The Power of Faith in God | Hindi Christian Video | "सत्रह? जाहिल कहीं के!"
"बच्चे! क्या तुम जानते हो कि कम्युनिस्ट पार्टी नास्तिक है और परमेश्वर में विश्वास करने के खिलाफ है? चीन में, कौन सा परमेश्वर है जिस पर तुम विश्वास करते हो? तुम्हारा यह परमेश्वर कहां है?" "यह मत समझो कि तुम बच्चे हो, हम तुम पर दया करेंगे! अगर तुम परमेश्वर में विश्वास करना जारी रखते हो, तो तुम्हें जान से मार दिया जायेगा!" हाथों में बिजली की छड़ें लेकर चीनी कम्युनिस्ट पुलिस इस लड़के के पीछे भागती है जिसका शरीर घावों से भरा है।
इस लड़के का नाम गाओ लियांग है और उस समय उसकी उम्र 17 साल थी। जब चीनी कम्युनिस्ट पुलिस ने उसे हिरासत में लिया तब वह एक बुजुर्ग भाई के साथ सुसमाचार का प्रचार करके घर लौट रहा था। पुलिस ने उसे तीन दिनों और तीन रातों तक न तो कुछ खाने को दिया और न ही सोने दिया। उन्होंने उससे पूछताछ की, उससे सब कुछ कुबूल करवाने की कोशिश की और उसे क्रूर यातना दी। उन्होंने बिजली की छड़ों का इस्तेमाल करके उसकी ठोंड़ी, उसके दोनों हाथों और शरीर के निचले हिस्से में झटके भी दिए। उन्होंने उसे परमेश्वर को धोखा देने और कलीसिया के अगुवाओं के बारे में जानकारी देने के लिए मजबूर करने की पूरी कोशिश की। उन्होंने धमकी देकर कलीसिया के वित्तीय संसाधनों का पता लगाने की भी कोशिश की। इसमें उसके माता-पिता को हिरासत में लेने और उसे स्कूल से निकलवाने की धमकी देना भी शामिल था। अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर पाने में असमर्थ होकर, चीनी कम्युनिस्ट सरकार ने उसे मजदूरी करते हुए फिर से एक साल की शिक्षा प्राप्त करने की सजा दी। कारावास में, गाओ लियांग को न केवल अत्यधिक श्रम करना पड़ा बल्कि उसने अपमान और पीड़ा को भी झेला। कारावास में, गाओ लियांग ने जो कुछ अनुभव किया उसे धरती पर केवल नर्क कहा जा सकता है। इस पीड़ामय शुद्धिकरण के दौरान, गाओ लियांग ने परमेश्वर से प्रार्थना की और परमेश्वर पर भरोसा किया। सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों ने उसे परमेश्वर के इरादों को समझने का ज्ञान दिया। इससे उसे विश्वास और बल मिला और इसने उसका मार्गदर्शन किया जिससे वह कारावास में अपना एक साल बिता पाया। चीनी कम्युनिस्ट सरकार के उत्पीड़न और गिरफ्तारी की गहरी छाप गाओ लियांग के हृदय में अंकित हो गई। उसने चीनी कम्युनिस्ट सरकार के दुष्ट सार और परमेश्वर के प्रति उसके विरोध को साफ़ तौर पर देखा और गहराई से अनुभव किया। इस संसार में, जहां शैतान की शक्तियां प्रबल हैं, वहां केवल परमेश्वर ही मनुष्य से प्रेम करता है। केवल परमेश्वर ही मनुष्य को बचा सकता है। परमेश्वर का अनुसरण करने का उसका विश्वास और उसकी इच्छाशक्ति और भी अधिक मजबूत हो गई। गाओ लियांग कहता है कि ये परीक्षाएं और कष्ट उसके जीवन की प्रगति और विकास के लिए मूल्यवान खजानें हैं। यह एक विशेष उपहार था जो परमेश्वर ने उसके 17वें जन्मदिन पर उसे दिया था..
स्रोत:सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया
अनुशंसित :"गहरी सर्दी में"
स्रोत:सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया
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