Hindi Christian Movie Trailer "मौत के मुंह से" | God Gave Me a Second Life
अठत्तर साल की बूढी लियू झेन, एक आम देहाती गृहिणी है। परमेश्वर में विश्वास करने के बाद से, उसे हर दिन परमेश्वर के वचन पढ़ने, उनकी यशगान स्तुति करने और अक्सर अपने भाई-बहनों के साथ संगति करने में अनिर्वचनीय आनंद की अनुभूति होती … लेकिन हर अच्छी चीज़ अस्थाई होती है। उसे चीनी कम्युनिस्ट सरकार गिरफ्तार कर यातना देती है और एक भयंकर स्थिति में डाल देती है। पुलिस उसे तीन बार पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन ले जाती है और उसे चेतावनी देती है कि वह अब परमेश्वर में विश्वास करना छोड़ दे। वे उसकी निगरानी करते हैं और उसे डराने के लिए उसके घर पहुँच जाते हैं। चीनी कम्युनिस्ट सरकार के दबाव में आकर, उसका पति, बेटा और बहू भी परमेश्वर में उसके विश्वास का विरोध करते हैं और उस पर पाबंदी लगा देते हैं। इस पीड़ा के दौरान वह सच्चे मन से परमेश्वर में अपनी आस्था बनाए रखती है और उनसे याचना करती है। परमेश्वर के वचनों से उसकी आस्था मज़बूत होती है और उसे शक्ति मिलती है, जिससे उसे इस उत्पीड़न और परेशानियों में दृढ़ता से खड़े रहने का बल मिलता है। उत्पीड़न के चरम पर जब वह पूरी तरह से स्वयं को असहाय पाती है तो वह कातरता से परमेश्वर को पुकारती है। परमेश्वर उसकी प्रार्थना सुनकर उसे मार्ग दिखाते हैं। एक शाम, अचानक वह अपनी चेतना खो देती है और होश में नहीं आ पाती। डॉक्टर कहता है कि उसे बचाया नहीं जा सकता है और उसके परिवार को उसकी अंतिम क्रिया की तैयारी करने के लिये कह देता है। लेकिन ठीक 18 घंटों के बाद, वह चमत्कारिक रूप से होश में आ जाती है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर के इस चमत्कार से उसके आस-पास के लोग चकित रह जाते हैं और उस वृद्धा के लिए एक नया मार्ग खुल जाता है। ... इस अनुभव के बाद, लियू झेन को गहन समझ प्राप्त होती है कि जीवन अनिश्चित है और इसे हम में से कोई नियंत्रित नहीं कर सकता-केवल परमेश्वर ही लोगों के भाग्यनियंता हैं और हमारा जीवन, मृत्यु, भाग्य और दुर्भाग्य सब उन्हीं के हाथों में है। उसे यह भी अनुभूति होती है कि हमारी पीठ पर केवल ईश्वर का हाथ है, वही हैं जो हमेशा हमारी सहायता करते हैं और केवल उन्हीं पर हम भरोसा कर सकते हैं, निर्भर रह सकते हैं!
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