बहन शुन्किउ नानयांग शहर, हेनान प्रांत
मैं सोचा करती थी कि परमेश्वर केवल तभी मनुष्य का न्याय एवं उसकी ताड़ना करता है जब वह मनुष्य के अंतर्निहित भ्रष्टाचार को प्रकट करता है या कठोर वचनों को सूचित करता है जो मनुष्य के अंत का फैसला करते है। यह तो सिर्फ काफी बाद में हुआ कि किसी घटना ने यह एहसास करने में मेरी अगुवाई की कि परमेश्वर के कोमल वचन भी उसके न्याय एवं ताड़ना थे। मुझे एहसास हुआ कि हर एक वचन जिसे परमेश्वर ने बोला वह मनुष्य के प्रति उसका न्याय था।