5. देह-धारी परमेश्वर और जो परमेश्वर द्वारा उपयोग में लाए जाते हैं उन लोगों के बीच सारभूत अंतर क्या है?(3)
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन
परमेश्वर के आत्मा द्वारा धारण किया हुआ देह परमेश्वर का अपना देह है। परमेश्वर का आत्मा सर्वोच्च है; वह सर्वशक्तिमान, पवित्र और धर्मी है। तो इसी तरह, उसका देह भी सर्वोच्च, सर्वशक्तिमान, पवित्र और धर्मी है। इस तरह का देह ही केवल वह करने में सक्षम है जो मानवजाति के लिए धर्मी और लाभकारी है, वह जो पवित्र, महान और शक्तिमान है, और ऐसी किसी भी चीज को करने में असमर्थ है जो सत्य या नैतिकता और न्याय का उल्लंघन करती हो, ऐसी किसी चीज को करने में तो बिल्कुल समर्थ नहीं है जो परमेश्वर के आत्मा के साथ विश्वासघात करती हो। परमेश्वर का आत्मा पवित्र है, और इस प्रकार उसका शरीर शैतान द्वारा भ्रष्ट नहीं किए जाने योग्य है; उसका शरीर मनुष्य के शरीर की तुलना में भिन्न सार का है। क्योंकि यह मनुष्य है, परमेश्वर नहीं, जो शैतान द्वारा भ्रष्ट किया जाता है; शैतान संभवतः परमेश्वर के शरीर को भ्रष्ट नहीं कर सका। इस प्रकार, इस तथ्य के बावजूद कि मनुष्य और मसीह एक ही स्थान के भीतर रहते हैं, यह केवल मनुष्य है शैतान द्वारा जिस पर प्रभुत्व किया जाता है, जिसे उपयोग किया जाता है और फँसाया जाता है। इसके विपरीत, मसीह शैतान की भ्रष्टता के प्रति शाश्वत रूप से अभेद्य है, क्योंकि शैतान कभी भी उच्चतम स्थान तक आरोहण करने में सक्षम नहीं होगा, और कभी भी परमेश्वर के निकट नहीं पहुँच पाएगा। आज, तुम सभी लोगों को यह समझ लेना चाहिए कि यह केवल मानवजाति है, जिसे शैतान द्वारा भ्रष्ट किया गया है, जो मेरे साथ विश्वासघात करती, और यह कि मसीह के लिए यह समस्या हमेशा अप्रासंगिक रहेगी।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "एक बहुत गंभीर
समस्या: विश्वासघात (2)" से
Source From:सुसमाचार से सम्बन्धित सत्य,अंतिम दिनों के मसीह के लिए गवाहियाँ
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