21.2.19

3. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय का कार्य किस तरह मानवजाति को शुद्ध करता और बचाता है?(5)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर के पास मनुष्य को सिद्ध बनाने के अनेक साधन हैं। मनुष्य के भ्रष्ट स्वभाव से निपटने के लिए वह समस्त प्रकार के वातावरण प्रयोग करता है, और मनुष्य को नग्न करने के लिए विभिन्न चीजों का प्रयोग करता है, एक और वह मनुष्य के साथ निपटता है और दूसरी ओर मनुष्य को नग्न करता है, और एक अन्य बात में वह मनुष्य के हृदय के गहन रहस्यों को खोदकर और ज़ाहिर करते हुए, और मनुष्य को उसकी अनेक अवस्थाएँ दिखा करके उसका स्वभाव दर्शाते हुए मनुष्य को प्रकट करता है।परमेश्वर अनेक विधियों—प्रकाशन, व्यवहार करने, शुद्धिकरण, और ताड़ना—के द्वारा मनुष्य को सिद्ध बनाता है, जिससे मनुष्य जान सके कि परमेश्वर व्यावहारिक है।

20.2.19

3. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय का कार्य किस तरह मानवजाति को शुद्ध करता और बचाता है?(4)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

    परमेश्वर के द्वारा मनुष्य की सिद्धता किसके द्वारा पूरी होती है? उसके धर्मी स्वभाव के द्वारा। परमेश्वर के स्वभाव मुख्यतः धार्मिकता, क्रोध, भव्यता, न्याय और शाप शामिल है, और उसके द्वारा मनुष्य की सिद्धता प्राथमिक रूप से न्याय के द्वारा होती है। कुछ लोग नहीं समझते, और पूछते हैं कि क्यों परमेश्वर केवल न्याय और शाप के द्वारा ही मनुष्य को सिद्ध बना सकता है।

19.2.19

3. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय का कार्य किस तरह मानवजाति को शुद्ध करता और बचाता है?(3)

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     इस युग के दौरान परमेश्वर द्वारा किया गया कार्य मुख्य रूप से मनुष्य के जीवन के लिए वचनों का प्रावधान करना, मनुष्य की प्रकृति के सार और भ्रष्ट स्वभाव को प्रकट करना था, धार्मिक अवधारणाओं, सामन्ती सोच, पुरानी सोच, साथ ही मनुष्य के ज्ञान और संस्कृति को समाप्त करना था। यह सब कुछ परमेश्वर के वचनों के माध्यम से अवश्य सामने लाया जाना और साफ किया जाना चाहिए। अंत के दिनों में, मनुष्य को पूर्ण करने के लिए परमेश्वर वचनों का उपयोग करता है, न कि चिह्नों और चमत्कारों का।

18.2.19

3. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय का कार्य किस तरह मानवजाति को शुद्ध करता और बचाता है?(2)


परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

    अंत के दिनों में, मसीह मनुष्य को सिखाने के लिए विभिन्न प्रकार की सच्चाइयों का उपयोग करता है, मनुष्य के सार को उजागर करता है, और उसके वचनों और कर्मों का विश्लेषण करता है। इन वचनों में विभिन्न सच्चाइयों का समावेश है, जैसे कि मनुष्य का कर्तव्य, मनुष्य को किस प्रकार परमेश्वर का आज्ञापालन करना चाहिए, हर अकेला व्यक्ति जो परमेश्वर के कार्य को मनुष्य को किस प्रकार परमेश्वर के प्रति निष्ठावान होना चाहिए, मनुष्य को किस प्रकार सामान्य मानवता से, और साथ ही परमेश्वर की बुद्धि और उसके स्वभाव इत्यादि को जीना चाहिए।

17.2.19

3. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय का कार्य किस तरह मानवजाति को शुद्ध करता और बचाता है?(1)

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"यदि कोई मेरी बातें सुनकर न माने, तो मैं उसे दोषी नहीं ठहराता; क्योंकि मैं जगत को दोषी ठहराने के लिये नहीं, परन्तु जगत का उद्धार करने के लिये आया हूँ। जो मुझे तुच्छ जानता है और मेरी बातें ग्रहण नहीं करता है उसको दोषी ठहरानेवाला तो एक है: अर्थात् जो वचन मैं ने कहा है, वही पिछले दिन में उसे दोषी ठहराएगा" (युहन्ना 12:47-48)।

16.2.19

2. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय का कार्य महान श्वेत सिंहासन का न्याय है, जिसकी प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में भविष्यवाणी की गई है।(6)

      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     न्याय का कार्य परमेश्वर का स्वयं का कार्य है, इसलिए प्राकृतिक रूप से इसे परमेश्वर के द्वारा किया जाना चाहिए; उसकी जगह इसे मनुष्य द्वारा नहीं किया जा सकता है। क्योंकि सत्य के माध्यम से मानवजाति को जीतना न्याय है, इसलिए यह निर्विवाद है कि तब भी परमेश्वर मनुष्यों के बीच इस कार्य को करने के लिए देहधारी छवि के रूप में प्रकट होता है। अर्थात्, अंत के दिनों में, मसीह पृथ्वी के चारों ओर मनुष्यों को सिखाने के लिए और सभी सत्यों को उन्हें ज्ञात करवाने के लिए सत्य का उपयोग करेगा।

15.2.19

2. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय का कार्य महान श्वेत सिंहासन का न्याय है, जिसकी प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में भविष्यवाणी की गई है।(5)

      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

    वे जो सत्य का पालन करते हैं और परमेश्वर के कार्य के प्रति समर्पण करते हैं, वे दूसरे देहधारी परमेश्वर – सर्वशक्तिमान—के नाम के अधीन आएँगे। वे परमेश्वर से व्यक्तिगत मार्गदर्शन पाने में सक्षम होंगे, वे अधिक उच्चतर सत्य को प्राप्त करेंगे और वास्तविक मानव जीवन ग्रहण करेंगे। वे उस दर्शन को देखेंगे जिसे अतीत के लोगों ने कभी नहीं देखा है: तब मैं ने उसे, जो मुझ से बोल रहा था, देखने के लिये अपना मुँह फेरा; और पीछे घूमकर मैं ने सोने की सात दीवटें देखीं, और उन दीवटों के बीच में मनुष्य के पुत्र सदृश एक पुरुष को देखा, जो पाँवों तक का वस्त्र पहिने, और छाती पर सोने का पटुका बाँधे हुए था। उसके सिर और बाल श्‍वेत ऊन वरन् पाले के समान उज्ज्वल थे, और उसकी आँखें आग की ज्वाला के समान थीं। उसके पाँव उत्तम पीतल के समान थे जो मानो भट्ठी में तपाया गया हो, और उसका शब्द बहुत जल के शब्द के समान था। वह अपने दाहिने हाथ में सात तारे लिये हुए था, और उसके मुख से तेज दोधारी तलवार निकलती थी। उसका मुँह ऐसा प्रज्‍वलित था, जैसा सूर्य कड़ी धूप के समय चमकता है (प्रकाशितवाक्य 1:12-16)।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...