29.7.17

एक वास्तविक मनुष्य का क्या अर्थ है

सर्वशक्तिमान परमेश्वर

मनुष्य का प्रबंध करना मेरा कार्य है, और जब मैंने संसार को बनाया मेरे द्वारा उसे जीत लिया जाना, उस से भी अधिक पूर्व निर्धारित था | लोग नहीं जानते हैं कि अंतिम दिनों में मैं उन्हें पूरी तरह से जीत लूँगा, और वे इसके बारे में भी अनजान हैं कि मानव जाति के अवज्ञाकारीसदस्यों को जीत लेना ही शैतान को मेरे द्वारा हराने का प्रमाण है| परन्तु मैंने अपने शत्रु को पहले से ही बता दिया था जब उसने मेरे साथ संघर्ष किया कि मैं उन सभी का जीतने वाला बनूँगा जो शैतान के द्वारा ले लिए गए थे और बहुत पहले उसकी संतान बन गए थे, और उसके वफादार सेवक उसके घर की निगरानी करने लगे थे|

19.7.17

विश्वासियों को क्या दृष्टिकोण रखना चाहिए


वो क्या है जो मनुष्य ने प्राप्त किया है जब उसने सर्वप्रथम परमेश्वर में विश्वास कियाआपने परमेश्वर के बारे में क्या जाना हैपरमेश्वर में अपने विश्वास के कारण आप कितने बदले हैंअब आप सभी जानते हैं कि परमेश्वर में विश्वास आत्मा की मुक्ति और देह के कल्याण के लिए ही नही हैऔर न ही यह आपके जीवन को परमेश्वर के प्रेम से सम्पन्न बनाने के लिएइत्यादि है। जैसा यह हैयदि आप परमेश्वर को सिर्फ़ देह के कल्याण के लिए या क्षणिक आनंद के लिए प्रेम करते हैंतो भले हीअंत मेंपरमेश्वर के लिए आपका प्रेम इसके शिखर पर पहुँचता है और आप कुछ भी नहीं माँगतेयह “प्रेम” जिसे आप खोजते हैं अभी भी अशुद्ध प्रेम होता हैऔर परमेश्वर को भाने वाला नहीं होता। वे लोग जो परमेश्वर के लिए प्रेम का उपयोग अपने बोझिल जीवन को सम्पन्न बनाने और अपने हृदय के एक शून्य को भरने के लिए करते हैंये वे हैं जो अपने जीवन को आसानी से जीना चाहते हैंना कि वे जो सचमुच में परमेश्वर को प्रेम करना चाहते हैं। इस प्रकार का प्रेम व्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध होता है,भावनात्मक आनंद की खोज होता हैऔर परमेश्वर को इस प्रकार के प्रेम की आवश्यकता नहीं है।


14.7.17

परिचय

"संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन" मसीह द्वारा व्यक्त किए गए वे कथन हैं, जिसमें वे स्वयं परमेश्वर की पहचान का प्रयोग करते हैं। वे 20 फरवरी, 1992 से 1 जून 1992 तक की अवधि को आवृत करते हैं, और इसमें कुल सैंतालीस कथनों का समावेश है। "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन" में परमेश्वर आत्मा के परिप्रेक्ष्य से अपने वचनों को व्यक्त करते हैं। जिस ढंग से वे बोलते हैं वह निर्मित मानवजाति द्वारा अप्राप्य है। इसके अतिरिक्त, उनके वचनों की शब्दावली और शैली सुंदर और मर्मस्पर्शी है, और मानव साहित्य का कोई भी रूप उनका स्थान नहीं ले सकता है।

आंतरिक लगाव के गीत








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आंतरिक लगाव के गीत

वे यहाँ हैं, वे ईश्वर जो इंसान के रूप में हैंI
वे जो कहते हैं, जो करते हैं, सब सत्य हैI
उनके ज्ञान, उनकी सच्चाई, सब से प्यार मैं करता हूँI
उनसे मिलकर, उनके साथ से, मैं तो धन्य हो गयाI
वे यहाँ हैं, वे ईश्वर जो इंसान के रूप में हैंI
वे जो कहते हैं, जो करते हैं, सब सत्य हैI





पुकारने की आवाज

गतिविधि Iगतिविधि Iगतिविधि Iगतिविधि Iगतिविधि Iगतिविधि Iगतिविधि I
सर्वशक्तिमान की आह
भ्रष्ट मानवजाति का दुःख
मनुष्य सदियों से परमेश्वर के साथ चलता आया है,
फिर भी मनुष्य नहीं जानता है कि परमेश्वर सभी बातों पर, जीवित प्राणियों के भाग्य पर शासन करते हैं
या सभी बातों को परमेश्वर किस प्रकार से योजनाबद्ध या निर्देशित करते हैं।

13.7.17

ईश्वर का संरक्षण सदा मानवजाति के लिए है





ईश्वर का संरक्षण सदा मानवजाति के लिए है

देखते हैं ईश्वर अपनी सृष्टि, हैं देखते, दिन-प्रतिदिन, निहारते।
विनय से छिप कर वे, मानव-जीवन परखते, इंसाँ के हर काम देखते।
कौन हैं जो सच में प्रभु को समर्पित हुए?
किसी ने किया कभी सच्चाई की साधना?
किसने माना प्रभु को ह्रदय से, वादे निभाए और, 

कर्तव्य पूरे किये?
किसने बसाया प्रभु को कभी अपने ह्रदय में?
किसने प्रभु को अपने प्राणों सा प्यारा माना?
किसने देखा उनके दिव्य पूर्ण रूप को,


मैं रखूँगा दिल में तुझे, हमेशा के लिए
तू मेरे साथ है, हर एक मौसम में।
देख तेरा तनहा ये रुख, दिल में उठता है ग़मों का सैलाब।
मैंने बांटा कभी ना ग़म तेरा, और न जाना तेरी तन्हाई।
सुनकर भी तेरी गुज़ारिश हर बार, मैं हूँ ज़िद से भरा।
सदा दुखाता हूँ दिल, और करता हूँ नाउम्मीद।
सिर्फ पाकर ही सज़ा, सिर्फ पाकर ही सज़ा।
तेरे संग रहकर भी, नहीं हूँ सच्चा हमसफ़र।
नहीं मुझमें अहसास कोई, ना मैं समझा, तेरी मुश्किलें।


हवस-ओ-ख्वाहिश के लिए, भूला नीति और सच्चाई भी।
और पछताया जब, तेरा दिल तोड़ चुका था मैं।
मुझे ग़म का भी अहसास नहीं, तेरे दर्द के गहराई की।
बदी के दर्द से कराहते, फैलाये लालची हाथ भीख के लिए।
किसमें है ज़मीर और अहसास कि बाँट ले, परेशानी तेरी?
तू है सबसे रहमदिल, प्यार है अनमोल और सच।
कौन है सुन्दर तुमसे भी, और तुमसे बढ़कर सम्मानित!
तेरे संग-संग मैं रहूँ सदा, बन जाऊं तेरी परछाईं।
तेरे संग-संग मैं रहूँ सदा, बन जाऊं तेरी परछाईं।
तू है सबसे रहमदिल, प्यार है अनमोल और सच।
कौन है सुन्दर तुमसे भी, और तुमसे बढ़कर सम्मानित!
तेरे संग-संग मैं रहूँ सदा, बन जाऊं तेरी परछाईं।
तेरे संग-संग मैं रहूँ सदा, बन जाऊं तेरी परछाईं।
ख़ुशी और सुख सदा, तेरे चेहरे पर दिखे।
मेरा दिल तेरा आशियाँ, हो सदा के लिए।
ख़ुशी और सुख सदा, तेरे चेहरे पर दिखे।
मेरा दिल तेरा आशियाँ, हो सदा के लिए।
रहे मेरे दिल में तू, सदा के लिए।
मेमने का अनुसरण करना और नए गीत गाना





अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य के बारे में बाइबिल की भविष्यवाणियाँ

     संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:      "पिता किसी का न्याय नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है" (यूहन...