(3) राज्य के युग में परमेश्वर के कार्य का उद्देश्य और महत्व
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
आज, परमेश्वर मुख्य रूप से "वचन का देह में प्रकट होना" के कार्य को पूरा करने, वचन को मनुष्यों को पूर्ण बनाने में उपयोग करने, और मनुष्य से वचन के व्यवहार और शुद्धिकरण को स्वीकार करवाने के लिए देह बना है। अपने वचनों में वह तुम्हें कृपा और जीवन प्राप्त करने का कारण बनता है; उसके वचनों में, तुम उसके कार्य और कर्मों को देखते हो। तुम्हें ताड़ना देने और तुम्हारे शुद्धिकरण के लिए परमेश्वर वचन का उपयोग करता है, और इस प्रकार यदि तुम्हें कठिनाई सहनी पड़ती है, तो यह भी परमेश्वर के वचन के कारण है। आज, परमेश्वर तथ्यों का नहीं, बल्कि वचनों का उपयोग करके कार्य करता है। केवल जब उसके वचन तुम पर आ जाएँ तभी पवित्रात्मा तुम्हारे भीतर कार्य कर सकता है, और तुम्हें पीड़ा भुगतने या मिठास का अनुभव करने का कारण बन सकता है। केवल परमेश्वर का वचन ही तुम्हें वास्तविकता में ला सकता है, और केवल परमेश्वर का वचन ही तुम्हें पूर्ण बनाने में सक्षम है। और इसलिए, कम से कम तुम्हें यह समझना चाहिए कि अंत के दिनों में परमेश्वर के द्वारा किया गया कार्य मुख्य रूप में प्रत्येक व्यक्ति को पूर्ण बनाने और मनुष्य का मार्गदर्शन करने के लिए उसके वचन का उपयोग है। जो कुछ भी कार्य वह करता है वह सब वचन के द्वारा किया जाता है; वह तुम्हें ताड़ना देने के लिए तथ्यों का उपयोग नहीं करता है। … और इसलिए, अंत में दिनों में जब परमेश्वर देहधारी होता है, तो सब कुछ सम्पन्न करने, और सब कुछ स्पष्ट करने के लिए वह मुख्य रूप से वचन का उपयोग करता है। केवल उसके वचनों में ही तुम देख सकते हो कि वह क्या है; केवल उसके वचनों में ही तुम देख सकते हो कि वह परमेश्वर स्वयं है। जब देहधारी परमेश्वर पृथ्वी पर आता है, तो वह वचन बोलने के अलावा कोई अन्य कार्य नहीं करता है—इस कारण से तथ्यों की कोई आवश्यकता नहीं होती है; वचन काफ़ी हैं। ऐसा इसलिये है क्योंकि वह मुख्य रूप से इसी कार्य को करने के लिए, मनुष्यों को उसके वचनों की सामर्थ्य और सर्वोच्चता को देखने देने, मनुष्यों को यह देखने देने कि वह कैसे विनम्रता पूर्वक अपने आप को अपने वचनों में छिपाता है, और अपने वचनों में अपनी समग्रता को मनुष्य को जानने देने के लिए, आया है। जो कुछ भी वह है और उसके पास है वह उसके वचनों में है, उसकी बुद्धि और चमत्कारिकता उसके वचनों में है। इसमें तुम्हें उन कई तरीकों को दिखाया जाता है जिनके द्वारा परमेश्वर अपने वचनों को बोलता है। … आज, देह वाला वास्तविक परमेश्वर स्वयं केवल बोलता है, और कार्य नहीं करता है। यही सत्य है! वह तुम्हें पूर्ण बनाने के लिए वचनों का उपयोग करता है, वह तुम्हें भोजन और पानी देने के लिए वचनों का उपयोग करता है। वह कार्य करने के लिए वचनों का उपयोग करता है, और वह तुम्हें अपनी वास्तविकता का ज्ञान कराने के लिये तथ्यों के स्थान पर अपने वचन का उपयोग करता है। यदि तुम परमेश्वर के कार्य के इस पहलू को समझने में सक्षम हो, तो तुम्हारे लिये निष्क्रिय बने रहना कठिन है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर के वचन के द्वारा सब कुछ प्राप्त हो जाता है" से
Source From:सुसमाचार से सम्बन्धित सत्य,अंतिम दिनों के मसीह के लिए गवाहियाँ
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