के बीच, मानवजाति मार गिराई जाती है।

16.12.17

नौवाँ कथन


चूँकि तुम मेरे घराने के एक सदस्य हो, और चूँकि तुम मेरे राज्य में निष्ठावान हो, इसलिए तुम जो कुछ भी करते हो उसे उन मानकों को पूरा करना चाहिए जिसकी मैं अपेक्षा करता हूँ। मैं यह नहीं कहता हूँ कि तुम घुमक्कड़ बादल से ज्यादा और कुछ नहीं बनो, बल्कि तुम चमचमाती हुई बर्फ के समान बनो, और उसके सार को और उस से भी बढ़कर उसके मूल्य को धारण करो।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...