28.11.18

7. यह क्यों कहा जाता है कि परमेश्वर का दो बार देहधारी होना देह-धारण की महत्ता को पूरा करता है?(9)

      परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     चाहे इस चरण में देहधारी परमेश्वर कठिनाईयों को सह रहा हो या अपनी सेवकाई को कर रहा हो, वह इसे केवल देहधारण के अर्थ को पूरा करने के लिए करता है, क्योंकि यह परमेश्वर का अंतिम देहधारण है। परमेश्वर केवल दो बार देहधारण कर सकता है। कोई तीसरी बार नहीं हो सकता है। पहला देहधारण पुरुष था; दूसरा स्त्री था, और इसलिए परमेश्वर की देह की छवि मनुष्य के मन में पूर्ण होती है; इसके अलावा, दो देहधारणों ने परमेश्वर के कार्य को देह में पहले ही समाप्त कर लिया है। देहधारण के अर्थ को पूरा करने के लिए पहली बार परमेश्वर के देहधारण ने सामान्य मानवता को धारण किया। इस बार भी वह सामान्य मानवता को धारण करता है, किन्तु इस देहधारण का अर्थ भिन्न है: यह अधिक गहरा है, और उसका कार्य अधिक गहन महत्व का है। परमेश्वर के पुनः देहधारी होने का कारण देहधारण के अर्थ को पूरा करना है। जब परमेश्वर इस चरण के कार्य को पूरी तरह से समाप्त कर लेगा, तो देहधारण का सम्पूर्ण अर्थ, अर्थात्, देह में परमेश्वर का कार्य, पूर्ण हो जाएगा, और देह में करने के लिए अब और कार्य बाकी नहीं रह जाएगा। अर्थात्, अब से आगे परमेश्वर अपने कार्य को करने के लिए कभी भी पुनः देहधारण नहीं करेगा।


"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर द्वारा आवासित देह का सार" से

Source From:सुसमाचार से सम्बन्धित सत्य,अंतिम दिनों के मसीह   के लिए गवाहियाँ,  I. परमेश्वर के देह-धारण से सम्बंधित सत्य के पहलू पर हर किसी को गवाही देनी चाहिए से

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अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

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