परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
समय की प्रत्येक अवधि में, परमेश्वर नया कार्य आरम्भ करेगा, और प्रत्येक अवधि में, मनुष्य के बीच में एक नई शुरुआत होगी। यदि मनुष्य केवल इन सच्चाईयों में ही बना रहता है कि "यहोवा ही परमेश्वर है" और "यीशु ही मसीहा है," जो ऐसी सच्चाईयां हैं जो केवल एक अकेले युग पर ही लागू होती हैं, तो मनुष्य कभी भी पवित्र आत्मा के कार्य के साथ कदम नहीं मिला पाएगा, और वह हमेशा पवित्र आत्मा के कार्य को हासिल करने में असमर्थ रहेगा।