परमेश्वर से प्रेम लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
परमेश्वर से प्रेम लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

5.9.19

केवल परमेश्वर को प्रेम करना ही वास्तव में परमेश्वर पर विश्वास करना है भाग दो



मनुष्य के भीतर परमेश्वर के द्वारा किए जाने वाले प्रत्येक कार्य के चरण में, बाहर से यह लोगों के मध्य परस्पर क्रिया के समान प्रतीत होता है, जैसे कि यह मानव प्रबंधों के द्वारा उत्पन्न हुआ हो, या मानविक हस्तक्षेप के माध्यम से। परन्तु पर्दे के पीछे, कार्य का प्रत्येक चरण, और घटित होने वाला सब कुछ, शैतान के द्वारा परमेश्वर के सामने चली गई बाज़ी होती है और परमेश्वर के लिए एक दृढ़ गवाह बने रहने के लिए लोगों से अपेक्षा की जाती है। उदाहरण के लिए, जब अय्यूब की परीक्षा ली जा रही थी: पर्दे के पीछे, शैतान परमेश्वर के सामने शर्त लगा रहा था, और अय्यूब के साथ जो हुआ वह मनुष्यों के कार्य थे, और मनुष्यों का हस्तक्षेप था।

4.9.19

केवल परमेश्वर को प्रेम करना ही वास्तव में परमेश्वर पर विश्वास करना है भाग एक



आज, जैसे तुम लोग परमेश्वर को जानने और प्रेम करने की कोशिश करते हो, एक प्रकार से तुम लोगों को कठिनाई और परिष्करण से होकर जाना होगा और दूसरे में, तुम लोगों को एक मूल्य चुकाना होगा। परमेश्वर को प्रेम करने के सबक से ज्यादा कुछ भी गहरा सबक नहीं है और ऐसा कहा जा सकता है कि सबक जो मनुष्य जीवन भर विश्वास करने से सीखते हैं वह परमेश्वर को किस प्रकार से प्रेम करना होता है। अर्थात् यदि तू परमेश्वर पर विश्वास करता है तो तुझे उसे प्रेम करना होगा। यदि तू केवल परमेश्वर पर विश्वास करता है परन्तु उससे प्रेम नहीं करता है, परमेश्वर का ज्ञान प्राप्त नहीं किया है, और कभी भी परमेश्वर को अपने हृदय से निकलने वाले सच्चे प्रेम से प्रेम नहीं किया है, तो परमेश्वर पर तेरा विश्वास करना व्यर्थ है; यदि परमेश्वर पर अपने विश्वास में, तू परमेश्वर से प्रेम नहीं करता है, तो तू व्यर्थ में ही जी रहा है, और तेरा सम्पूर्ण जीवन सभी जीवन से सबसे निम्न स्तर पर है।

27.6.19

28. सही मायने में एक अच्छे व्यक्ति का मानदंड

मोरान लीन्यी शहर, शानडोंग प्रांत
जब से मैं एक बच्ची थी, मैंने हमेशा, दूसरे लोग मुझे कैसे देखते हैं और उनका मेरे लिए मूल्यांकन क्या है, इस बात को बहुत महत्व दिया। ताकि मैंने जो कुछ भी किया उसके लिए दूसरों से प्रशंसा प्राप्त कर सकूँ, जब भी कोई बात उठी, मैंने तब भी किसी से कोई तर्क नहीं किया, ताकि मेरी अच्छी छवि जो लोगों में मेरे लिए थी वह बनी रहे। अंत के दिनों में परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करने के बाद, मैंने इसी तरीके से काम किया, जैसी अच्छी छवि मेरे भाइयों और बहनों में मेरे लिए थी उसे जिस तरह भी संभव हो कायम रखा।इससे पहले, जब मैं कार्य-प्रभारी थी, मेरा नेता अक्सर कहता था कि मेरा प्रदर्शन एक "हाँ-कहने वाला व्यक्ति," की तरह था और ऐसा प्रदर्शन नहीं था जो सच्चाई को अभ्यास में लाता है। मैंने कभी इसे दिल पर नहीं लिया, बल्कि इसके विपरीत अगर अन्य लोगों ने मुझे एक अच्छे व्यक्ति के रूप में माना, तब मुझे संतुष्टि हुई।

अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...