काम परमेश्वर का सदा बढ़ता रहता है,
मगर उसका इरादा सदा एक सा रहता है,
बस बदलते हैं काम करने के साधन सदा,
बदलते हैं उसके चाहने वाले सदा,
काम परमेश्वर के जो होंगे ज़्यादा,
लोग भी परमेश्वर को जानेंगे पूरी तरह,
उसके काम के संग-संग इंसान का स्वभाव बदलता है।
काम परमेश्वर का सदा बढ़ता रहता है,
नहीं होता पुराना, सदा नया रहता है,
वो करता है जो उसे दोहराता नहीं है,
जो ना पहले हुआ काम, वो करता वही है।
काम प्रभु वही करता नहीं,
होता है कामों में हर पल नयापन,
वचन भी नए हैं उसके,
करता है तुम पर भी हर दिन नये काम,
यही है प्रभु के जो करता है वो काम,
अद्भुत है सब कुछ, है बिल्कुल ही अद्भुत,
बदलता है सब कुछ परमेश्वर वही है,
हां जो कहावत है वो सच में वही है।
काम परमेश्वर का सदा बढ़ता रहता है,
नहीं होता पुराना सदा नया रहता है,
वो करता है जो उसे दोहराता नहीं है,
जो ना पहले हुआ काम वो करता वही है।
काम परमेश्वर का सदा ही बदलता है,
पवित्र आत्मा के काम से अनजाने हैं जो लोग,
सच्चाई के रास्ते से बेगाने हैं जो लोग,
वही सबसे ज़्यादा परमेश्वर के विरोधी हैं,
मगर बदला है ना कभी बदलेगा सार परमेश्वर का,
प्रभु तत्व है जैसा वैसा रहेगा, प्रभु शैतान की तरह कभी ना बनेगा,
इसके माने नहीं कि काम उसका बदलता नहीं,
उसका सार-तत्व अटल है जो कभी बदलता नहीं,
मगर कैसे समझाओगे इस बात को तुम,
“सदा है नया उसका काम, पुराना नहीं है?”,
वो बढ़ता ही जाता है रुकता नहीं है,
इरादे दिखाता है वो दुनिया को अपने, इरादे जताता है वो इंसां को अपने।
काम परमेश्वर का सदा बढ़ता रहता है,
नहीं होता पुराना सदा नया रहता है,
वो करता है जो उसे दोहराता नहीं है,
जो ना पहले हुआ काम वो करता वही है।
जो ना पहले हुआ काम, वो करता वही है।
वो करता वही है, वो करता वही है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से
चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।
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