मो ज़िजिआन गुआंगडॉन्ग प्रदेश
मेरा जन्म एक गरीब, दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्र में हुआ था, जहाँ हम कई पीढ़ियों से अगरबत्ती जलाते व बुद्ध की पूजा करते आए थे। उस पूरे इलाके मेँ जगह-जगह बौद्ध मंदिर हैं जहां सभी परिवार अगरबत्ती जलाने जाया करते थे; वहां किसी ने भी कभी परमेश्वर पर विश्वास नहीं किया था। 1995 में, मैं और मेरी पत्नी देश के दूसरे हिस्से में थे जहां हम प्रभु यीशु पर विश्वास किया करते थे; हमारे वापस आने के बाद, हमने सुसमाचार को साझा करना शुरू कर दिया और धीरे—धीरे इसे स्वीकार करनेवाले लोगों की संख्या 100 से ज्यादा हो गई। चूंकि परमेश्वर पर विश्वास करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही थी, इसलिए स्थानीय सरकार को यह खतरे का संकेत लगा।