14.9.18

II. मानव जाति के उद्धार के लिए परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के बारे में सच्चाई के पहलू पर हर किसी को अवश्य गवाही देनी चाहिए

परमेश्वर के वचनों के उद्धरणों, व्यवस्था का युग, अनुग्रह का युग, राज्य का युग,


1. मानव जाति के प्रबंधन से सम्बंधित परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के उद्देश्य को जानो।(6)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

मनुष्य का प्रबंधन करना मेरा कार्य है, और मेरे द्वारा उसे जीत लिया जाना और भी अधिक कुछ चीज़ है जो तब नियत की गई थी जब मैंने संसार की रचना की थी। हो सकता है कि लोग नहीं जानते हों कि अंत के दिनों में मैं उन्हें पूरी तरह से जीत लूँगा और हो सकता है कि वे इस बारे में भी अनजान हों कि मानवजाति में से विद्रोही लोगों को जीत लेना ही शैतान को मेरे द्वारा हराने का प्रमाण है। परन्तु जब मेरे शत्रु मेरे साथ संघर्ष में शामिल हुए, तो मैंने उसे पहले से ही बता दिया था मैं उन सभी को जिन्हें शैतान ने बंदी बना लिया था और अपनी संतान बना लिया था और उसके घर की निगरानी करने वाले उसके वफादार सेवकों को जीतने वाला बनूँगा। ... मानवजाति, जो बहुत पहले से शैतान के पैर के नीचे रौंद दी गयी है, शुरू से ही शैतान की छवि की अभिनेता—उससे भी अधिक, शैतान का मूर्त रूप रही है, जो उस साक्ष्य के काम आ रही है "जो जोर से और स्पष्ट रूप से शैतान की गवाही देती है"। ऐसी मानवजाति, ऐसे अधम मैल का ढेर, या इस भ्रष्ट मानव परिवार की ऐसी संतान, कैसे परमेश्वर की गवाही दे सकती हैं? मेरी महिमा कहाँ से आती है? कोई मेरी गवाही के बारे में कहाँ शुरू कर सकता है? क्यों कि उस शत्रु ने, जो मानवजाति को भ्रष्ट करके मेरे विरोध में खड़ा है, पहले ही मानव जाति को दबोच लिया है—उस मानव जाति को जिसे मैंने बहुत समय पहले बनाया था और जो मेरी महिमा और मेरे जीवन से भरी थी—और उन्हें दूषित कर दिया है। इसने मेरी महिमा को छीन लिया है और इसने मनुष्य को जिस चीज़ से भर दिया है वह शैतान की कुरूपता की मिलावट वाला ज़हर, और अच्छे और बुरे के ज्ञान के वृक्ष के फल का रस है। … मैं मनुष्यों से अपनी महिमा को वापिस ले लूँगा, अपनी गवाही को जो मनुष्यों के बीच अस्तित्व में है, और उस सब को जो कभी मेरा था और जिसे मैंने बहुत पहले मानवजाति को दे दिया था, वापस ले लूँगा—मैं मानवजाति को पूरी तरह से जीत लूँगा। हालाँकि, तुम्हें पता होना चाहिए, कि जिन मनुष्यों का मैंने सृजन किया था वे पवित्र मनुष्य थे जो मेरी छवि और मेरी महिमा को धारण करते थे। वे शैतान से संबंधित नहीं थे, न ही वे इससे कुचले जाने के अधीन थे, बल्कि, शैतान के ज़रा से भी ज़हर से मुक्त, शुद्ध रूप से मेरी ही अभिव्यक्ति थे। और इसलिए, मैं मानवजाति को जानने देता हूँ कि मैं सिर्फ़ उसे चाहता हूँ कि जो मेरे हाथों द्वारा सृजित है, जो पवित्र व्यक्ति हैं, जिन्हें मैं प्रेम करता हूँ और जो किसी अन्य सत्त्व से संबंधित नहीं हैं। इससे अतिरिक्त, मैं उनमें आनंद लूँगा और उन्हें अपनी महिमा के रूप में मानूँगा। हालाँकि, जो मैं चाहता हूँ यह वह मानवजाति नहीं है जिसे शैतान ने भ्रष्ट कर दिया है, जो आज शैतान से संबंधित है, और जो अब मेरा मूल सृजन नहीं है। क्योंकि मैं अपनी उस महिमा को वापस लेना चाहता हूँ जो मानव संसार में विद्यमान है, इसलिए मैं शैतान को पराजित करने में अपनी महिमा के प्रमाण के रूप में, मानवजाति के शेष उत्तरजीवियों पर पूर्ण विजय प्राप्त करूँगा। मैं सिर्फ़ अपनी गवाही को, अपनी आनंद की वस्तु के रूप में, अपना स्वयं का निश्चित रूप धारण करने के रूप में लेता हूँ। यह मेरी इच्छा है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "एक वास्तविक मनुष्य होने का क्या अर्थ है" से

अनुशंसित  :1. मानव जाति के प्रबंधन से सम्बंधित परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के उद्देश्य को जानो।(5)

Source From:सुसमाचार से सम्बन्धित सत्य,अंतिम दिनों के मसीह के लिए गवाहियाँ से

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