आरंभ से आज तक किए गए कार्य के सभी तीन चरण परमेश्वर स्वयं के द्वारा किए गए थे और एक ही परमेश्वर के द्वारा किए गए थे। कार्य के तीन चरणों की वास्तविकता समस्त मानवजाति की परमेश्वर की अगुआई की वास्तविकता है, एक ऐसा तथ्य जिसे कोई नकार नहीं सकता है। कार्य के तीन चरणों के अंत में, सभी चीज़ें उसके प्रकारों के आधार पर वर्गीकृत की जाएँगी और परमेश्वर के प्रभुत्व के अधीन लौट जाएँगी, क्योंकि सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में केवल इसी एक परमेश्वर का अस्तित्व है, और कोई दूसरा धर्म नहीं है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों को जानना ही परमेश्वर को जानने का मार्ग है" से
यदि तुम्हें कार्य के तीन चरणों की स्पष्ट जानकारी है—कहने का अर्थ है, कि परमेश्वर का प्रबंधन का सम्पूर्ण कार्य—और यदि तुम वर्तमान के चरण के साथ परमेश्वर के कार्य के पिछले दोनों चरणों को पूरी तरह से सह-सम्बन्धित कर सकते हो, और देख सकते हो कि यह कार्य एक ही परमेश्वर के द्वारा किया गया है, तो तुम्हारे पास कोई दृढ़ आधार नहीं होगा। कार्य के तीनों चरण एक ही परमेश्वर के द्वारा किए गए थे; यही सबसे महान दर्शन है और परमेश्वर को जानने का एकमात्र मार्ग है। कार्य के तीनों चरण केवल स्वयं परमेश्वर के द्वारा ही किए गए हो सकते हैं, और कोई भी मनुष्य इस प्रकार का कार्य उसकी ओर से नहीं कर सकता है—कहने का तात्पर्य है कि आरंभ से लेकर आज तक केवल परमेश्वर स्वयं ही अपना स्वयं का कार्य कर सकता था।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों को जानना ही परमेश्वर को जानने का मार्ग है" से
Source From:सुसमाचार से सम्बन्धित सत्य,अंतिम दिनों के मसीह के लिए गवाहियाँ, II. मानव जाति के उद्धार के लिए परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के बारे में सच्चाई के पहलू पर हर किसी को अवश्य गवाही देनी चाहिए
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